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शरीर में 8 संकेत दिखें तो समझ जाएं हो चुकी है मुंह के कैंसर की शुरुआत, तुरंत हो जाएं अलर्ट - KNOW THE SYMPTOMS ORAL CANCER

मुंह का कैंसर वह स्थिति है जब जीभ, मुंह, होंठ या मसूड़ों की सतह पर ट्यूमर विकसित हो जाता है. खबर में पढ़ें विस्तार से...

If you see these 8 signs in your body, understand that oral cancer has started
शरीर में 8 संकेत दिखें तो समझ जाएं हो चुकी है मुंह के कैंसर की शुरुआत, तुरंत हो जाएं अलर्ट (CANVA)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Dec 9, 2024, 1:12 PM IST

आज के युवाओं में खैनी, गुटखा, पान मसाला आदि की आदत बढ़ती जा रही है. इन नशीले पदार्थों के शिकार ज्यादातर युवा वर्ग हो रहे हैं. आश्चर्य की बात तो यह है कि, कुछ लोग सोते वक्त भी गुटखा जबड़े में रखते हैं. ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि यह काफी खतरनाक हो सकता है. ऐसा करने से यह कुछ दिनों में मुंह का घाव बना देता है और धीरे-धीरे वह हिस्सा कैंसर में तब्दील हो जाता है. तंबाकू से बने उत्पादों को सिर, गर्दन और फेफड़ों के कैंसर का मेन कारण बताया जाता है.

मुंह, होंठ, जीभ, मसूड़े, लार ग्रंथियां और गला सभी ओरल कैंसर से प्रभावित हो सकते हैं, जो एक खतरनाक और कभी-कभी जानलेवा बीमारी है. ओरल कैंसर की मृत्यु दर कई अन्य कैंसरों की तुलना में सबसे ज्यादा है. ओरल कैंसर का पता जल्दी नहीं चलता, जब यह काफी हाई फेज में चला जाता है तब इसके बारे में पता चलता है, जो इलाज की प्रभावकारिता और संभावनाओं को सीमित करता है. इस वजह से यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने दंत चिकित्सक से नियमित रूप से ओरल कैंसर की जांच करवाएं.

वेबएमडी के मुताबिक, ओरल कैंसर के अलग-अलग लक्षणों और संकेतों को समझना भी काफी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे आपको बीमारी के शुरुआती चरणों को पहचानने में मदद मिल सकती है. इस खबर में ओरल कैंसर के 5 लक्षण के बारे में बताया गया, जानें...

मसूड़ों से खून आना

मसूड़ों से खून आना अक्सर पीरियडोंटल बीमारी का संकेत माना जाता है. मुंह में बिना किसी कारण के खून आना कुछ खास तरह के ओरल कैंसर का भी एक आम लक्षण हो सकता है. मसूड़ों से किसी भी तरह का असामान्य या काफी ज्यादा खून आने पर हमेशा अपने दंत चिकित्सक से बात करनी चाहिए ताकि स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा सके.
मुंह में घाव या अल्सर
मुंह में घाव या अल्सर होना जो ठीक नहीं होते, मुंह के कैंसर के सबसे आम लक्षणों में से एक है. कैंसरयुक्त मुंह के घाव का एब्नार्मल ग्रोथ होता है जो अन्य सामान्य घावों से अलग होते हैं,जो मुंह में और उसके आस-पास हो सकते हैं. मौखिक कैंसर के कारण होने वाले मुंह के घाव कैंकर सोर या कोल्ड सोर से अलग होते हैं क्योंकि वे समय के साथ ठीक नहीं होते हैं. ये घाव दो सप्ताह से ज्यादा समय तक रह सकते हैं और असहज भी हो सकते हैं

इन बातों पर ध्यान दें...

  • कैंसर के घाव आमतौर पर लाल, सफेद या रंगहीन होता है.
  • कैंसर का घाव समय से ठीक नहीं होता और केवल उस घाव से खून का बहता रहना.

