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अलसी के बीज डायबिटीज पेशेंट के लिए रामबाण, जानें कैसे खाने से कम होगा शुगर लेवल, वैज्ञानिक भी मान चुके हैं लोहा

अलसी के बीज पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड और ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत हैं. इसके सेवन से शुगर कंट्रोल किया जा सकता है. पढ़ें...

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By ETV Bharat Health Team

Published : 2 hours ago

Flax seeds are a great medicine for diabetes patients know several Health Benefits
अलसी के बीज डायबिटीज पेशेंट के लिए रामबाण (CANVA)

अलसी के बीज (फ्लैक्ससीड) देखने में भले ही छोटी होती है, लेकिन इसमें कई अद्भुत गुण होते हैं. यह फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है , इसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड भी शामिल है. फ्लैक्ससीड में लिग्नान नामक फाइटोएस्ट्रोजेन भी होते हैं, जो एस्ट्रोजन हार्मोन के समान होते हैं. खासतौर पर इसमें प्रोटीन, फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ-साथ भरपूर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं. आज इस खबर में जानिए कि अलसी के बीज हमारे स्वास्थ्य के लिए क्यों अच्छा है और इसके क्या-क्या फायदे होते है.

एक शोध में यह बात साफ हो गई है कि अलसी के बीज का सेवन करने से भूख कम लगती है. खाने से पहले लेने पर, यह लोगों को कम भूख का एहसास कराता है . यह शरीर द्वारा भोजन से अवशोषित किए जाने वाले कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को सीमित करने में भी मदद कर सकता है. बता दें, फ्लैक्ससीड का उपयोग कब्ज , डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापे और ल्यूपस वाले लोगों में गुर्दे की सूजन के लिए किया जाता है.

इसका उपयोग कई अन्य स्थितियों के लिए भी किया जाता है, लेकिन इनमें से अधिकांश अन्य उपयोगों का समर्थन करने के लिए कोई अच्छा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. फ्लैक्ससीड और फ्लैक्ससीड तेल के अलग-अलग प्रभाव होते हैं.

कोलेस्ट्रॉल में कमी
परिधीय धमनी रोग से पीड़ित लोगों पर एक महीने तक चले अध्ययन में पाया गया कि रोजाना 4 बड़े चम्मच अलसी खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल 15 प्रतिशत तक कम हो गया. इसी तरह, बीपी से पीड़ित 112 लोगों पर 12 सप्ताह के अध्ययन में भी यही बात सामने आई. ऐसा देखा गया है कि प्रतिदिन 30 ग्राम अलसी खाने से बीपी और कोलेस्ट्रॉल कम होता है. इसमें मौजूद फाइबर के कारण कोलेस्ट्रॉल कम पाया गया है.

वजन घटना
कुछ अध्ययनों के अनुसार, अलसी खाने से वजन प्रबंधन में भी मदद मिल सकती है. एविसेलो में घुलनशील फाइबर होता है. इससे अधिक खाने की इच्छा कम हो जाती है. इसी तरह पाचन क्रिया सुचारू होती है और पेट भरा रहता है. इसलिए लोग ज्यादा खाना नहीं खा पाते, जिससे आसानी से वजन हो जाता है. कुछ अध्ययनों के अनुसार, यह पता चला है कि अलसी के बीज खाने वालों के शरीर का वजन और पेट की चर्बी आसानी से कम हो सकती है.

ब्लड शुगर लेवल
अलसी के बीच खाने से ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है. एविसेलो में मौजूद फाइबर ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मुख्य भुमिका निभाता है. दरअसल, फाइबर हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को अवशोषित करना आसान बनाता है. इससे शुगर लेवल कम हो जाता है. यह मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हालांकि, एक बात याद रखनी वाली यहां यह है कि अलसी के बीज की जगह अलसी के तेल का उपयोग करने से ये लाभ नहीं होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें फाइबर की कमी होती है.

बीपी में कमी
कुछ अध्ययनों के अनुसार, अलसी खाने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है. प्रतिदिन 4 बड़े चम्मच अलसी के बीज खाने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों दबाव हो सकते है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे स्ट्रोक और हृदय संबंधी समस्याएं होने की संभावना कम होती है.

