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आयुर्वेद के मुताबिक, शुगर मरीजों के लिए संजीवनी से कम नहीं है यह जंगली पौधा, बस सेवन करने का तरीका जान लें - AAK LEAVES FOR DIABETES

आयुर्वेद में आक एक लोकप्रिय औषधीय पौधा है. यह पौधा कई स्वास्थ्य लाभों से भरपूर है. डायबिटीज जैसी लाइलाज बीमारी के लिए रामबाण है. पढ़ें...

How to use calotropis gigantea or Aak Leaves medicine for diabetes, avoiding poison
आयुर्वेद में आक एक लोकप्रिय औषधीय पौधा है (CANVA)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Oct 21, 2024, 12:58 PM IST

डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है. जिसे बेहतर जीवनशैली और हेल्दी डाइ़ट से ही कंट्रोल किया जा सकता है. टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में ब्लड शुगर बढ़ने लगता है. जिसके कारण मरीजों को अधिक प्यास लगना, गला सूखना, मुंह सूखना, लो बीपी, रूखी त्वचा, चक्कर आना, कमजोरी, नजर कमजोर होना और घाव का ठीक न होना जैसी समस्याएं होने लगती हैं. भारत में वर्षों से आयुर्वेद कई गंभीर बीमारियों का इलाज करता आ रहा है. इसी तरह आक की पत्तियों का इस्तेमाल भी डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए किया जा सकता है. आयुर्वेद में आक के पौधे को मधुमेह के लिए एक शक्तिशाली जड़ी बूटी माना जाता है. आयुर्वेद के साथ-साथ अब वैज्ञानिकों ने भी एक रिसर्च में आक से फूल और पत्तियों से डायबिटीज का इलाज किया जा सकता है, इसकी पुष्टि कर दी है.

आक को अंग्रेजी में जाइंट कैलोट्रोप के नाम से जाना जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम कैलोट्रोपिस गिगेंटिया है. आक की पत्तियां मुलायम और थोड़ी हरी और थोड़ी सफेद रंग की होती हैं, लेकिन सूखने के बाद पीली हो जाती हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए आक की पत्तियां किसी वरदान से कम नहीं हैं pmc.ncbi.nlm.nih.gov की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह सिद्ध हो गया है. इसके फूल और पत्तियां मधुमेह, अस्थमा और कुष्ठ रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होते हैं. आक को बहुत से लोग अकोवा और मदार के नाम से भी पहचानते हैं. सिर्फ डायबिटीज ही नहीं, यह आपको कई तरह की स्किन एलर्जी से भी बचा सकता है.

आक की पत्तियों से पाएं डायबिटीज से छुटकारा
आक की पत्तियों के रस का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि स्वर्णभस्म में किया जाता है. इस दवा का उपयोग मधुमेह के इलाज में किया जाता है.आक के पौधे में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और घाव भरने के गुण होते हैं. एंटीऑक्सिडेंट जो शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकते हैं. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. दरअसल, आक का पौधा बहुत जहरीला होता है. आप इस पौधे को जंगलों और झाड़ियों के बीच आसानी से देख सकते हैं. यह पौधा भले ही जहरीला होता है लेकिन सेहत के लिए किसी औषधि से कम नहीं है.

डायबिटीज के रोगियों को बबूल की पत्तियों का उपयोग कैसे करना चाहिए?
पत्तों को धूप में सुखा लें. फिर इसे पीसकर पाउडर बना लें. अब इस पाउडर को 10 मिलीलीटर पानी में मिलाकर रोजाना सेवन करें. दूसरा तरीका है पत्तों को तोड़कर साफ करना. फिर इसे पैर के तलवे पर लगाएं, मोजें पहनें और सो जाएं. सुबह अपने मोजे उतार दें, इससे मधुमेह के रोगियों का ब्लड शुगर लेवल कम हो जाएगा.

आक की पत्तियों के अन्य फायदे

  • अस्थमा के मरीजों के लिए आक का फूल बहुत फायदेमंद होता है. इसके सूखे फूलों का नियमित सेवन करने से अस्थमा और फेफड़ों की समस्या दूर हो जाती है.
  • बवासीर के मरीज बबूल की पत्तियों के इस्तेमाल से इससे छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए बबूल की कुछ पत्तियां और तने को पानी में भिगो दें. कुछ घंटों बाद इस पानी को पी लें. ऐसा करने से बवासीर की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी.
  • आक का पौधा आपको त्वचा के रूखेपन और छिलने की समस्या से भी राहत दिला सकता है. खुजली से छुटकारा पाने के लिए जड़ को जला लें. इस किशमिश को सरसों के तेल में मिलाकर खुजली वाली जगह पर लगाएं. इससे खुजली की समस्या दूर हो जाएगी.
  • इसमें मौजूद गुण दांतों की समस्या, कब्ज, डायरिया और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं को दूर कर सकते हैं.

इन्हें इकट्ठा करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए

इन पत्तों को इकट्ठा करने से पहले सावधान रहें, क्योंकि इस पैधे से सफेद दूध निकलता है, जो आंखों के लिए बेहद खतरनाक होता हैं. इस पत्ते का उपयोग करते समय भी सावधान रहें. यह मिश्रण बच्चों को बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए.

