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महज 4 ग्राम का यह छोटा फल है चमत्कारी, इसमें छुपे हैं बड़े राज, स्वास्थ्य के लिए है रामबाण! - Karonda Health Benefit

करौंदा, जिसका वैज्ञानिक नाम Carissa carandas है... एक छोटा, कटु-मीठा फल होता है. यह फल अपने औषधीय गुणों और उपयोगिता के कारण प्रसिद्ध है. इसे विभिन्न रूपों में उपयोग किया जा सकता है और यह भारतीय व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. महज 4 ग्राम के इस फल के गुण जानकार हैरान रह जाएंगे. हार्ट कैंसर से लेकर कई गंभीर बीमारियों में कारगर है. पढ़ें विस्तार से, इसके नियमित सेवन से क्या फायदे हैं.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 1, 2024, 8:49 PM IST

Updated : Aug 1, 2024, 9:47 PM IST

गया में करौंदा की खेती. (ETV Bharat)

गयाः करौंदा, एक छोटा और कटु-मीठा फल, भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी विशेषता और उपयोगिता के लिए प्रसिद्ध है. इस झाड़ीदार और कांटेदार पौधे के गहरे लाल या काले रंग के फलों का स्वाद खट्टा-मीठा होता है, जो विभिन्न व्यंजनों में प्रयोग किए जाते हैं. पंजाब, उत्तराखंड व अन्य कुछ राज्यों में मूल रूप से उपजने वाला फल करौंदा की खेती बिहार के गया में हो रही है. किसान इसकी खेती कर खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बना रहे हैं. इस छोटे फल के फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे.

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ETV GFX (ETV Bharat)

सेहत की कुंजी हैः करौंदा की खेती बिहार के गिने चुने इलाकों में ही होती है. गया जिले के टिकारी में इसकी खेती हो रही है. करौंदा की डिमांड कितनी है, कि किसान इसकी आपूर्ति नहीं कर पाते. बाजार में यह 100 से लेकर 160 रुपए किलो तक में बिकता है. आयुर्वेद में करौंदा को त्रिदोष नाशक के रूप में जाना जाता है. करौंदा को अचार और गुरम्मा की तरह बनाकर खाने से भी इसके फायदे हैं.

गया में करौंदा की खेती.
गया में करौंदा की खेती. (ETV Bharat)

रामबाण जैसा कारगरः करौंदा कई बीमारियों में तो रामबाण की तरह काम करता है. छोटा सा यह फल किडनी, हार्ट, कैंसर, मानसिक रोग समेत दर्जन भर बीमारियों में लाभप्रद है. इसके उपयोग से मोटापा भी कम होता है. कब्ज में यह रामबाण की तरह काम करता है. करौंदा में विटामिन सी, विटामिन ए, कैल्शियम, फाइबर की मात्रा काफी होती है. बाल यदि झड़ते हैं, तो उसमें भी यह फायदेमंद है. इस तरह दर्जन भर बीमारियों में करौंदा फायदेमंद है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी इससे मदद मिलती है.

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फसलों की करता है रक्षाः जानकार की मानें तो करौंदा निरापद है. करौंदा को औषधि के तौर पर उपयोग किया जाए तो अपवाद छोड़कर इसका साइड इफेक्ट नहीं होता है. यह गुलाबी रंग में काफी खूबसूरत दिखता है. करौदा लगभग 7 फीट लंबा होता है. यह कांटेदार पतों के बीच उपजता है. किसान इसे खेत के किनारे पर चारों ओर से लगाते हैं. इस तरह करौंदा, खेत की फसलों के साथ-साथ मनुष्य के स्वास्थ्य की भी रक्षा करता है.

गया में करौंदा की खेती.
गया में करौंदा की खेती. (ETV Bharat)

साल में दो बार फल देता हैः गया के टिकारी में इसकी खेती करने वाले किसान मदन मुरारी पासवान बताते हैं कि करौंदा दो-तीन प्रजाति का होता है. करौंदा एक हरा और एक पीला कलर में होता है. मदन मुरारी ने बताया कि गया में गुलाबी कलर वाले करौंदे की खेती हो रही है. 100 से 125 रुपए की दर से वो बेचते हैं. बाजार में यह और महंगे दामों में बेचे जाते हैं. किसान मदन मुरारी बताते हैं, कि करौंदा साल भर में दो बार फल देता है. एक सीजन में एक पेड़ से करीब 40- 50 किलो फल निकलते हैं.

करौंदा तोड़ते किसान.
करौंदा तोड़ते किसान. (ETV Bharat)

त्रिदोष नाशक के रूप में है करौंदाः प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ विवेकानंद मिश्र बताते हैं, कि करौंदा सेहत का खजाना है. करौंदे का उपयोग किया जाए तो कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है. वहीं कई तरह की गंभीर बीमारियों से पीड़ित को निजात दिलाता है. किडनी के रोगों में यह बेहद लाभकारी है. इसके अलावा हार्ट सहित कई बीमारियों में भी यह फायदेमंद साबित होता है. करौंदा निरापद है. अपवाद को छोड़कर इसका साइड इफेक्ट नहीं होता है.

