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ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में क्यों आ रही हैं कम उम्र की लड़कियां? डॉक्टर का क्या कहना है जानें?

सच में समय से पहले पीरियड आने के कारण कम उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो रही है? डॉक्टर से जानें...

Why are young girls getting affected by breast cancer?
ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में क्यों आ रही हैं कम उम्र की लड़कियां? (CANVA)
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By ETV Bharat Health Team

Published : 3 hours ago

ब्रेस्ट कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है, जिसका सही टाइम पर इलाज न किया जाए, तो यह काफी गंभीर और जानलेवा भी हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार जिन बच्चियों का मेंस्ट्रुअल साइकिल समय से पहले शुरू हो गया हो, विशेषज्ञ उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का आसान शिकार मानते हैं. हालांकि समय रहते पहचान होने पर इसका इलाज होमियोपैथ और एलोपैथ दोनों में संभव है.

कम उम्र में ही क्यों हो रहा ब्रेस्ट कैंसर?
कुछ दशक पहले तक ब्रेस्ट कैंसर के मामले 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में होते थे. लेकिन अब 30 से 40 साल की उम्र की महिलाएं इस कैंसर का शिकार हो रही हैं. आईसीएमआर के अनुसार, भारत में साल 2020 में 13.9 लाख कैंसर के मामले सामने आए थे. लेकिन, 2025 तक इसके 15 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है. महिलाओं में कैंसर के सभी मामलों का प्रमुख कारण स्तन कैंसर है. पिछले एक दशक में इस कैंसर के मामलों में 22 फीसदी की वृद्धि हुई है, लेकिन स्तन कैंसर कम उम्र में ही क्यों होता है? इस खबर में विशेषज्ञों से इसके बारे में जानें...

समय से पहले पीरियड और हार्मोनल बदलाव

ETV भारत से खास बातचीत में गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ निदेशक मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. नितेश रोहतगी ने कहा कि कम उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले खतरनाक रूप से बढ़ रहे हैं, महिलाओं में कई कारणों से कम उम्र में स्तन कैंसर होने का खतरा होता है. हार्मोन लेवल में गिरावट ब्रेस्ट कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है. ऐसा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में गिरावट के कारण होता है. इसके अलावा, मासिक चक्र समय से पूर्व शुरू हो जाना भी इस बीमारी का कारण होता है.

पारिवारिक इतिहास शामिल
डॉ. रोहतगी ने कहा कि युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के और भी कई कारण हैं, जिनमें पारिवारिक इतिहास शामिल है. ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी के परिवार में उसकी मां को यह कैंसर है तो यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चला जाता है. ज्यादातर मामलों में ब्रेस्ट कैंसर का एग्जैक्ट रीजन पता नहीं चल पाता है. हालांकि, शोधकर्ताओं ने ऐसी कई चीजें के बारे में पता लगाया है, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाता हैं. इनमें पर्यावरण में मौजूद चीजें भी शामिल हैं.

खराब जीवनशैली
डॉ. रोहतगी ने कहा कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण भी यह रोग होता है, उन्होंने कहा कि लोग अक्सर उचित व्यायाम, मोटापा, जंक फूड और मन, शरीर और पोषण से संबंधित ओवरऑल हेल्थ से संबंधित जरूरी और बेसिक बातों को अनदेखा कर देते हैं. जो भविष्य में कैंसर का कारण बनती है.

शराब की लत है प्रमुख कारण
डॉ. रोहतगी ने कहा कि समय से पहले पीरियड आने से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा मोटापा, व्यायाम की कमी, अत्यधिक शराब का सेवन और धूम्रपान जैसे जीवनशैली फैक्टर भी महिलाओं में इस कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं. हाल के वर्षों में युवा महिलाओं में शराब पीने का चलन बढ़ गया है. यह स्तन कैंसर के लिए एक मेन रिस्क फैक्टर है. डॉक्टर रोहतगी का कहना है कि 20-25 साल के बीच के एज ग्रूप की महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर का कारण जीवनशैली के बजाय जेनेटिक भी हो सकता है.

स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

  • स्तन पर गांठ या स्किन का मोटा होना, या ब्रेस्ट के आस-पास के हिस्सों में कुछ अलग महसूस होना.
  • निप्पल के साइज में बदलाव और चपटा दिखना है, या निप्पल अंदर की ओर मुड़ा हुआ होना.
  • ब्रेस्ट की त्वचा के रंग में बदलाव. व्हाइट स्किन वाले लोगों में, ब्रेस्ट की त्वचा गुलाबी या लाल रंग की दिख सकती है. भूरी और काली त्वचा वाले लोगों में, ब्रेस्ट की त्वचा छाती की अन्य त्वचा की तुलना में गहरे रंग की दिख सकती है या यह लाल या बैंगनी दिख सकती है.
  • ब्रेस्ट के आकार, आकृति या दिखावट में बदलाव.
  • ब्रेस्ट के ऊपर की त्वचा में बदलाव, जैसे कि त्वचा में गड्ढे पड़ना या संतरे के छिलके जैसी दिखना.
  • ब्रेस्ट की त्वचा का छिलना, पपड़ी बनना.

इलाज कैसे किया जाता है?

  • रेडियोथेरेपी
  • कीमोथेरपी
  • सर्जरी ऑपरेशन
  • इम्यूनोथेरेपी

स्तन कैंसर से कैसे बचें?