जबड़े में दर्द
मौखिक कैंसर के कारण जबड़ा काफी कमजोर हो जाता है. जिसके कारण बोलना, चबाना और निगलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. कैंसर बढ़ने पर जबड़ा बड़ा होना शुरू हो सकता है, जिससे और अधिक असुविधा हो सकती है और दांतों की समस्या जैसे डेन्चर या अन्य मरम्मत में परेशानी हो सकती है. यदि आपके जबड़े में दर्द कुछ सप्ताह तक बना रहता है, तो दंत चिकित्सक या चिकित्सक से जांच करवाएं.

सफेद या लाल धब्बे
मौखिक कैंसर का संकेत मुंह में लाल या सफेद रंग का एरिया भी हो सकता है. अपनी नियमित जांच के दौरान, आपके दंत चिकित्सक को मसूड़ों, होठों या मुंह के अंदर किसी भी सूखे या खुरदरे धब्बे की जांच करनी चाहिए.

गले में बार-बार दर्द होना
गले में दर्द होना एक आम बात है खास तौर पर सर्दी और फ्लू के मौसम में गले में दर्द हो सकता है. हालांकि, अगर आपको लगातार गले में दर्द रह रहा है और निगलने में दिक्कत होती है या ऐसा महसूस होता है कि गले के पिछले हिस्से में कुछ फंसा हुआ है, तो इसका कारण ओरल कैंसर हो सकता है. इसे नजरअंदाज ना करें और तुरंत अपने डॉक्टर से जांच करवाएं.

National Health Service के मुताबिक, विस्तार से जानें लक्षणों के बारे में...

मुंह के कैंसर के लक्षण आपके मुंह के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं, जिसमें मसूड़े, जीभ, गालों के अंदर या होंठ शामिल हैं.

लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं..

  • आपके मुंह में छाला जो 3 सप्ताह से अधिक समय तक रहता है
  • आपके मुंह के अंदर लाल या सफेद धब्बा
  • आपके मुंह के अंदर या आपके होंठ पर गांठ
  • आपके मुंह के अंदर दर्द
  • निगलने में कठिनाई
  • बोलने में कठिनाई या कर्कश (खर्राटेदार) आवाज
  • आपकी गर्दन या गले में गांठ
  • बिना प्रयास किये वजन कम होना

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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आज के युवाओं में खैनी, गुटखा, पान मसाला आदि की आदत बढ़ती जा रही है. इन नशीले पदार्थों के शिकार ज्यादातर युवा वर्ग हो रहे हैं. आश्चर्य की बात तो यह है कि, कुछ लोग सोते वक्त भी गुटखा जबड़े में रखते हैं. ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि यह काफी खतरनाक हो सकता है. ऐसा करने से यह कुछ दिनों में मुंह का घाव बना देता है और धीरे-धीरे वह हिस्सा कैंसर में तब्दील हो जाता है. तंबाकू से बने उत्पादों को सिर, गर्दन और फेफड़ों के कैंसर का मेन कारण बताया जाता है.

मुंह, होंठ, जीभ, मसूड़े, लार ग्रंथियां और गला सभी ओरल कैंसर से प्रभावित हो सकते हैं, जो एक खतरनाक और कभी-कभी जानलेवा बीमारी है. ओरल कैंसर की मृत्यु दर कई अन्य कैंसरों की तुलना में सबसे ज्यादा है. ओरल कैंसर का पता जल्दी नहीं चलता, जब यह काफी हाई फेज में चला जाता है तब इसके बारे में पता चलता है, जो इलाज की प्रभावकारिता और संभावनाओं को सीमित करता है. इस वजह से यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने दंत चिकित्सक से नियमित रूप से ओरल कैंसर की जांच करवाएं.

