Matcha Flavor Tea : अपने अनोखे स्वाद और सेहत के लिए फायदों के चलते जापान की प्रसिद्ध हरी चाय 'माचा' जिसे जापानी माचा भी कहा जाता है, का चलन आजकल दुनिया भर में बढ़ रहा है. 'माचा' दरअसल एक विशेष प्रकार की हरी चाय/ग्रीन टी है, जिसे हरे चाय के पत्तों को पीसकर बने पाउडर से तैयार किया जाता है. जापानी माचा एक पारंपरिक और पोषक तत्वों से भरपूर पेय पदार्थ है, जो सेहत के लिए कई लाभ प्रदान करता है. यह एंटीऑक्सीडेंट्स, ऊर्जा, और डिटॉक्सिफिकेशन के गुणों से भरपूर होता है. गौरतलब है कि माचा के सेहत के लिए फायदों को जानने के लिए दुनिया भर में कई शोध भी किए गए हैं जिनमें इसके सेहत के लिए कई तरह के फायदों की पुष्टि भी हुई है.
क्या है जापानी माचा : माचा दरअसल एक उच्च गुणवत्ता वाली हरी चाय/ग्रीन टी है, जिसे खासतौर पर तैयार किया जाता है. माचा को उगाने के लिए, चाय के पौधों को कुछ हफ्तों के लिए छाया में रखा जाता है. इससे पत्तियों में क्लोरोफिल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे माचा का रंग गहरा हरा और पोषक तत्वों से भरपूर हो जाता है. इसके बाद पत्तियों को हाथ से चुनकर, भाप में पकाया जाता है और फिर सुखाकर पीसा जाता है, ताकि एक महीन हरे रंग का पाउडर बने. माचा चाय को पारंपरिक रूप से पानी में घोलकर पिया जाता है. लेकिन आजकल दुनिया भर में माचा फ्लेवर की आइसक्रीम तथा डेसर्ट यानी मिठाईया भी लोगों को काफी पसंद आ रही हैं.
जापानी माचा के स्वास्थ्य लाभ : नई दिल्ली की आहार व पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि माचा चाय एक प्रकार की ग्रीन टी है. जिसका संतुलित मात्रा में सेवन सेहत को कई तरह के लाभ दे सकता है. वह बताती हैं कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए इसमें डिटॉक्सिफिकेशन गुण होते हैं. इसके साथ ही इसके सेवन से वजन कम करने तथा शरीर में ऊर्जा बढ़ाने सहित कई अन्य तरह के स्वास्थ लाभ भी मिल सके हैं.
वह बताती हैं कि माचा एक स्वास्थ्यवर्धक पेय है जो चाय-कॉफी का अच्छा विकल्प हो सकता है. यदि नियमित रूप से संतुलित मात्रा में इसे अपनी दिनचर्या में शामिल किया जाय तो इसके कई लाभ सेहत पर नजर आ सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
माचा में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. विशेषकर इसमें कैटेचिन नामक एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं. इससे कैंसर, हृदय रोग, और अन्य दीर्घकालिक बीमारियों का खतरा कम होता है . माचा में एपिग्लो कैटेचिन गैलेट (EGCG) की उच्च मात्रा होती है, जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है.
एकाग्रता बढ़ाने में सहायक : इसका सेवन ऊर्जा और एकाग्रता बढ़ाने में भी सहायक हो सकता है. यह सही है कि माचा में कैफीन की अच्छी मात्रा होती है, लेकिन यह कॉफी की तुलना में कम होती है. इसमें एल- थिएनाइन नामक अमीनो एसिड भी पाया जाता है, जो मानसिक शांति और सतर्कता प्रदान करता है. कैफीन और एल-थिएनाइन का यह संयोजन ऊर्जा को बढ़ाने और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है.
यह वजन घटाने में भी मददगार हो सकता है. दरअसल माचा मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करता है, जिससे शरीर में वसा का ऑक्सीकरण बढ़ता है. यह शरीर की कैलोरी जलाने की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है. माचा में प्राकृतिक रूप से मौजूद कैटेचिन वजन घटाने में सहायक होते हैं.
माचा चाय में क्लोरोफिल की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है और त्वचा को साफ व चमकदार बनाने में मदद करता है. माचा में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्व रक्तचाप को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं. इससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है.
हो सकती हैं समस्याएं : लेकिन यहां यह जानना भी जरूरी हैं कि इसमें अधिक मात्रा में कैफीन भी पाया जाता है. हालांकि इसमें कैफीन की मात्रा कॉफी से कम होती है लेकिन फिर भी यदि इसका बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाता है तो कैफीन के प्रभाव के चलते इससे अनिद्रा, सिरदर्द, और घबराहट जैसी समस्याएं हो सकती है.
डिस्कलेमर: यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.
ये भी पढ़ें- Walking Benefits : आपने शायद ही सुनें हों पैदल चलने के हैरान करने वाले ये फायदे |