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...तो इसलिए डायबिटीज पेशेंट को होता है कब्ज, जानें इसके लक्षण, बचाव और कारण, इग्नोर करना पड़ेगा भारी - Constipation In Diabetes Patient

Constipation In Diabetes Patient: इन दिनों कब्ज शुगर पेशेंट के लिए एक ऐसी समस्या है जिसके चलते पेट ठीक से साफ नहीं होता, इसके साथ ही शौच के दौरान उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस खबर के माध्यम से जानेंगे कि डायबिटीज और कब्ज के बीच क्या संबंध है. कैसे शुगर पेशेंट को कब्ज की समस्या घेर लेती है.

Constipation In Diabetes Patient:
तो इसलिए डायबिटीज पेशेंट को होता है कब्ज (CANVA)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Sep 6, 2024, 7:36 AM IST

हैदराबाद : इन दिनों कब्ज की समस्या सामान्य हो गई है. कब्ज असहज और चिंताजनक हो सकता है. अगर आपको सामान्य से कम मल त्याग हो रहा है, मल त्यागने में लंबा समय लग रहा है या मल कठोर है, तो आपको कब्ज हो सकता है. लगभग हर किसी को कभी न कभी अपने जीवन काल के दौरान कब्ज का अनुभव होता है, और युवा लोगों की तुलना में वृद्ध लोगों में इस स्थिति का अनुभव होने की संभावना अधिक होती है. लेकिन अच्छी खबर यह है कि अधिकांश समय कब्ज गंभीर नहीं होता है और इसका इलाज संभव है.

लोगों को कब्ज की समस्या खानपान में बदलाव के कारण होता है. कब्ज से पीड़ित लोगों को मल त्याग करने में परेशानी होती रहती है. ऐसे में इससे उच्च रक्तचाप, गठिया जैसी अन्य समस्याएं भी आ सकती है. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेद के डॉ. एम राज्यलक्ष्मी ने आसान घरेलू उपाय अपनाने का सुझाव दिया है. इससे पहले यह जान लें कि शुगर के मरीजों में कब्ज के क्या कारण होते हैं.

डायबिटीज और कब्ज के बीच क्या है संबंध
डायबिटीज और कब्ज के बीच एक संबंध हो सकता है. डायबिटीज सीधे या परोक्ष रूप से कब्ज का कारण बन सकता है. कुछ जुलाब एक उपयुक्त उपचार हो सकते हैं, लेकिन अन्य रक्त शर्करा में वृद्धि का कारण बन सकते हैं. डायबिटीज के कारण लगातार ब्लड शुगर लेवल हाई हो सकता है, जिससे तंत्रिका क्षति हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप कब्ज हो सकता है. कब्ज के लक्षण असुविधाजनक हो सकते हैं.

कब्ज के लक्षण
कब्ज होने का मतलब है कि आपका मल त्याग कठिन है या सामान्य से कम बार होता है। अगर आपको सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग होता है, तो आपको कब्ज़ हो सकता है. मल त्याग के बीच का सामान्य समय हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है. कुछ लोगों को दिन में तीन बार मल त्याग करना पड़ता है. जबकि अन्य लोगों को सप्ताह में बस कुछ बार मल त्याग करना पड़ता है. लेकिन बिना इसके 3 दिन से ज़्यादा समय गुज़ारना आम तौर पर बहुत लंबा होता है। 3 दिन के बाद, आपका मल सख्त हो जाता है और उसे पास करना ज्यादा मुश्किल हो जाता है.

  • कब्ज के लक्षणों में शामिल हैं
    सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग
  • मल त्याग में कठिनाई
  • गांठदार या सख्त मल
  • अवरुद्ध होने या पूरी तरह से खाली न होने का एहसास.
  • कब्ज का क्या कारण है?
  • बुजुर्गों में होने वाली कई सामान्य चिकित्सा स्थितियां, साथ ही दवाएं, कब्ज का कारण बन सकती हैं.

चिकित्सा स्थितियां
सामान्य मल त्याग के लिए उपयोग की जाने वाली मांसपेशियों या तंत्रिकाओं को प्रभावित करने वाले विकार- उदाहरण के लिए, स्ट्रोक, पार्किंसंस रोग, या रीढ़ की हड्डी की चोट - कब्ज का कारण बन सकते हैं.