(डिस्क्लेमर- यह लेख केवल जानकारी के लिए है. हमने कुछ अध्ययनों और प्रासंगिक विशेषज्ञों के अनुसार ये विवरण प्रदान किए हैं. परिणाम व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेने की सलाह दी जाती है.)

सोर्स-

https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0378874124008158

https://rjppd.org/HTMLPaper.aspx?Journal=Research%20Journal%20of%20Pharmacology%20and%20Pharmacodynamics;PID=2023-15-1-8

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डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है. जिसे बेहतर जीवनशैली और हेल्दी डाइ़ट से ही कंट्रोल किया जा सकता है. टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में ब्लड शुगर बढ़ने लगता है. जिसके कारण मरीजों को अधिक प्यास लगना, गला सूखना, मुंह सूखना, लो बीपी, रूखी त्वचा, चक्कर आना, कमजोरी, नजर कमजोर होना और घाव का ठीक न होना जैसी समस्याएं होने लगती हैं. भारत में वर्षों से आयुर्वेद कई गंभीर बीमारियों का इलाज करता आ रहा है. इसी तरह आक की पत्तियों का इस्तेमाल भी डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए किया जा सकता है. आयुर्वेद में आक के पौधे को मधुमेह के लिए एक शक्तिशाली जड़ी बूटी माना जाता है. आयुर्वेद के साथ-साथ अब वैज्ञानिकों ने भी एक रिसर्च में आक से फूल और पत्तियों से डायबिटीज का इलाज किया जा सकता है, इसकी पुष्टि कर दी है.

आक को अंग्रेजी में जाइंट कैलोट्रोप के नाम से जाना जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम कैलोट्रोपिस गिगेंटिया है. आक की पत्तियां मुलायम और थोड़ी हरी और थोड़ी सफेद रंग की होती हैं, लेकिन सूखने के बाद पीली हो जाती हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए आक की पत्तियां किसी वरदान से कम नहीं हैं pmc.ncbi.nlm.nih.gov की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह सिद्ध हो गया है. इसके फूल और पत्तियां मधुमेह, अस्थमा और कुष्ठ रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होते हैं. आक को बहुत से लोग अकोवा और मदार के नाम से भी पहचानते हैं. सिर्फ डायबिटीज ही नहीं, यह आपको कई तरह की स्किन एलर्जी से भी बचा सकता है.

आक की पत्तियों से पाएं डायबिटीज से छुटकारा
आक की पत्तियों के रस का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि स्वर्णभस्म में किया जाता है. इस दवा का उपयोग मधुमेह के इलाज में किया जाता है.आक के पौधे में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और घाव भरने के गुण होते हैं. एंटीऑक्सिडेंट जो शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकते हैं. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. दरअसल, आक का पौधा बहुत जहरीला होता है. आप इस पौधे को जंगलों और झाड़ियों के बीच आसानी से देख सकते हैं. यह पौधा भले ही जहरीला होता है लेकिन सेहत के लिए किसी औषधि से कम नहीं है.

डायबिटीज के रोगियों को बबूल की पत्तियों का उपयोग कैसे करना चाहिए?
पत्तों को धूप में सुखा लें. फिर इसे पीसकर पाउडर बना लें. अब इस पाउडर को 10 मिलीलीटर पानी में मिलाकर रोजाना सेवन करें. दूसरा तरीका है पत्तों को तोड़कर साफ करना. फिर इसे पैर के तलवे पर लगाएं, मोजें पहनें और सो जाएं. सुबह अपने मोजे उतार दें, इससे मधुमेह के रोगियों का ब्लड शुगर लेवल कम हो जाएगा.

आक की पत्तियों के अन्य फायदे

  • अस्थमा के मरीजों के लिए आक का फूल बहुत फायदेमंद होता है. इसके सूखे फूलों का नियमित सेवन करने से अस्थमा और फेफड़ों की समस्या दूर हो जाती है.
  • बवासीर के मरीज बबूल की पत्तियों के इस्तेमाल से इससे छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए बबूल की कुछ पत्तियां और तने को पानी में भिगो दें. कुछ घंटों बाद इस पानी को पी लें. ऐसा करने से बवासीर की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी.
  • आक का पौधा आपको त्वचा के रूखेपन और छिलने की समस्या से भी राहत दिला सकता है. खुजली से छुटकारा पाने के लिए जड़ को जला लें. इस किशमिश को सरसों के तेल में मिलाकर खुजली वाली जगह पर लगाएं. इससे खुजली की समस्या दूर हो जाएगी.
  • इसमें मौजूद गुण दांतों की समस्या, कब्ज, डायरिया और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं को दूर कर सकते हैं.

इन्हें इकट्ठा करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए

इन पत्तों को इकट्ठा करने से पहले सावधान रहें, क्योंकि इस पैधे से सफेद दूध निकलता है, जो आंखों के लिए बेहद खतरनाक होता हैं. इस पत्ते का उपयोग करते समय भी सावधान रहें. यह मिश्रण बच्चों को बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए.

(डिस्क्लेमर- यह लेख केवल जानकारी के लिए है. हमने कुछ अध्ययनों और प्रासंगिक विशेषज्ञों के अनुसार ये विवरण प्रदान किए हैं. परिणाम व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेने की सलाह दी जाती है.)

सोर्स-

https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0378874124008158

https://rjppd.org/HTMLPaper.aspx?Journal=Research%20Journal%20of%20Pharmacology%20and%20Pharmacodynamics;PID=2023-15-1-8

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