पटना: पिछले कुछ सालों में प्लास्टिक सर्जरी का ट्रेंड बढ़ गया है. हालांकि प्लास्टिक सर्जरी सिर्फ सुंदर दिखने के लिए ही नहीं होता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि वास्तव में प्लास्टिक सर्जरी सिर्फ सुंदरता बढ़ाने के लिए नहीं होता है, बल्कि किसी घटना दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुए शरीर के विभिन्न हिस्सों के पुनर्निर्माण और सुधार पर यह सर्जरी केंद्रित है.
गंभीर मरीजों के इलाज में अहम: पटना के प्रख्यात प्लास्टिक सर्जन और 'ऑरा क्लीनिक' के संचालक डॉ. एसए वारसी ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी केवल सुंदरता बढ़ाने तक सीमित नहीं है. इसमें सिर्फ 10 प्रतिशत कॉस्मेटिक सर्जरी है. प्लास्टिक सर्जरी का उपयोग जन्मजात विकारों जैसे कटे होठ और तालू, कम या ज्यादा उंगलियां और चोट, जलने, कैंसर और बीमारी के बाद क्षतिग्रस्त अंगों को ठीक करने के लिए किया जाता है.
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"यह विशेषकर शरीर के विभिन्न हिस्सों के पुनर्निर्माण और सुधार करने पर केंद्रित है. प्लास्टिक सर्जरी करने से पहले लोगों को यह जरूर चेक कर लेना चाहिए कि सर्जन उनके प्रमाणित और अनुभवी हो अथवा किसी अनुभवी के देखरेख में सर्जरी कर रहे हो."- डॉ. एसए वारसी, प्लास्टिक सर्जन
अंगों के पुनर्निर्माण में प्लास्टिक सर्जरी की मदद: डॉ. एसए वारसी ने बताया कि चोटों से हुए नुकसान की मरम्मत जैसे टूटी हुई हड्डियां या कटे हुए अंग को ठीक करने में भी प्लास्टिक सर्जरी का अहम योगदान होता है. शरीर के विभिन्न अंगों से कैंसर के ऊतक हटाने के बाद इन अंगों के पुनर्निर्माण में भी प्लास्टिक सर्जरी की मदद ली जाती है.
क्या कहते हैं प्लास्टिक सर्जन?: प्लास्टिक सर्जन डॉ. एसए वारसी के मुताबिक जागरूकता की कमी के कारण इस तरह की समस्याओं को लेकर अभी भी लोग सबसे पहले प्लास्टिक सर्जन के पास न पहुंचकर पहले किसी जेनरल सर्जन के पास या ऐसे हॉस्पिटल में चले जाते हैं, जहां प्लास्टिक सर्जन उपलब्ध नहीं होते हैं. ऐसे में कई बार मरीज को प्लास्टिक सर्जन के पास पहुंचने में देरी हो जाती है और जितना सटीक परिणाम आना चाहिए उतना नहीं आ पाता है. लोगों को यह जरूर जानना चाहिए कि कुछ मामलों में स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ भी उठाकर प्लास्टिक सर्जरी का इलाज कर सकते हैं.
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