पर्याप्त फाइबर न खाना. पर्याप्त पानी न पीना ( निर्जलीकरण ). पर्याप्त व्यायाम न करना. आपकी नियमित दिनचर्या में परिवर्तन, जैसे यात्रा करना, भोजन करना, या अलग-अलग समय पर सोना कब्ज के कारण बन सकते है.

हार्मोन या मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करने वाली स्थितियां, जैसे कि मधुमेह, भी कब्ज का कारण बन सकती हैं.

अन्य मेडिकल कंडिशन जो कब्ज का कारण बन सकती हैं, उनमें ट्यूमर या अन्य रुकावटें, पेल्विक फ्लोर विकार और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार जैसे कि चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम शामिल हैं.

इसके अलावा, अल्जाइमर रोग या मनोभ्रंश के किसी अन्य रूप जैसी बीमारियों वाले लोग जो उनके आहार और दैनिक आदतों को प्रभावित करते हैं, उन्हें कब्ज का अनुभव होने की अधिक संभावना हो सकती है.

कब्ज के कारण

कब्ज होने का कारण सिर्फ खानपान में बदलाव नहीं है, बल्कि इसके कई अन्य कारण है:

  • सुस्त जीवन शैली,
  • भोजन का अनियमित सेवन,
  • आहार में फाइबर की कमी,
  • शरीर में पानी की कमी, (प्रतिदिन 8 गिलास से कम)
  • कॉफी और चाय का अधिक सेवन, (प्रति दिन चार कप से अधिक)
  • शराब का सेवन और धूम्रपान,
  • चिंता और तनाव.

कब्ज से निपटने के उपाय

डॉ. राज्यलक्ष्मी ने कब्ज ने छुटकारा पाने के घरेलू उपाय दिए है:

1. 100 एमएल गुनगुने दूध में 2 छोटा चम्मच घी मिलाकर सोने से पहले पिये.

2. रोजाना खाली पेट 2 छोटा चम्मच एरंड के तेल का सेवन करें, जब तक कब्ज ठीक न हो.

3. दिन में दो बार 100 एमएल गुनगुने पानी में 1/2 चम्मच सौंफ मिलाकर खाने के 1 घंटे पहले या बाद में सेवन करें.

4. 1-2 छोटा चम्मच (5 से 10 ग्राम) इसबगोल पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर सोने से पहले सेवन करें.

5. सोने से पहले 1 छोटे चम्मच (5 ग्राम) त्रिफला चूर्ण 100 एमएल गुनगुने पानी में मिलाकर पियें.

6. एक ग्लास पानी में 2-4 अंजीर 4 घंटे के लिए भिगाने के बाद सेवन करें.

7. एक ग्लास पानी में 20 किशमिश 12 घंटे के लिए भिगाने के बाद पानी के साथ सेवन करें. (मधुमेह के मरीज इसका सेवन न करें)

जीवनशैली में करें बदलाव :

  • रोजाना सुबह 30-45 मिनट सैर करें.
  • उठने के बाद खाली पेट 2 ग्लास (1 लीटर) गुनगुना पानी पिये.
  • अपने भोजन में मौसमी और फाइबर से भरपूर और हरी सब्जियां और फल शामिल करें.
  • रोजाना कम से कम 8-10 ग्लास पानी पिये.
  • खाना खाते समय पानी न पियें, जरूरत पड़ने पर एक घूंट पी लें.
  • हर खाने के 30 मिनट बाद एक ग्लास गुनगुना पानी पिये.
  • हर खाने के तुरंत बाद कम से कम 100 कदम चलें.
  • खाने के बाद 5-10 मिनट के लिए वज्रासन करें.
  • तला-भुना खाना, मिठाई और सोडा वाले पेय के सेवन से बचें.
  • ध्यान और प्रणायम कर तनाव और चिंता को दूर भगाएं.

