कानपुर : देश में हर साल लाखों लोग पेट की बीमारियों से ग्रसित होते हैं. इनमें अधिकतर पाइल्स व अन्य बीमारियों से भी जूझते हैं. फिर जब ऐसे मरीज इलाज कराते हैं, तो उन्हें मौजूद प्रॉक्टोस्कोप से बहुत अधिक दर्द सहना पड़ता था, लेकिन अब आईआईटी कानपुर के मेडटेक लैब में एक ऐसी मल्टीपर्पज प्रोक्टोस्कोप डिवाइस तैयार कर दी है जिससे अब मरीजों का आसानी से इलाज हो सकेगा. मरीजों को अब सर्जरी के दौरान दर्द भी न के बराबर होगा. यह डिवाइस इस साल के अंत तक भारतीय बाजारों में आ जाएगी.
केजीएमसी के विशेषज्ञों ने दिया सहयोग : इस डिवाइस को लेकर आईआईटी कानपुर के पीएचडी छात्र सिद्धांत श्रीवास्तव ने ईटीवी संवाददाता से विशेष बात की. उन्होंने बताया कि आईआईटी कानपुर में प्रो. जे राम कुमार व केजीएमसी से डॉ.अरशद व उनकी टीम ने बहुत मदद की. विश्व स्वास्थ्य संगठन की यह स्टडी थी कि देश में हर साल लाखों लोगों को पेट की दिक्कतें होती हैं. तभी तय हुआ है ऐसी डिवाइस बनाएंगे जो लोगों के लिए वरदान बनेगी. फिर बाजार में जो प्रॉक्टोस्कोप थे उनको देखा और उनसे बेहतर सुविधाओं वाली डिवाइस बनाया दी. इस डिवाइस की कीमत करीब दो हजार रुपये होगी. कई अस्पतालों में इसका ट्रायल सफल रहा है. इस डिवाइस में एलईडी लाइट्स भी हैं. जिनकी मदद से डॉक्टर आसानी से इलाज कर सकेंगे.
पीएचडी छात्र सिद्धांत श्रीवास्तव ने बताया, कि मल्टी पर्पज प्रॉक्टोस्कोप डिवाइस की यह भी खूबी है, कि डिवाइस सेल्फ होल्डिंग है. इसके लिए डिवाइस में आगे की ओर एक छोटा सा बैलून बांध दिया जाता है. जिससे चिकित्सकों को सर्जरी के दौरान बहुत मदद मिलती है. डिवाइस का मूवमेंट बिल्कुल होता नहीं है तो सर्जरी आसानी से हो जाती है. वहीं, हम प्लास्टिक वाली डिवाइस को जहां सिंगल टाइम ही यूज कर सकते हैं, वहीं मेटल वाली डिवाइस का उपयोग एक से अधिक बार किया जा सकता है. सिद्धांत ने बताया, कि इस डिवाइस की जो कीमत है उसमें अभी तक इतनी अधिक सुविधाओं वाली कोई डिवाइस बाजार में नहीं आई है.