ग्वालियर। अभी तक आपने कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय में आम लोगों की जन समस्या के निराकरण के लिए जनसुनवाई के बारे में सुना होगा.कई बार आपने यह भी सुना होगा कि सांसद और विधायक भी अपने अपने क्षेत्रों में जनसुनवाई करते हैं.लेकिन यह नहीं सुना होगा कि मरीजों की समस्याओं के लिए अस्पताल में भी जनसुनवाई होती है. अब एमपी में मरीजों की समस्याओं के निराकरण के लिए जनसुनवाई की शुरुआत हो गई है. ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल समूह के 1000 बिस्तर अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की समस्या के निराकरण के लिए जनसुनवाई की शुरुआत की गई है. इस जनसुनवाई के माध्यम से अलग-अलग विभाग के डॉक्टर मरीजों की समस्याओं का निराकरण करेंगे.
क्यों जरुरत पड़ी जनसुनवाई की:
ग्वालियर-चंबल अंचल के सबसे बड़े 1000 बिस्तर वाले जयारोग्य अस्पताल में यहां के अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग इलाकों से बड़ी संख्या में मरीज चेकअप के लिए आते हैं. यही कारण है कि यहां पर मरीजों और उनके परिजनों को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. जब अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कोई सुनवाई नहीं होती है तब मरीज सीएम हेल्पलाइन में भी इसकी शिकायत करते हैं. इसके बावजूद भी मरीजों की समस्याओं का कोई निराकरण नहीं हो पा रहा था. ऐसी स्थिति में मरीज और उनके परिजन समस्याओं को लेकर इधर-उधर भटकते रहते थे.
अब शुरू हुई जनसुनवाई
अब एक हजार बिस्तर वाले इस जयारोग्य अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की समस्याओं के निराकरण के लिए जनसुनवाई की शुरुआत की गई है. जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के डीन अक्षय निगम ने बताया कि अस्पताल में अलग-अलग दिन सभी विभागों के विभाग अध्यक्ष मरीजों की समस्याओं के निराकरण के लिए जनसुनवाई करेंगे. उन्होंने बताया है कि विभाग अध्यक्ष और डॉक्टरों को अपनी सुविधा अनुसार दिन में एक समय निश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. उस निश्चित समय में सिर्फ मरीजों की समस्याओं को सुना जाएगा और उनका तत्काल निराकरण भी किया जाएगा.
जनसुनवाई में एमपी का पहला अस्पताल
जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के डीन अक्षय निगम ने बताया है कि यह अस्पताल ग्वालियर चंबल अंचल के अलावा मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 50 जिलों को कवर करता है और यहां दूर-दूर से मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. इसी दौरान मरीजों की कई समस्याएं भी सामने आती हैं जिसमें कभी-कभी डॉक्टर नहीं मिल पाते हैं, इलाज नहीं हो पता है जांच नहीं हो पाती है. इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए जनसुनवाई की शुरुआत की है. रोज सभी विभागों के डॉक्टर जनसुनवाई करेंगे और तत्काल मरीजों की समस्या का निराकरण करेंगे.एमपी में किसी सरकारी अस्पताल में जनसुनवाई शुरू करने के मामले में यह पहला अस्पताल है.