वेबएमडी के मुताबिक, ओरल कैंसर के अलग-अलग लक्षणों और संकेतों को समझना भी काफी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे आपको बीमारी के शुरुआती चरणों को पहचानने में मदद मिल सकती है. इस खबर में ओरल कैंसर के 5 लक्षण के बारे में बताया गया, जानें...

मसूड़ों से खून आना

मसूड़ों से खून आना अक्सर पीरियडोंटल बीमारी का संकेत माना जाता है. मुंह में बिना किसी कारण के खून आना कुछ खास तरह के ओरल कैंसर का भी एक आम लक्षण हो सकता है. मसूड़ों से किसी भी तरह का असामान्य या काफी ज्यादा खून आने पर हमेशा अपने दंत चिकित्सक से बात करनी चाहिए ताकि स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा सके.
मुंह में घाव या अल्सर
मुंह में घाव या अल्सर होना जो ठीक नहीं होते, मुंह के कैंसर के सबसे आम लक्षणों में से एक है. कैंसरयुक्त मुंह के घाव का एब्नार्मल ग्रोथ होता है जो अन्य सामान्य घावों से अलग होते हैं,जो मुंह में और उसके आस-पास हो सकते हैं. मौखिक कैंसर के कारण होने वाले मुंह के घाव कैंकर सोर या कोल्ड सोर से अलग होते हैं क्योंकि वे समय के साथ ठीक नहीं होते हैं. ये घाव दो सप्ताह से ज्यादा समय तक रह सकते हैं और असहज भी हो सकते हैं

इन बातों पर ध्यान दें...

  • कैंसर के घाव आमतौर पर लाल, सफेद या रंगहीन होता है.
  • कैंसर का घाव समय से ठीक नहीं होता और केवल उस घाव से खून का बहता रहना.

जबड़े में दर्द
मौखिक कैंसर के कारण जबड़ा काफी कमजोर हो जाता है. जिसके कारण बोलना, चबाना और निगलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. कैंसर बढ़ने पर जबड़ा बड़ा होना शुरू हो सकता है, जिससे और अधिक असुविधा हो सकती है और दांतों की समस्या जैसे डेन्चर या अन्य मरम्मत में परेशानी हो सकती है. यदि आपके जबड़े में दर्द कुछ सप्ताह तक बना रहता है, तो दंत चिकित्सक या चिकित्सक से जांच करवाएं.

सफेद या लाल धब्बे
मौखिक कैंसर का संकेत मुंह में लाल या सफेद रंग का एरिया भी हो सकता है. अपनी नियमित जांच के दौरान, आपके दंत चिकित्सक को मसूड़ों, होठों या मुंह के अंदर किसी भी सूखे या खुरदरे धब्बे की जांच करनी चाहिए.

गले में बार-बार दर्द होना
गले में दर्द होना एक आम बात है खास तौर पर सर्दी और फ्लू के मौसम में गले में दर्द हो सकता है. हालांकि, अगर आपको लगातार गले में दर्द रह रहा है और निगलने में दिक्कत होती है या ऐसा महसूस होता है कि गले के पिछले हिस्से में कुछ फंसा हुआ है, तो इसका कारण ओरल कैंसर हो सकता है. इसे नजरअंदाज ना करें और तुरंत अपने डॉक्टर से जांच करवाएं.

National Health Service के मुताबिक, विस्तार से जानें लक्षणों के बारे में...

मुंह के कैंसर के लक्षण आपके मुंह के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं, जिसमें मसूड़े, जीभ, गालों के अंदर या होंठ शामिल हैं.

लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं..

  • आपके मुंह में छाला जो 3 सप्ताह से अधिक समय तक रहता है
  • आपके मुंह के अंदर लाल या सफेद धब्बा
  • आपके मुंह के अंदर या आपके होंठ पर गांठ
  • आपके मुंह के अंदर दर्द
  • निगलने में कठिनाई
  • बोलने में कठिनाई या कर्कश (खर्राटेदार) आवाज
  • आपकी गर्दन या गले में गांठ
  • बिना प्रयास किये वजन कम होना

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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