हैदराबाद: चिकन का नाम लेते ही कई लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. जानकारी के मुताबिक चिकन उन खाद्य पदार्थों में सबसे पहले स्थान पर आता है जिसे कई लोग स्वस्थ भोजन मानते हैं क्योंकि यह काफी स्वादिष्ट होता है. छोटे बच्चे से लेकर बूढ़ों तक इस बढ़े चाव से खाते हैं. हालांकि चिकन एक स्वास्थयवर्धक मांस है, लेकिन इसका एक हिस्सा शरीर के लिए हानिकारक होता है. इसको खाने से स्वास्थ्य पर साइड इफेक्ट होते हैं. जी हां आप सही सोच रहे हैं. हम बात कर रहे हैं चूजों की खाल की. आइये जानते हैं इस बारे में.
...तो मुर्गे की खाल में ऐसा क्या होता है?
चिकन की त्वचा में बहुत सारी हानिकारक वसा होती है. इससे कोई पोषण भी नहीं मिलता है. बता दें, अगर चिकन के शरीर का कोई हिस्सा पूरी तरह से बेकार है, तो वह उसकी त्वचा है. दूसरी बात यह है कि दुकानदार चिकन को आकर्षक दिखाने के लिए उसकी त्वचा पर रसायन छिड़कते हैं.
अगर आप मुर्गे की खाल खाते हैं तो क्या होता है?
चिकन की खाल खाने से शरीर में हानिकारक वसा जमा होने और वजन बढ़ने की बहुत संभावना होती है. साथ ही मुर्गे की खाल खाने से हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. यूएसडीए के एक रिसर्च के अनुसार, खाल उतारकर पकाए गए एक कप चिकन में 231 कैलोरी होती है, जबकि बिना खाल उतारकर पकाए गए चिकन के एक ही कप में 276 कैलोरी होती है. इसका मतलब यह है कि त्वचा में प्रति औंस, प्रति कप 3 ग्राम संतृप्त वसा होती है.
लेकिन चिकन की खाल बिल्कुल न खाएं!
निःसंदेह कुछ लोगों को मुर्गे की खाल पसंद होती है. यह करी के स्वाद को दोगुना कर देता है और इसे खाल सहित पकाया और खाया जाता है. चिकन की खाल न खाने का मतलब इससे पूरी तरह परहेज करना नहीं है. स्वस्थ रहने के लिए इसे दो या तीन बार धोकर नमक और हल्दी डालकर पका सकते हैं. लेकिन याद रखें कि बहुत ज्यादा चिकन स्किन न खाएं. बहुत अधिक खाने से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है.
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