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मोबाइल के चक्कर में क्या आप भी रहते हैं अकेले में? हो सकती है यह घातक बीमारी, जानें क्या कहता है शोध - Loneliness Symptoms - LONELINESS SYMPTOMS

आज के इस डिजिटल युग में लोग कई तरह की बीमारियों और समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं. इन्हीं में से एक समस्या है अकेलापन और सोशल आइसोलेशन. यह सुनने में जितनी साधारण लगती है, उतनी ही खतरनाक है. इससे आपको कई घातक बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें हृदय संबंधी बीमारियां भी शामिल हैं.

Loneliness can lead to fatal diseases
अकेलेपन से हो सकती है घातक बीमारियां (फोटो - Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 5, 2024, 1:06 PM IST

Updated : Aug 5, 2024, 1:19 PM IST

हैदराबाद: आज के इस डिजिटल दौर में लोग सोशल तौर पर इसोलेट होते जा रहे हैं. इसके चलते लोग अकेलेपन का शिकार होते जा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण स्क्रीन टाइम है. जी हां आज के समय में लोग मोबाइल, लैपटॉप, और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इतना ज्यादा समय बिताते हैं, कि वे लोगों से मिलना-जुलना, बातचीत करना और सोशल होना ही छोड़ रहे हैं. यह समस्या खास तौर पर युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रही है.

Loneliness can lead to fatal diseases
अकेलेपन से हो सकती है घातक बीमारियां (फोटो - Getty Images)

हाल ही में ऑक्सफोर्ड एकादमी के यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में आई एक रिपोर्ट के अनुसार अकेलेपन और सोशल आइसोलेशन की वजह से लोगों में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है.

इस शोध का हवाला देते हुए हैदराबाद अपोलो हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट, सुधीर कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया कि अकेलापन महसूस करना हृदय संबंधी बीमारियों (सीवीडी) के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ था. उन्होंने लिखा कि 6 साल की अध्ययन अवधि में कम से कम एक बार अकेलापन महसूस करने वालों में सीवीडी (दिल का दौरा या स्ट्रोक) की घटना दर 27 प्रतिशत अधिक पाई गई.

शोध में कितने महिला-पुरुष हुए शामिल: इस शोध के लिए 2004 और 2010 के बीच 50 वर्ष से अधिक आयु के कुल 5,397 पुरुषों और महिलाओं का हृदय रोग और स्ट्रोक के नए घातक और गैर-घातक निदान के लिए अनुवर्तन किया गया. 5.4 वर्ष की औसत अनुवर्ती अवधि में 571 नई हृदय संबंधी घटनाएं दर्ज की गईं.

Loneliness can lead to fatal diseases
अकेलेपन से हो सकती है घातक बीमारियां (फोटो - Getty Images)

अकेलेपन को कार्डियो वस्कुलर डीसीज (सीवीडी) से जोड़ने वाले संभावित तंत्र:

  1. मनोवैज्ञानिक कारक: इस रिपोर्ट के अनुसार अकेलापन महसूस करने वालों में कम आत्मसम्मान, अवसाद और चिंता की दर उच्च पाई गई.
  2. जीवनशैली और व्यवहार संबंधी कारक: शोध में अकेले रहने वाले लोगों में धूम्रपान और शराब के सेवन की अधिक घटनाएं मिलीं और अकेलापन महसूस करने वालों में कम शारीरिक गतिविधि भी पाई गईं.
    Loneliness can lead to fatal diseases
    अकेलेपन से हो सकती है घातक बीमारियां (फोटो - Getty Images)

इस शोध से क्या निकला निष्कर्ष: अकेलेपन को लक्षित करने वाली प्राथमिक रोकथाम रणनीतियां हृदय रोग को रोकने में मदद कर सकती हैं. इस अध्ययन से यह पता चला कि संबंध और कारण-प्रभाव संबंध स्थापित नहीं किया जा सकता है.

ऊपर लिखी गई खबर में इन वेबसाइटों से जानकारी जुटाई गई है.

1. यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी

हैदराबाद: आज के इस डिजिटल दौर में लोग सोशल तौर पर इसोलेट होते जा रहे हैं. इसके चलते लोग अकेलेपन का शिकार होते जा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण स्क्रीन टाइम है. जी हां आज के समय में लोग मोबाइल, लैपटॉप, और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इतना ज्यादा समय बिताते हैं, कि वे लोगों से मिलना-जुलना, बातचीत करना और सोशल होना ही छोड़ रहे हैं. यह समस्या खास तौर पर युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रही है.

Loneliness can lead to fatal diseases
अकेलेपन से हो सकती है घातक बीमारियां (फोटो - Getty Images)

हाल ही में ऑक्सफोर्ड एकादमी के यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में आई एक रिपोर्ट के अनुसार अकेलेपन और सोशल आइसोलेशन की वजह से लोगों में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है.

इस शोध का हवाला देते हुए हैदराबाद अपोलो हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट, सुधीर कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया कि अकेलापन महसूस करना हृदय संबंधी बीमारियों (सीवीडी) के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ था. उन्होंने लिखा कि 6 साल की अध्ययन अवधि में कम से कम एक बार अकेलापन महसूस करने वालों में सीवीडी (दिल का दौरा या स्ट्रोक) की घटना दर 27 प्रतिशत अधिक पाई गई.

शोध में कितने महिला-पुरुष हुए शामिल: इस शोध के लिए 2004 और 2010 के बीच 50 वर्ष से अधिक आयु के कुल 5,397 पुरुषों और महिलाओं का हृदय रोग और स्ट्रोक के नए घातक और गैर-घातक निदान के लिए अनुवर्तन किया गया. 5.4 वर्ष की औसत अनुवर्ती अवधि में 571 नई हृदय संबंधी घटनाएं दर्ज की गईं.

Loneliness can lead to fatal diseases
अकेलेपन से हो सकती है घातक बीमारियां (फोटो - Getty Images)

अकेलेपन को कार्डियो वस्कुलर डीसीज (सीवीडी) से जोड़ने वाले संभावित तंत्र:

  1. मनोवैज्ञानिक कारक: इस रिपोर्ट के अनुसार अकेलापन महसूस करने वालों में कम आत्मसम्मान, अवसाद और चिंता की दर उच्च पाई गई.
  2. जीवनशैली और व्यवहार संबंधी कारक: शोध में अकेले रहने वाले लोगों में धूम्रपान और शराब के सेवन की अधिक घटनाएं मिलीं और अकेलापन महसूस करने वालों में कम शारीरिक गतिविधि भी पाई गईं.
    Loneliness can lead to fatal diseases
    अकेलेपन से हो सकती है घातक बीमारियां (फोटो - Getty Images)

इस शोध से क्या निकला निष्कर्ष: अकेलेपन को लक्षित करने वाली प्राथमिक रोकथाम रणनीतियां हृदय रोग को रोकने में मदद कर सकती हैं. इस अध्ययन से यह पता चला कि संबंध और कारण-प्रभाव संबंध स्थापित नहीं किया जा सकता है.

ऊपर लिखी गई खबर में इन वेबसाइटों से जानकारी जुटाई गई है.

1. यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी

Last Updated : Aug 5, 2024, 1:19 PM IST
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