इसलिए, यदि आप खुद में ऐसे किसी लक्षणों को देखते हैं, तो इन आसान घरेलू उपचारों का अभ्यास करें और अपनी जीवनशैली में बदलाव करें. गोलियों का सेवन करने के बजाय,ये घरेलु नुस्खे अपनाय जो कम हानिकारक होंगे

मेडिटेशन एंड डाइटरी सप्लीमेंट
कुछ दवाएं (प्रिस्क्रिप्शन और ओवर-द-काउंटर) दोनों कब्ज पैदा कर सकती हैं. इनमें डिप्रेशन के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं, एल्युमिनियम या कैल्शियम युक्त एंटासिड, कुछ एलर्जी की दवाएं (एंटीहिस्टामाइन), कुछ दर्द निवारक, कुछ उच्च रक्तचाप की दवाएं, मूत्रवर्धक, एंटीकोलिनर्जिक्स, एंटीस्पास्मोडिक्स, एंटीकॉन्वल्सेंट और पार्किंसंस रोग के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शामिल हैं

आयरन जैसे कुछ डाइटरी सप्लीमेंट भी कब्ज पैदा कर सकते हैं. एनेस्थीसिया, जिसका उपयोग किसी व्यक्ति को चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान दर्द महसूस करने से बचाने के लिए किया जाता है, भी कब्ज पैदा कर सकता है.

कब्ज का इलाज
कब्ज के कई मामलों का इलाज घर पर ही किया जा सकता है. अपने मल को नरम और आसानी से पास होने योग्य रखने और भविष्य में कब्ज को रोकने के लिए इन बदलावों को आजमाएं

स्वस्थ भोजन खाएं: आपके आहार में पके या कच्चे ताजे फल और सब्ज़ियों, साथ ही साबुत अनाज और ब्रेड जैसे स्रोतों से भरपूर प्राकृतिक फाइबर शामिल होना चाहिए. सेब, ब्लूबेरी, बेरी, केले, गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, फूलगोभी, बीन्स, कद्दू, गेहूं, जई, ब्राउन राइस, नट्स और बीज खाएं

पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीना सुनिश्चित करें. बहुत कम तरल पदार्थ लेने से कब्ज की समस्या और भी बदतर हो सकती है. पर्याप्त पानी, जूस और अन्य तरल पदार्थ पीने से आपको नियमित रूप से मल त्याग करने में मदद मिलेगी.

व्यायाम: हर दिन थोड़ा व्यायाम करने से पाचन में सुधार हो सकता है. ऐसी चीजें करें जो आपको गतिशील और सक्रिय रखें. उदाहरण के लिए, टहलने जाएं. ऐसी शारीरिक गतिविधि खोजें जो आपको पसंद हो और इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं. कैफीन और शराब कब्ज को और भी बदतर बना सकते हैं. इसलिए अपने सेवन को कम करें.

डिस्क्लेमर: यदि ये परिवर्तन काम नहीं करते हैं या आपको दर्द, रक्तस्राव या अन्य गंभीर लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से अन्य उपचारों के बारे में बात करें. आपका डॉक्टर आपके आहार या गतिविधि में बदलाव का सुझाव दे सकता है. कब्ज के लिए पूरक या दवा लिख ​​सकता है या बायोफीडबैक प्रशिक्षण की सलाह दे सकता है.

इस खबर में दी गई जानकारी

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लोगों को कब्ज की समस्या खानपान में बदलाव के कारण होता है. कब्ज से पीड़ित लोगों को मल त्याग करने में परेशानी होती रहती है. ऐसे में इससे उच्च रक्तचाप, गठिया जैसी अन्य समस्याएं भी आ सकती है. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेद के डॉ. एम राज्यलक्ष्मी ने आसान घरेलू उपाय अपनाने का सुझाव दिया है. इससे पहले यह जान लें कि शुगर के मरीजों में कब्ज के क्या कारण होते हैं.

डायबिटीज और कब्ज के बीच क्या है संबंध
डायबिटीज और कब्ज के बीच एक संबंध हो सकता है. डायबिटीज सीधे या परोक्ष रूप से कब्ज का कारण बन सकता है. कुछ जुलाब एक उपयुक्त उपचार हो सकते हैं, लेकिन अन्य रक्त शर्करा में वृद्धि का कारण बन सकते हैं. डायबिटीज के कारण लगातार ब्लड शुगर लेवल हाई हो सकता है, जिससे तंत्रिका क्षति हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप कब्ज हो सकता है. कब्ज के लक्षण असुविधाजनक हो सकते हैं.

