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सिर्फ कैंसर नहीं सिगरेट छोड़ने के और भी हैं कारण, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Smoking Causes Many Deadly Diseases : तम्बाकू सेवन का कोई सुरक्षित स्तर नहीं है, धूम्रपान- Smoking की कम मात्रा भी शरीर के लिए घातक है!

TOBACCO SMOKING CAUSES MANY DEADLY DISEASES LIKE RESPIRATORY DISEASES HEART DISEASE CANCER DIABETES
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By ETV Bharat Health Team

Published : Oct 20, 2024, 5:41 PM IST

Smoking Causes Many Deadly Diseases : हर साल तंबाकू से दुनिया भर में 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तम्बाकू का सेवन हर दृष्टि से हानिकारक है. तम्बाकू सेवन का कोई सुरक्षित स्तर नहीं है, इसका मतलब यह है कि कम मात्रा में धूम्रपान (Smoking) करना भी शरीर के लिए हानिकारक है. सभी तम्बाकू उत्पाद शरीर में विभिन्न बीमारियां पैदा करते हैं हालांकि, इन हानिकारक पहलुओं की जानकारी के बावजूद स्मोकिंग करने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है इसके बजाय, भारत में तम्बाकू उपयोगकर्ताओं की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है.

आंकड़ों के मुताबिक, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में करीब 45% पुरुष स्मोकिंग करते हैं. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के थोरेसिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. शैलेन्द्र यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के 44.1% पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं. यह निश्चित ही चिंताजनक आंकड़ा है और Smoking करने वालों की संख्या पर नियंत्रण की जरूरत है.

इन जानलेवा बीमारियों का भी कारण : Smoking रोकने के लिए जापान, स्वीडन और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों द्वारा उठाए गए कदमों से भारतीय प्रशासन को भी सीख लेनी चाहिए. भारत को स्मोकिंग की बढ़ती प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए तंबाकू उत्पादन को लक्षित करते हुए व्यापक नीतियां बनाने की जरूरत है. डॉ. शैलेन्द्र यादव ने कहा कि तम्बाकू से फेफड़ों का कैंसर, मुंह का कैंसर, सांस संबंधी रोग और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है.

सिगरेट में मौजूद तम्बाकू फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है. फेफड़ों के कैंसर के अधिकांश मरीज लंबे समय तक स्मोकिंग करने वाले होते हैं. स्मोकिंग से दिल भी कमजोर होता है. कुछ मामलों में स्मोकिंग भी टाइप-2 मधुमेह- T2D का कारण बन सकता है. जनता में तम्बाकू के उपयोग में वृद्धि भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा है.

लत छोड़ने के लिए सबसे पहले उद्देश्य पता करें : किसी भी रूप में तम्बाकू के बढ़ते उपयोग का मतलब बीमारी की व्यापकता में वृद्धि है. ऐसे में तम्बाकू सेवन पर रोक जरूरी है. सरकार को इसके लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाने की जरूरत है. डॉ. शैलेन्द्र यादव ने कहा कि तंबाकू की लत छोड़ने के लिए सबसे पहले आपको इसका उद्देश्य पता करना होगा. उदाहरण के लिए, आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए या अपने परिवार की खातिर स्मोकिंग छोड़ने की प्रतिज्ञा कर सकते हैं.

Smoking का एक मुख्य कारण खालीपन या अकेलापन महसूस करना है, इसलिए अपने आप को किसी भी काम में व्यस्त रखें, इसलिए इस संबंध में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह आपको स्मोकिंग छोड़ने में मदद कर सकती है. हालाँकि, इसमें कई महीने लग सकते हैं और इस अवधि के दौरान अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना आवश्यक है.

https://www.nhlbi.nih.gov/health/heart/smoking

डिस्कलेमर: यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं,बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह लें.

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Smoking Causes Many Deadly Diseases : हर साल तंबाकू से दुनिया भर में 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तम्बाकू का सेवन हर दृष्टि से हानिकारक है. तम्बाकू सेवन का कोई सुरक्षित स्तर नहीं है, इसका मतलब यह है कि कम मात्रा में धूम्रपान (Smoking) करना भी शरीर के लिए हानिकारक है. सभी तम्बाकू उत्पाद शरीर में विभिन्न बीमारियां पैदा करते हैं हालांकि, इन हानिकारक पहलुओं की जानकारी के बावजूद स्मोकिंग करने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है इसके बजाय, भारत में तम्बाकू उपयोगकर्ताओं की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है.

आंकड़ों के मुताबिक, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में करीब 45% पुरुष स्मोकिंग करते हैं. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के थोरेसिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. शैलेन्द्र यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के 44.1% पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं. यह निश्चित ही चिंताजनक आंकड़ा है और Smoking करने वालों की संख्या पर नियंत्रण की जरूरत है.

इन जानलेवा बीमारियों का भी कारण : Smoking रोकने के लिए जापान, स्वीडन और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों द्वारा उठाए गए कदमों से भारतीय प्रशासन को भी सीख लेनी चाहिए. भारत को स्मोकिंग की बढ़ती प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए तंबाकू उत्पादन को लक्षित करते हुए व्यापक नीतियां बनाने की जरूरत है. डॉ. शैलेन्द्र यादव ने कहा कि तम्बाकू से फेफड़ों का कैंसर, मुंह का कैंसर, सांस संबंधी रोग और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है.

सिगरेट में मौजूद तम्बाकू फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है. फेफड़ों के कैंसर के अधिकांश मरीज लंबे समय तक स्मोकिंग करने वाले होते हैं. स्मोकिंग से दिल भी कमजोर होता है. कुछ मामलों में स्मोकिंग भी टाइप-2 मधुमेह- T2D का कारण बन सकता है. जनता में तम्बाकू के उपयोग में वृद्धि भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा है.

लत छोड़ने के लिए सबसे पहले उद्देश्य पता करें : किसी भी रूप में तम्बाकू के बढ़ते उपयोग का मतलब बीमारी की व्यापकता में वृद्धि है. ऐसे में तम्बाकू सेवन पर रोक जरूरी है. सरकार को इसके लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाने की जरूरत है. डॉ. शैलेन्द्र यादव ने कहा कि तंबाकू की लत छोड़ने के लिए सबसे पहले आपको इसका उद्देश्य पता करना होगा. उदाहरण के लिए, आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए या अपने परिवार की खातिर स्मोकिंग छोड़ने की प्रतिज्ञा कर सकते हैं.

Smoking का एक मुख्य कारण खालीपन या अकेलापन महसूस करना है, इसलिए अपने आप को किसी भी काम में व्यस्त रखें, इसलिए इस संबंध में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह आपको स्मोकिंग छोड़ने में मदद कर सकती है. हालाँकि, इसमें कई महीने लग सकते हैं और इस अवधि के दौरान अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना आवश्यक है.

https://www.nhlbi.nih.gov/health/heart/smoking

डिस्कलेमर: यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं,बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह लें.

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