Diwali Precautions : त्योहारी मौसम में दीपावली और अन्य उत्सवों के दौरान पटाखों और दीयों का उपयोग बहुत बढ़ जाता है. इस समय थोड़ी सी असावधानी भी जलने या आग लगने की घटनाओं का कारण बन सकती है. गौरतलब है कि दिवाली के त्योहार के दौरान जलने के ज्यादातर मामलों के लिए पटाखों, दीयों, और मोमबत्तियों का असावधानीपूर्वक उपयोग जिम्मेदार होता है. इसलिए बहुत जरूरी हैं कि इस अवसर पर संबंधित सावधानियों का विशेष ध्यान रखा जाए. यही नहीं दुर्घटना होने पर उसकी गंभीरता को कम करने के लिए जलने पर प्राथमिक उपचार से जुड़ी जानकारी होना भी बेहद जरूरी है, जिससे आप खुद और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रख सकते हैं.
प्राथमिक उपचार से जुड़ी जानकारी: लखनऊ के विकास क्लिनिक के चिकित्सक डॉ सुरेन्द्र सिंह बताते हैं कि दिवाली के समय में बर्न एक्सीडेंट काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं. इस प्रकार की दुर्घटना के ज्यादातर मामलों में पीड़ित बच्चे और युवा होते हैं, जो असावधानीपूर्वक पटाखें जलाते हैं.इसके अलावा दीयों के कारण आग लगने के मामले भी काफी देखने में आते हैं. इस प्रकार की दुर्घटनाओं में या किसी भी कारण से हुए बर्न एक्सीडेंट में यदि जलने के तत्काल बाद और सही ढंग से उपचार ना मिल पाए तो जलने के प्रभाव तो गंभीर हो ही सकते हैं बल्कि संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है.
वह बताते हैं कि सिर्फ दिवाली पर दुर्घटना की आशंका के मद्देनजर ही नहीं बल्कि सामान्यतः भी घर के सभी सदस्यों को जलने पर प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जानकारी होनी चाहिए. इसके अलावा दिवाली पर घर पर एक प्राथमिक चिकित्सा किट भी जरूर तैयार रखनी चाहिए. जिसमें जलन का उपचार करने वाली जरूरी चीजें जैसे एंटीसेप्टिक क्रीम, बैंडेज और स्टरलाइज्ड पट्टियां होनी चाहिए. वहीं जलने के प्राथमिक उपचार में निम्नलिखित स्टेप्स का पालन करना चाहिए.
- ठंडे पानी से धोएं: जलने की स्थिति में सबसे पहले प्रभावित हिस्से को ठंडे पानी से धोएं. यह त्वचा को राहत पहुंचाने के साथ-साथ जलन को भी कम करता है.
- एलोवेरा जेल लगाएं: जलने वाले स्थान पर एलोवेरा जेल लगाने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है. इसके अलावा यह त्वचा को ठंडक पहुंचाता है.
- एंटीसेप्टिक क्रीम का प्रयोग करें: घाव पर संक्रमण को रोकने के लिए एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल करें. इससे जलन के स्थान पर बैक्टीरिया का संक्रमण नहीं होगा.
- डॉक्टर की सलाह लें: अगर पीड़ित ज्यादा जल गया है तो उसे तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए.
- त्योहारी मौसम में सुरक्षा की तैयारियां
डॉ सुरेन्द्र सिंह बताते हैं कि दिवाली के अवसर पर दुर्घटनाओं से बचाव के लिए प्राथमिक चिकित्सा किट तैयार रखने के अलावा कुछ अन्य सावधानियों को अपनाना भी जरूरी है.
- त्योहार के दौरान ज्यादा छोटे बच्चों और ज्यादा बुजुर्ग लोगों को पटाखों, दीयों व मोमबत्तियों से दूर रखें.
- बच्चों को पटाखों के सुरक्षित इस्तेमाल की जानकारी दें और उन्हें अकेले ना छोड़ें.
- पटाखे हमेशा खुली जगह पर और सुरक्षित दूरी से चलाएं. सड़क पर पटाखे जलाने से बचना चाहिए.
- जली हुई फुलझड़ियां या अन्य पटाखें फेकने के लिए एक स्थान निर्धारित रखें जिससे जले हुए गरम पटाखों से कोई जले नहीं.
- जिस जगह पर पटाखे जलाए जा रहे हैं वहां पानी से भरी एक बाल्टी अवश्य रखें.
- यदि किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर पटाखे जलाए जा रहे हैं तो आग बुझाने वाले यंत्र भी पास में रखना चाहिए ताकि आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके.
- पटाखे जलाते समय ऐसे कपड़े ना पहने तो जल्दी आग पकड़ते हों.