डॉक्टर विवेकानंद मिश्र
डॉक्टर विवेकानंद मिश्र. (ETV Bharat)

"किडनी के एक रोग में काईलोरिया बीमारी होती है, जो गंभीर मानी जाती है. इसमें करौंदा रामबाण की तरह काम करता है. यह छोटा फल सेहत का खजाना है. इसका अचार और गुड़म्मा बनाकर भी खा सकते हैं."- डॉक्टर विवेकानंद मिश्र, आयुर्वेद चिकित्सक

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गया में करौंदा की खेती. (ETV Bharat)

गयाः करौंदा, एक छोटा और कटु-मीठा फल, भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी विशेषता और उपयोगिता के लिए प्रसिद्ध है. इस झाड़ीदार और कांटेदार पौधे के गहरे लाल या काले रंग के फलों का स्वाद खट्टा-मीठा होता है, जो विभिन्न व्यंजनों में प्रयोग किए जाते हैं. पंजाब, उत्तराखंड व अन्य कुछ राज्यों में मूल रूप से उपजने वाला फल करौंदा की खेती बिहार के गया में हो रही है. किसान इसकी खेती कर खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बना रहे हैं. इस छोटे फल के फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे.

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सेहत की कुंजी हैः करौंदा की खेती बिहार के गिने चुने इलाकों में ही होती है. गया जिले के टिकारी में इसकी खेती हो रही है. करौंदा की डिमांड कितनी है, कि किसान इसकी आपूर्ति नहीं कर पाते. बाजार में यह 100 से लेकर 160 रुपए किलो तक में बिकता है. आयुर्वेद में करौंदा को त्रिदोष नाशक के रूप में जाना जाता है. करौंदा को अचार और गुरम्मा की तरह बनाकर खाने से भी इसके फायदे हैं.

गया में करौंदा की खेती.
गया में करौंदा की खेती. (ETV Bharat)

रामबाण जैसा कारगरः करौंदा कई बीमारियों में तो रामबाण की तरह काम करता है. छोटा सा यह फल किडनी, हार्ट, कैंसर, मानसिक रोग समेत दर्जन भर बीमारियों में लाभप्रद है. इसके उपयोग से मोटापा भी कम होता है. कब्ज में यह रामबाण की तरह काम करता है. करौंदा में विटामिन सी, विटामिन ए, कैल्शियम, फाइबर की मात्रा काफी होती है. बाल यदि झड़ते हैं, तो उसमें भी यह फायदेमंद है. इस तरह दर्जन भर बीमारियों में करौंदा फायदेमंद है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी इससे मदद मिलती है.

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फसलों की करता है रक्षाः जानकार की मानें तो करौंदा निरापद है. करौंदा को औषधि के तौर पर उपयोग किया जाए तो अपवाद छोड़कर इसका साइड इफेक्ट नहीं होता है. यह गुलाबी रंग में काफी खूबसूरत दिखता है. करौदा लगभग 7 फीट लंबा होता है. यह कांटेदार पतों के बीच उपजता है. किसान इसे खेत के किनारे पर चारों ओर से लगाते हैं. इस तरह करौंदा, खेत की फसलों के साथ-साथ मनुष्य के स्वास्थ्य की भी रक्षा करता है.

गया में करौंदा की खेती.
गया में करौंदा की खेती. (ETV Bharat)

साल में दो बार फल देता हैः गया के टिकारी में इसकी खेती करने वाले किसान मदन मुरारी पासवान बताते हैं कि करौंदा दो-तीन प्रजाति का होता है. करौंदा एक हरा और एक पीला कलर में होता है. मदन मुरारी ने बताया कि गया में गुलाबी कलर वाले करौंदे की खेती हो रही है. 100 से 125 रुपए की दर से वो बेचते हैं. बाजार में यह और महंगे दामों में बेचे जाते हैं. किसान मदन मुरारी बताते हैं, कि करौंदा साल भर में दो बार फल देता है. एक सीजन में एक पेड़ से करीब 40- 50 किलो फल निकलते हैं.

करौंदा तोड़ते किसान.
करौंदा तोड़ते किसान. (ETV Bharat)

त्रिदोष नाशक के रूप में है करौंदाः प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ विवेकानंद मिश्र बताते हैं, कि करौंदा सेहत का खजाना है. करौंदे का उपयोग किया जाए तो कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है. वहीं कई तरह की गंभीर बीमारियों से पीड़ित को निजात दिलाता है. किडनी के रोगों में यह बेहद लाभकारी है. इसके अलावा हार्ट सहित कई बीमारियों में भी यह फायदेमंद साबित होता है. करौंदा निरापद है. अपवाद को छोड़कर इसका साइड इफेक्ट नहीं होता है.

डॉक्टर विवेकानंद मिश्र
डॉक्टर विवेकानंद मिश्र. (ETV Bharat)

"किडनी के एक रोग में काईलोरिया बीमारी होती है, जो गंभीर मानी जाती है. इसमें करौंदा रामबाण की तरह काम करता है. यह छोटा फल सेहत का खजाना है. इसका अचार और गुड़म्मा बनाकर भी खा सकते हैं."- डॉक्टर विवेकानंद मिश्र, आयुर्वेद चिकित्सक

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Last Updated : Aug 1, 2024, 9:47 PM IST
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