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No Raw Diet : अगर मानसिक शांति चाहिए तो डाइट से कच्चा खाना करें बाहर - What is No Raw Diet - WHAT IS NO RAW DIET

What is No Raw Diet: बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन फिट रहने के लिए 'नो रॉ डाइट' को फॉलो करती हैं. यह एक ऐसी डाइट है, जिसमें कच्चा खाना शामिल नहीं होता है. यह खाना मेंटल हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है.

No Raw Diet
क्या है नो रॉ डाइट ? (Canva)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 14, 2024, 1:42 PM IST

नई दिल्ली: आज कल लोग सेहत को लेकर काफी सजग हो गए हैं. वह फिट रहने के लिए लोग डाइट, एक्सरासाइज, रनिंग और जिम करते हैं. ज्यादातर लोग अच्छी सेहत के लिए वर्कआउट या डाइट की मदद लेते हैं. वहीं कुछ लोग वेट लॉस करने के लिए अलग-अलग तरीके की डाइट फॉलो करते हैं. इस बीच 'नो रॉ डाइट' काफी चर्चा में बनी हुई है.

दरअसल, हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन ने खुलासा किया था कि वह फिट रहने के लिए 'नो रॉ डाइट' को फॉलो करती हैं. उनके खुलासे के साथ ही सोशल मीडिया पर 'नो रॉ डाइट' ट्रेंड करने लगा. हाालंकि, ज्यादतर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में अगर आप भी इसके बारे में नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं.

नो रॉ डाइट क्या है?
नो रॉ डाइट एक ऐसी डाइट है, जिसमें कच्चा खाना शामिल नहीं होता है. आमतौर पर इस डाइट में फूड आइटम्स को अच्छी तरह पकाया या प्रोसेस्ड किया जाता है. खाना पकाने से फूड में मौजूद कुछ पोषक तत्वों की बायोएवेलेविलिटी बढ़ सकती है. इससे वे बॉडी में ज्यादी आसानी से अवशोषित हो जाते हैं.

नो रॉ डाइट सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है. इससे फूड बॉर्न डिजीज को रोकने में मदद मिलती है. इसके अलावा यह फूड्स में मौजूद टफ सेल वॉल्स और फाइबर को तोड़ देता है.

मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद
कुछ ऐसे फूड आइटम होते हैं जिनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. ऐसे में अगर इनका सेवन पका कर किया जाए तो शरीर इन्हें आसानी से अवशोषित कर सकता है. पका हुआ खाना खाने से मेंटल हेल्छ अच्छी होता है, क्योंकि जब आप खाना पकाते हैं तो इसमें से अच्छी खुशबू आती है और इसका स्वाद भी काफी बढ़ जाता है. ऐसा खाना खाने से मूड अच्छा होता है और आप अच्छा महसूस करते हैं.

कम होता है फूड बॉर्न डिजीज का खतरा
खाने को सही तापमान पर पकाने से कच्चे फूड्स में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट मर सकते हैं. इससे फूड बॉर्न डिजीज को रोकने में मदद मिल सकती है, जो कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले लोगों के लिए खासतौर से फायदेमंद हा सकती है.

खाने को पचाना होता है आसान
जब खाने को पकाया जाता है, तो यह फूड्स में मौजूद टफ सेल वॉल्स और फाइबर को तोड़ देता है. इसके चलते शरीर खाने को आसानी से पचाता. नो रॉ डाइट उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जो पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं.

(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें)

यह भी पढ़ें- खाने का स्वाद ही नहीं, आपकी स्किन को भी नुकसान पहुंचा सकता है ज्यादा नमक

नई दिल्ली: आज कल लोग सेहत को लेकर काफी सजग हो गए हैं. वह फिट रहने के लिए लोग डाइट, एक्सरासाइज, रनिंग और जिम करते हैं. ज्यादातर लोग अच्छी सेहत के लिए वर्कआउट या डाइट की मदद लेते हैं. वहीं कुछ लोग वेट लॉस करने के लिए अलग-अलग तरीके की डाइट फॉलो करते हैं. इस बीच 'नो रॉ डाइट' काफी चर्चा में बनी हुई है.

दरअसल, हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन ने खुलासा किया था कि वह फिट रहने के लिए 'नो रॉ डाइट' को फॉलो करती हैं. उनके खुलासे के साथ ही सोशल मीडिया पर 'नो रॉ डाइट' ट्रेंड करने लगा. हाालंकि, ज्यादतर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में अगर आप भी इसके बारे में नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं.

नो रॉ डाइट क्या है?
नो रॉ डाइट एक ऐसी डाइट है, जिसमें कच्चा खाना शामिल नहीं होता है. आमतौर पर इस डाइट में फूड आइटम्स को अच्छी तरह पकाया या प्रोसेस्ड किया जाता है. खाना पकाने से फूड में मौजूद कुछ पोषक तत्वों की बायोएवेलेविलिटी बढ़ सकती है. इससे वे बॉडी में ज्यादी आसानी से अवशोषित हो जाते हैं.

नो रॉ डाइट सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है. इससे फूड बॉर्न डिजीज को रोकने में मदद मिलती है. इसके अलावा यह फूड्स में मौजूद टफ सेल वॉल्स और फाइबर को तोड़ देता है.

मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद
कुछ ऐसे फूड आइटम होते हैं जिनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. ऐसे में अगर इनका सेवन पका कर किया जाए तो शरीर इन्हें आसानी से अवशोषित कर सकता है. पका हुआ खाना खाने से मेंटल हेल्छ अच्छी होता है, क्योंकि जब आप खाना पकाते हैं तो इसमें से अच्छी खुशबू आती है और इसका स्वाद भी काफी बढ़ जाता है. ऐसा खाना खाने से मूड अच्छा होता है और आप अच्छा महसूस करते हैं.

कम होता है फूड बॉर्न डिजीज का खतरा
खाने को सही तापमान पर पकाने से कच्चे फूड्स में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट मर सकते हैं. इससे फूड बॉर्न डिजीज को रोकने में मदद मिल सकती है, जो कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले लोगों के लिए खासतौर से फायदेमंद हा सकती है.

खाने को पचाना होता है आसान
जब खाने को पकाया जाता है, तो यह फूड्स में मौजूद टफ सेल वॉल्स और फाइबर को तोड़ देता है. इसके चलते शरीर खाने को आसानी से पचाता. नो रॉ डाइट उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जो पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं.

(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें)

यह भी पढ़ें- खाने का स्वाद ही नहीं, आपकी स्किन को भी नुकसान पहुंचा सकता है ज्यादा नमक

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