  • अपने खान-पान पर ध्यान दें
  • रोजाना व्यायाम करना
  • एल्कोहॉल ना पिएं
  • 30 वर्ष की आयु के बाद कैंसर की जाच कराएं...

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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ब्रेस्ट कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है, जिसका सही टाइम पर इलाज न किया जाए, तो यह काफी गंभीर और जानलेवा भी हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार जिन बच्चियों का मेंस्ट्रुअल साइकिल समय से पहले शुरू हो गया हो, विशेषज्ञ उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का आसान शिकार मानते हैं. हालांकि समय रहते पहचान होने पर इसका इलाज होमियोपैथ और एलोपैथ दोनों में संभव है.

कम उम्र में ही क्यों हो रहा ब्रेस्ट कैंसर?
कुछ दशक पहले तक ब्रेस्ट कैंसर के मामले 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में होते थे. लेकिन अब 30 से 40 साल की उम्र की महिलाएं इस कैंसर का शिकार हो रही हैं. आईसीएमआर के अनुसार, भारत में साल 2020 में 13.9 लाख कैंसर के मामले सामने आए थे. लेकिन, 2025 तक इसके 15 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है. महिलाओं में कैंसर के सभी मामलों का प्रमुख कारण स्तन कैंसर है. पिछले एक दशक में इस कैंसर के मामलों में 22 फीसदी की वृद्धि हुई है, लेकिन स्तन कैंसर कम उम्र में ही क्यों होता है? इस खबर में विशेषज्ञों से इसके बारे में जानें...

समय से पहले पीरियड और हार्मोनल बदलाव

ETV भारत से खास बातचीत में गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ निदेशक मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. नितेश रोहतगी ने कहा कि कम उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले खतरनाक रूप से बढ़ रहे हैं, महिलाओं में कई कारणों से कम उम्र में स्तन कैंसर होने का खतरा होता है. हार्मोन लेवल में गिरावट ब्रेस्ट कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है. ऐसा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में गिरावट के कारण होता है. इसके अलावा, मासिक चक्र समय से पूर्व शुरू हो जाना भी इस बीमारी का कारण होता है.

पारिवारिक इतिहास शामिल
डॉ. रोहतगी ने कहा कि युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के और भी कई कारण हैं, जिनमें पारिवारिक इतिहास शामिल है. ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी के परिवार में उसकी मां को यह कैंसर है तो यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चला जाता है. ज्यादातर मामलों में ब्रेस्ट कैंसर का एग्जैक्ट रीजन पता नहीं चल पाता है. हालांकि, शोधकर्ताओं ने ऐसी कई चीजें के बारे में पता लगाया है, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाता हैं. इनमें पर्यावरण में मौजूद चीजें भी शामिल हैं.

खराब जीवनशैली
डॉ. रोहतगी ने कहा कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण भी यह रोग होता है, उन्होंने कहा कि लोग अक्सर उचित व्यायाम, मोटापा, जंक फूड और मन, शरीर और पोषण से संबंधित ओवरऑल हेल्थ से संबंधित जरूरी और बेसिक बातों को अनदेखा कर देते हैं. जो भविष्य में कैंसर का कारण बनती है.

शराब की लत है प्रमुख कारण
डॉ. रोहतगी ने कहा कि समय से पहले पीरियड आने से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा मोटापा, व्यायाम की कमी, अत्यधिक शराब का सेवन और धूम्रपान जैसे जीवनशैली फैक्टर भी महिलाओं में इस कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं. हाल के वर्षों में युवा महिलाओं में शराब पीने का चलन बढ़ गया है. यह स्तन कैंसर के लिए एक मेन रिस्क फैक्टर है. डॉक्टर रोहतगी का कहना है कि 20-25 साल के बीच के एज ग्रूप की महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर का कारण जीवनशैली के बजाय जेनेटिक भी हो सकता है.

स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

  • स्तन पर गांठ या स्किन का मोटा होना, या ब्रेस्ट के आस-पास के हिस्सों में कुछ अलग महसूस होना.
  • निप्पल के साइज में बदलाव और चपटा दिखना है, या निप्पल अंदर की ओर मुड़ा हुआ होना.
  • ब्रेस्ट की त्वचा के रंग में बदलाव. व्हाइट स्किन वाले लोगों में, ब्रेस्ट की त्वचा गुलाबी या लाल रंग की दिख सकती है. भूरी और काली त्वचा वाले लोगों में, ब्रेस्ट की त्वचा छाती की अन्य त्वचा की तुलना में गहरे रंग की दिख सकती है या यह लाल या बैंगनी दिख सकती है.
  • ब्रेस्ट के आकार, आकृति या दिखावट में बदलाव.
  • ब्रेस्ट के ऊपर की त्वचा में बदलाव, जैसे कि त्वचा में गड्ढे पड़ना या संतरे के छिलके जैसी दिखना.
  • ब्रेस्ट की त्वचा का छिलना, पपड़ी बनना.

इलाज कैसे किया जाता है?

  • रेडियोथेरेपी
  • कीमोथेरपी
  • सर्जरी ऑपरेशन
  • इम्यूनोथेरेपी

स्तन कैंसर से कैसे बचें?

  • अपने खान-पान पर ध्यान दें
  • रोजाना व्यायाम करना
  • एल्कोहॉल ना पिएं
  • 30 वर्ष की आयु के बाद कैंसर की जाच कराएं...

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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