कब्ज के लक्षण
कब्ज होने का मतलब है कि आपका मल त्याग कठिन है या सामान्य से कम बार होता है। अगर आपको सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग होता है, तो आपको कब्ज़ हो सकता है. मल त्याग के बीच का सामान्य समय हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है. कुछ लोगों को दिन में तीन बार मल त्याग करना पड़ता है. जबकि अन्य लोगों को सप्ताह में बस कुछ बार मल त्याग करना पड़ता है. लेकिन बिना इसके 3 दिन से ज़्यादा समय गुज़ारना आम तौर पर बहुत लंबा होता है। 3 दिन के बाद, आपका मल सख्त हो जाता है और उसे पास करना ज्यादा मुश्किल हो जाता है.

  • कब्ज के लक्षणों में शामिल हैं
    सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग
  • मल त्याग में कठिनाई
  • गांठदार या सख्त मल
  • अवरुद्ध होने या पूरी तरह से खाली न होने का एहसास.
  • कब्ज का क्या कारण है?
  • बुजुर्गों में होने वाली कई सामान्य चिकित्सा स्थितियां, साथ ही दवाएं, कब्ज का कारण बन सकती हैं.

चिकित्सा स्थितियां
सामान्य मल त्याग के लिए उपयोग की जाने वाली मांसपेशियों या तंत्रिकाओं को प्रभावित करने वाले विकार- उदाहरण के लिए, स्ट्रोक, पार्किंसंस रोग, या रीढ़ की हड्डी की चोट - कब्ज का कारण बन सकते हैं.

पर्याप्त फाइबर न खाना. पर्याप्त पानी न पीना ( निर्जलीकरण ). पर्याप्त व्यायाम न करना. आपकी नियमित दिनचर्या में परिवर्तन, जैसे यात्रा करना, भोजन करना, या अलग-अलग समय पर सोना कब्ज के कारण बन सकते है.

हार्मोन या मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करने वाली स्थितियां, जैसे कि मधुमेह, भी कब्ज का कारण बन सकती हैं.

अन्य मेडिकल कंडिशन जो कब्ज का कारण बन सकती हैं, उनमें ट्यूमर या अन्य रुकावटें, पेल्विक फ्लोर विकार और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार जैसे कि चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम शामिल हैं.

इसके अलावा, अल्जाइमर रोग या मनोभ्रंश के किसी अन्य रूप जैसी बीमारियों वाले लोग जो उनके आहार और दैनिक आदतों को प्रभावित करते हैं, उन्हें कब्ज का अनुभव होने की अधिक संभावना हो सकती है.

कब्ज के कारण

कब्ज होने का कारण सिर्फ खानपान में बदलाव नहीं है, बल्कि इसके कई अन्य कारण है:

  • सुस्त जीवन शैली,
  • भोजन का अनियमित सेवन,
  • आहार में फाइबर की कमी,
  • शरीर में पानी की कमी, (प्रतिदिन 8 गिलास से कम)
  • कॉफी और चाय का अधिक सेवन, (प्रति दिन चार कप से अधिक)
  • शराब का सेवन और धूम्रपान,
  • चिंता और तनाव.

कब्ज से निपटने के उपाय

डॉ. राज्यलक्ष्मी ने कब्ज ने छुटकारा पाने के घरेलू उपाय दिए है:

1. 100 एमएल गुनगुने दूध में 2 छोटा चम्मच घी मिलाकर सोने से पहले पिये.

2. रोजाना खाली पेट 2 छोटा चम्मच एरंड के तेल का सेवन करें, जब तक कब्ज ठीक न हो.

3. दिन में दो बार 100 एमएल गुनगुने पानी में 1/2 चम्मच सौंफ मिलाकर खाने के 1 घंटे पहले या बाद में सेवन करें.

4. 1-2 छोटा चम्मच (5 से 10 ग्राम) इसबगोल पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर सोने से पहले सेवन करें.

5. सोने से पहले 1 छोटे चम्मच (5 ग्राम) त्रिफला चूर्ण 100 एमएल गुनगुने पानी में मिलाकर पियें.

6. एक ग्लास पानी में 2-4 अंजीर 4 घंटे के लिए भिगाने के बाद सेवन करें.

