हैदराबादः ज्यादा वजन दुनिया भर में एक बड़ी समस्या माना जाता है क्योंकि यह कई प्रकार की समस्याओं व रोग का कारण बन सकता है. साथ ही यह शारीरिक आकर्षण को भी कम करता है. इसीलिए सेहत और सौन्दर्य को लेकर ज़्यादा एक्टिव व कौनश्यस लोग अलग-अलग तरह से वजन कम करने का प्रयास करते हैं.
वहीं आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी बहुत से लोग हर काम की तरह वजन कम करने के लिए भी आसान और जल्दी समाधान की तलाश में रहते हैं. ऐसे लोगों में वजन कम करने वाली गोलियों को लेकर काफी आकर्षण देखा जाता है. जिनके सेवन से बिना किसी मेहनत तथा कम अवधि में वजन कम करने में मदद मिलती है. हालांकि चिकित्सक बिना प्रिस्क्रिप्शन इन दवाओं का इस्तेमाल ना करने की सलाह देते हैं. क्योंकि कुछ स्वास्थ्य संबंधी अवस्थाओं में इनके साइड इफेडट नजर आ सकते हैं. वहीं शरीर की कुछ अन्य जरूरी क्रियाओं पर इन दवाओं के पड़ने वाले असर के चलते कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ने का जोखिम भी हो सकता है.
अस्थाई लाभ देती हैं गोलियां
मुंबई की आहार व पोषण विशेषज्ञ रुशेल जोर्ज बताती हैं कि पिछले कुछ समय से विज्ञापन तथा सोशल मीडिया पर ट्रेंड के चलते लोगों में वजन कम करने वाली गोलियां को लेकर जिज्ञासा काफी बढ़ी है. हालांकि वजन कम करने में मददगार गोलियां काफी पहले से बाजार में हैं और विदेशों में उनके इस्तेमाल का चलन भी हैं, लेकिन भारत में उन्हे लेकर लोगों में ज्यादा जानकारी देखी नहीं जाती थी.
वह बताती हैं कि वजन कम करने वाली गोलियां भूख कम करने, मेटाबॉलिज्म बढ़ाने और वसा को जलाने में मदद करती हैं. इन गोलियों का सेवन करना आसान होता है और यह नियमित व्यायाम और डाइटिंग की तुलना में कम समय लेने वाला विकल्प है. यह उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है जिनके पास समय की कमी होती है. लेकिन इनके प्रभाव ज्यादातर अस्थाई होते हैं. यदि इन दवाओं के सेवन के साथ लाइफस्टाइल ऑलट्रेशन यानी खानपान, व्यायाम व अन्य बातों का ध्यान ना रखा जाय तो दवा बंद करते के बाद वजन दोबारा बढ़ने लगता है.
मोटापा नियंत्रित करने वाली दवाइयों से नुकसान
वह बताती हैं कि वजन कम करने वाली गोलियां तात्कालिक और आसान समाधान प्रतीत हो सकती हैं, लेकिन इनके फायदे के साथ नुकसान भी होते हैं. वजन घटाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के साइड इफ़ेक्ट दवा के प्रकार और दवा के काम करने के तरीके के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं. विशेषतौर पर कुछ स्वास्थ्य परिस्थितियों में इनका इस्तेमाल ज्यादा नुकसान भी दे सकता है. इसके अलावा लंबे समय तक इन गोलियों के सेवन से शरीर की वसा या फैट को अवशोषित करने की क्षमता पर असर पड़ने लगता है जिससे शरीर में पौष्टिक तत्वों विशेषकर विटामिन की कमी हो सकती है.
अलग-अलग प्रकार की वजन कम करने वाली दवा में इस्तेमाल तत्वों या साल्ट के प्रभावों के आधार पर उनके लगातार या लंबे समय तक इस्तेमाल से कई तरह के पार्श्व प्रभाव या समस्याएं नजर आ सकती हैं. जैसे दिल की धड़कन बढ़ाना, उच्च रक्तचाप बढ़ना, अनिद्रा, बेचैनी, हीमोग्लोबिन का कम होना, दवा पर निर्भरता, मांसपेशियों में कमजोरी, त्वचा व बालों में समस्या, सिरदर्द, शुष्क मुंह, चक्कर आना, मतली-उल्टी, कब्ज व मल संबंधी अन्य समस्याएं, पेट संबंधी समस्याएं तथा कुछ विशेष एलर्जी आदि.
चिकित्सकीय परामर्श जरूरी
वह बताती हैं बहुत से लोग विज्ञापनों के प्रभाव में आकर बिना जरूरी जानकारी लिए इन गोलियों का सेवन शुरू कर देते हैं, जो गलत है. बिना डॉक्टर की सलाह व उनके निर्देश के इन गोलियों का सेवन कम या ज्यादा गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. वहीं जब हम चिकित्सक से परामर्श लेते हैं तो वे हमारे शरीर की अवस्था, दवा की जरूरत, किसी रोग के होने की आशंका तथा शरीर की विशेष तत्वों को लेकर संवेदनशीलता की जांच करने के बाद ही दवा प्रिस्क्राइब करते हैं. ऐसे में उनके कारण होने वाली समस्याओं का जोखिम कम हो जाता है.
रुशेल जॉर्ज बताती हैं कि वजन कम करना एक लंबी प्रक्रिया है और ज्यादातर मामलों में कोई भी नॉन सर्जिकल शॉर्टकट इसमें लंबे समय तक कारगर नहीं होता है. वजन कम करने के लिए सबसे आदर्श तरीका स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और सकारात्मक जीवनशैली को अपनाना ही है. जो वजन कम करने के सबसे सुरक्षित और प्रभावी तरीका है.