कैंसर के खिलाफ
अलसी के बीजों में लिगनेन होता है, जो कैंसर से लड़ता है. कुछ अध्ययनों से पता चला है कि इन्हें खाने से रजोनिवृत्ति के बाद स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है. इसके अलावा जानवरों पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि इन अलसी के बीजों को खाने से कोलन, त्वचा, रक्त और फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम हो गया है. हालांकि, इस पर अभी भी शोध चल रहा है कि क्या इसका प्रभाव मनुष्यों पर लागू किया जा सकता है.

कैसे खाएं

  • इतने सारे फायदों के साथ अलसी के बीज कैसे खाएं..
  • जब हम स्मूदी बनाते हैं, तो हम उन्हें ऊपर डाल सकते हैं और उस कुरकुरे स्वाद का आनंद ले सकते हैं.
  • इसे सलाद के ऊपर ड्रेसिंग के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • जब हम अनाज लेते हैं तो इन्हें अनाज में भी मिलाया जा सकता है.
  • दही के साथ मिला सकते हैं.
  • जब हम कुकीज, मफिन, ब्रेड बेक करते हैं तो हम इसे मिला सकते हैं.
  • इसी तरह हम एविसेल को भी ग्रिल कर सकते हैं.
  • हालांकि, इसमें फाइटिक एसिड होता है. यह शरीर को विटामिन और खनिजों को अवशोषित करने से रोकता है. अत: इनका चूर्ण बनाकर भून लेना चाहिए।
  • भिगोकर खाना बेहतर है.
  • इसके अलावा स्प्राउट्स और माइक्रोग्रीन्स लेना बेहतर है.
  • अंकुरित होने के बाद इन्हें पकाकर खाया जा सकता है.
  • पकाकर भी खाया जा सकता है.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. इनका पालन करने से पहले अपने निजी डॉक्टर की सलाह लेना सबसे अच्छा है.)

सोर्स-

https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC9914786/#:~:text=Regular%20consumption%20of%20flaxseed%20can,)%20%5B1%2C8%5D.

https://www.webmd.com/diet/features/benefits-of-flaxseed

https://www.bhf.org.uk/informationsupport/heart-matters-magazine/nutrition/ask-the-expert/flax-seeds

ये भी पढ़ें-

अलसी के बीज (फ्लैक्ससीड) देखने में भले ही छोटी होती है, लेकिन इसमें कई अद्भुत गुण होते हैं. यह फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है , इसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड भी शामिल है. फ्लैक्ससीड में लिग्नान नामक फाइटोएस्ट्रोजेन भी होते हैं, जो एस्ट्रोजन हार्मोन के समान होते हैं. खासतौर पर इसमें प्रोटीन, फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ-साथ भरपूर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं. आज इस खबर में जानिए कि अलसी के बीज हमारे स्वास्थ्य के लिए क्यों अच्छा है और इसके क्या-क्या फायदे होते है.

एक शोध में यह बात साफ हो गई है कि अलसी के बीज का सेवन करने से भूख कम लगती है. खाने से पहले लेने पर, यह लोगों को कम भूख का एहसास कराता है . यह शरीर द्वारा भोजन से अवशोषित किए जाने वाले कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को सीमित करने में भी मदद कर सकता है. बता दें, फ्लैक्ससीड का उपयोग कब्ज , डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापे और ल्यूपस वाले लोगों में गुर्दे की सूजन के लिए किया जाता है.

इसका उपयोग कई अन्य स्थितियों के लिए भी किया जाता है, लेकिन इनमें से अधिकांश अन्य उपयोगों का समर्थन करने के लिए कोई अच्छा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. फ्लैक्ससीड और फ्लैक्ससीड तेल के अलग-अलग प्रभाव होते हैं.