7. एक ग्लास पानी में 20 किशमिश 12 घंटे के लिए भिगाने के बाद पानी के साथ सेवन करें. (मधुमेह के मरीज इसका सेवन न करें)

जीवनशैली में करें बदलाव :

  • रोजाना सुबह 30-45 मिनट सैर करें.
  • उठने के बाद खाली पेट 2 ग्लास (1 लीटर) गुनगुना पानी पिये.
  • अपने भोजन में मौसमी और फाइबर से भरपूर और हरी सब्जियां और फल शामिल करें.
  • रोजाना कम से कम 8-10 ग्लास पानी पिये.
  • खाना खाते समय पानी न पियें, जरूरत पड़ने पर एक घूंट पी लें.
  • हर खाने के 30 मिनट बाद एक ग्लास गुनगुना पानी पिये.
  • हर खाने के तुरंत बाद कम से कम 100 कदम चलें.
  • खाने के बाद 5-10 मिनट के लिए वज्रासन करें.
  • तला-भुना खाना, मिठाई और सोडा वाले पेय के सेवन से बचें.
  • ध्यान और प्रणायम कर तनाव और चिंता को दूर भगाएं.

इसलिए, यदि आप खुद में ऐसे किसी लक्षणों को देखते हैं, तो इन आसान घरेलू उपचारों का अभ्यास करें और अपनी जीवनशैली में बदलाव करें. गोलियों का सेवन करने के बजाय,ये घरेलु नुस्खे अपनाय जो कम हानिकारक होंगे

मेडिटेशन एंड डाइटरी सप्लीमेंट
कुछ दवाएं (प्रिस्क्रिप्शन और ओवर-द-काउंटर) दोनों कब्ज पैदा कर सकती हैं. इनमें डिप्रेशन के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं, एल्युमिनियम या कैल्शियम युक्त एंटासिड, कुछ एलर्जी की दवाएं (एंटीहिस्टामाइन), कुछ दर्द निवारक, कुछ उच्च रक्तचाप की दवाएं, मूत्रवर्धक, एंटीकोलिनर्जिक्स, एंटीस्पास्मोडिक्स, एंटीकॉन्वल्सेंट और पार्किंसंस रोग के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शामिल हैं

आयरन जैसे कुछ डाइटरी सप्लीमेंट भी कब्ज पैदा कर सकते हैं. एनेस्थीसिया, जिसका उपयोग किसी व्यक्ति को चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान दर्द महसूस करने से बचाने के लिए किया जाता है, भी कब्ज पैदा कर सकता है.

कब्ज का इलाज
कब्ज के कई मामलों का इलाज घर पर ही किया जा सकता है. अपने मल को नरम और आसानी से पास होने योग्य रखने और भविष्य में कब्ज को रोकने के लिए इन बदलावों को आजमाएं

स्वस्थ भोजन खाएं: आपके आहार में पके या कच्चे ताजे फल और सब्ज़ियों, साथ ही साबुत अनाज और ब्रेड जैसे स्रोतों से भरपूर प्राकृतिक फाइबर शामिल होना चाहिए. सेब, ब्लूबेरी, बेरी, केले, गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, फूलगोभी, बीन्स, कद्दू, गेहूं, जई, ब्राउन राइस, नट्स और बीज खाएं

पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीना सुनिश्चित करें. बहुत कम तरल पदार्थ लेने से कब्ज की समस्या और भी बदतर हो सकती है. पर्याप्त पानी, जूस और अन्य तरल पदार्थ पीने से आपको नियमित रूप से मल त्याग करने में मदद मिलेगी.

व्यायाम: हर दिन थोड़ा व्यायाम करने से पाचन में सुधार हो सकता है. ऐसी चीजें करें जो आपको गतिशील और सक्रिय रखें. उदाहरण के लिए, टहलने जाएं. ऐसी शारीरिक गतिविधि खोजें जो आपको पसंद हो और इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं. कैफीन और शराब कब्ज को और भी बदतर बना सकते हैं. इसलिए अपने सेवन को कम करें.

डिस्क्लेमर: यदि ये परिवर्तन काम नहीं करते हैं या आपको दर्द, रक्तस्राव या अन्य गंभीर लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से अन्य उपचारों के बारे में बात करें. आपका डॉक्टर आपके आहार या गतिविधि में बदलाव का सुझाव दे सकता है. कब्ज के लिए पूरक या दवा लिख ​​सकता है या बायोफीडबैक प्रशिक्षण की सलाह दे सकता है.

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