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किचन के इन सात सामानों से एक ही दिन में ठीक करें खांसी-जुकाम, जानें कैसे - Dry Cough In Monsoon

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 29, 2024, 1:21 PM IST

Dry cough in monsoon: मानसून में खांसी, जुकाम और गले की समस्याएं आम बात हैं. आज हम इस खबर के माध्यम से बताएंगे कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाया जाए और बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों से कैसे बचा जाए. पढ़ें...

In the rainy season
Etv Bharatबरतास के मौसम में एक दिन में इन सात घर के सामान से ठीक करें खांसी जुकाम, जानें कैसे (IANS)

हैदराबाद: देश में मानसून ने दस्तक दे दी है और इसके साथ ही कई बीमारियां भी घर आ आती हैं. इस मौसम में आपको सर्दी-जुकाम और खांसी की समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि प्रथिरोधक क्षमता कम हो जाती है. अगर ध्यान दिया जाए तो ये छोटी-मोटी समस्याएं जल्दी ठीक हो जाती हैं, लेकिन गले में खराश होना, चाहे एक दिन के लिए ही क्यों न हो, बहुत बहुत कष्टदायी होता है.

फ्लू, सर्दी-जुकाम, अस्थमा, सिगरेट के धुएं के संपर्क में आना और दूसरी बीमारियां सूखी खांसी के कारणों में से हैं. इसके लिए पुदीना, शहद या एयर प्यूरीफायर जैसे घरेलू उपचार मददगार हो सकते हैं.

मानसून में सूखी खांसी का इलाज करने के घरेलू उपाय

शहद: शहद के कई अद्भुत फायदे हैं. इसमें कई एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो गले की खराश से राहत दिला सकते हैं. सूखी खांसी से छुटकारा पाने के लिए, गर्म पानी और शहद को एक साथ मिला कर पी लें. इससे आपको राहत मिलेगी.

लहसुन: लहसुन के एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे खांसी और जुकाम जैसी स्थितियों के इलाज में उपयोगी बनाते हैं. नियमित लहसुन का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत कर सकता है और रक्तचाप को कम कर सकता है.

अदरक: इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण वायुमार्ग की झिल्लियों को आराम देने और खांसी को कम करने में सहायता करते हैं. यह कफ के उत्पादन को कम करने और गले की खराश को शांत करने में मदद कर सकता है. अदरक की चाय का सेवन किया जा सकता है और यह सकारात्मक प्रभाव प्रदान करेगी.

हल्दी: हर घर में हल्दी होती है, जिसमें एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव बहुत होते हैं. इसके अलावा, इस अद्भुत मसाले का उपयोग करके आयुर्वेदिक श्वसन दवाएं बनाई जाती हैं. हल्दी को दूध में डालकर पीने से भी सूखी खांसी से छुटकारा पाया जा सकता है.

तुलसी के पत्ते: इसमें कई रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो लगातार खांसी को रोक सकते हैं. तुलसी के कुछ पत्ते चबाने से आपको अपनी खांसी को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.

नमक के पानी से गरारे करें: नमक के जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण बलगम को साफ करने या कम करने में मदद कर सकते हैं और साथ ही गले की तकलीफ को भी कम कर सकते हैं. एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नमक घोलकर दिन में कम से कम दो बार गरारे करें.

भाप: बंद नाक को भाप से खोला जा सकता है और यह खांसी में भी मदद कर सकता है. उबलते पानी के एक बर्तन में अपनी पसंद का आवश्यक तेल डालें. फिर अपने सिर पर भाप लें, ऐसा कम से कम 10 मिनट तक करें, इससे आपकी खांसी और जुकाम दोनों ठीक हो जाएंगे.

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हैदराबाद: देश में मानसून ने दस्तक दे दी है और इसके साथ ही कई बीमारियां भी घर आ आती हैं. इस मौसम में आपको सर्दी-जुकाम और खांसी की समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि प्रथिरोधक क्षमता कम हो जाती है. अगर ध्यान दिया जाए तो ये छोटी-मोटी समस्याएं जल्दी ठीक हो जाती हैं, लेकिन गले में खराश होना, चाहे एक दिन के लिए ही क्यों न हो, बहुत बहुत कष्टदायी होता है.

फ्लू, सर्दी-जुकाम, अस्थमा, सिगरेट के धुएं के संपर्क में आना और दूसरी बीमारियां सूखी खांसी के कारणों में से हैं. इसके लिए पुदीना, शहद या एयर प्यूरीफायर जैसे घरेलू उपचार मददगार हो सकते हैं.

मानसून में सूखी खांसी का इलाज करने के घरेलू उपाय

शहद: शहद के कई अद्भुत फायदे हैं. इसमें कई एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो गले की खराश से राहत दिला सकते हैं. सूखी खांसी से छुटकारा पाने के लिए, गर्म पानी और शहद को एक साथ मिला कर पी लें. इससे आपको राहत मिलेगी.

लहसुन: लहसुन के एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे खांसी और जुकाम जैसी स्थितियों के इलाज में उपयोगी बनाते हैं. नियमित लहसुन का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत कर सकता है और रक्तचाप को कम कर सकता है.

अदरक: इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण वायुमार्ग की झिल्लियों को आराम देने और खांसी को कम करने में सहायता करते हैं. यह कफ के उत्पादन को कम करने और गले की खराश को शांत करने में मदद कर सकता है. अदरक की चाय का सेवन किया जा सकता है और यह सकारात्मक प्रभाव प्रदान करेगी.

हल्दी: हर घर में हल्दी होती है, जिसमें एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव बहुत होते हैं. इसके अलावा, इस अद्भुत मसाले का उपयोग करके आयुर्वेदिक श्वसन दवाएं बनाई जाती हैं. हल्दी को दूध में डालकर पीने से भी सूखी खांसी से छुटकारा पाया जा सकता है.

तुलसी के पत्ते: इसमें कई रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो लगातार खांसी को रोक सकते हैं. तुलसी के कुछ पत्ते चबाने से आपको अपनी खांसी को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.

नमक के पानी से गरारे करें: नमक के जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण बलगम को साफ करने या कम करने में मदद कर सकते हैं और साथ ही गले की तकलीफ को भी कम कर सकते हैं. एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नमक घोलकर दिन में कम से कम दो बार गरारे करें.

भाप: बंद नाक को भाप से खोला जा सकता है और यह खांसी में भी मदद कर सकता है. उबलते पानी के एक बर्तन में अपनी पसंद का आवश्यक तेल डालें. फिर अपने सिर पर भाप लें, ऐसा कम से कम 10 मिनट तक करें, इससे आपकी खांसी और जुकाम दोनों ठीक हो जाएंगे.

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