कोलेस्ट्रॉल में कमी
परिधीय धमनी रोग से पीड़ित लोगों पर एक महीने तक चले अध्ययन में पाया गया कि रोजाना 4 बड़े चम्मच अलसी खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल 15 प्रतिशत तक कम हो गया. इसी तरह, बीपी से पीड़ित 112 लोगों पर 12 सप्ताह के अध्ययन में भी यही बात सामने आई. ऐसा देखा गया है कि प्रतिदिन 30 ग्राम अलसी खाने से बीपी और कोलेस्ट्रॉल कम होता है. इसमें मौजूद फाइबर के कारण कोलेस्ट्रॉल कम पाया गया है.

वजन घटना
कुछ अध्ययनों के अनुसार, अलसी खाने से वजन प्रबंधन में भी मदद मिल सकती है. एविसेलो में घुलनशील फाइबर होता है. इससे अधिक खाने की इच्छा कम हो जाती है. इसी तरह पाचन क्रिया सुचारू होती है और पेट भरा रहता है. इसलिए लोग ज्यादा खाना नहीं खा पाते, जिससे आसानी से वजन हो जाता है. कुछ अध्ययनों के अनुसार, यह पता चला है कि अलसी के बीज खाने वालों के शरीर का वजन और पेट की चर्बी आसानी से कम हो सकती है.

ब्लड शुगर लेवल
अलसी के बीच खाने से ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है. एविसेलो में मौजूद फाइबर ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मुख्य भुमिका निभाता है. दरअसल, फाइबर हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को अवशोषित करना आसान बनाता है. इससे शुगर लेवल कम हो जाता है. यह मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हालांकि, एक बात याद रखनी वाली यहां यह है कि अलसी के बीज की जगह अलसी के तेल का उपयोग करने से ये लाभ नहीं होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें फाइबर की कमी होती है.

बीपी में कमी
कुछ अध्ययनों के अनुसार, अलसी खाने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है. प्रतिदिन 4 बड़े चम्मच अलसी के बीज खाने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों दबाव हो सकते है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे स्ट्रोक और हृदय संबंधी समस्याएं होने की संभावना कम होती है.

कैंसर के खिलाफ
अलसी के बीजों में लिगनेन होता है, जो कैंसर से लड़ता है. कुछ अध्ययनों से पता चला है कि इन्हें खाने से रजोनिवृत्ति के बाद स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है. इसके अलावा जानवरों पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि इन अलसी के बीजों को खाने से कोलन, त्वचा, रक्त और फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम हो गया है. हालांकि, इस पर अभी भी शोध चल रहा है कि क्या इसका प्रभाव मनुष्यों पर लागू किया जा सकता है.

कैसे खाएं

  • इतने सारे फायदों के साथ अलसी के बीज कैसे खाएं..
  • जब हम स्मूदी बनाते हैं, तो हम उन्हें ऊपर डाल सकते हैं और उस कुरकुरे स्वाद का आनंद ले सकते हैं.
  • इसे सलाद के ऊपर ड्रेसिंग के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • जब हम अनाज लेते हैं तो इन्हें अनाज में भी मिलाया जा सकता है.
  • दही के साथ मिला सकते हैं.
  • जब हम कुकीज, मफिन, ब्रेड बेक करते हैं तो हम इसे मिला सकते हैं.
  • इसी तरह हम एविसेल को भी ग्रिल कर सकते हैं.
  • हालांकि, इसमें फाइटिक एसिड होता है. यह शरीर को विटामिन और खनिजों को अवशोषित करने से रोकता है. अत: इनका चूर्ण बनाकर भून लेना चाहिए।
  • भिगोकर खाना बेहतर है.
  • इसके अलावा स्प्राउट्स और माइक्रोग्रीन्स लेना बेहतर है.
  • अंकुरित होने के बाद इन्हें पकाकर खाया जा सकता है.
  • पकाकर भी खाया जा सकता है.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. इनका पालन करने से पहले अपने निजी डॉक्टर की सलाह लेना सबसे अच्छा है.)

सोर्स-

https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC9914786/#:~:text=Regular%20consumption%20of%20flaxseed%20can,)%20%5B1%2C8%5D.

https://www.webmd.com/diet/features/benefits-of-flaxseed

https://www.bhf.org.uk/informationsupport/heart-matters-magazine/nutrition/ask-the-expert/flax-seeds

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