Low Cost Innovation : भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के हालात बने हुए हैं. इन हालातों में आमतौर पर दोनों देशों के बीच व्यापार लगातार बाधित होता रहता है. ऐसे में बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज में पदस्थ एनेस्थीसिया विभाग के हेड और प्रोफेसर डाॅ सर्वेश जैन को एक बार एपीड्रम डिवाइस की जरूरत पड़ी और यहां ना मिलने के कारण सिंगापुर में इस डिवाइस का उत्पादन करने वाली कंपनी से उन्होंने संपर्क किया. तो उन्होंने बताया कि दक्षिण एशिया के लिए इस डिवाइस की फ्रेंचाइजी पाकिस्तान के एक बिजनेसमैन को दी गयी है. जब उन्होंने पाकिस्तान संपर्क किया, तो भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण उन्होंने डिवाइस देने से मना कर दिया. ऐसे में डाॅ. सर्वेश जैन ने इसे 2021 में जुगाड़ के तौर पर तैयार किया और कई व्यक्तियों पर सफल प्रयोग के बाद अब वो खुद इसका व्यावसायिक उत्पादन करने लगे हैं और सिंगापुर में 100 अमेरिकन डाॅलर में मिलने वाली ये डिवाइस महज 31 रूपए में मुहैया करा रहे हैं.
सिंगापुर की कंपनी बनाती है डिवाइस : प्रो. डाॅ सर्वेश जैन बताते हैं कि 2016 में उन्हें एक बार इस डिवाइस की जरूरत पडी, तो भारत में कई जगह तलाश करे पर जब नहीं मिली, तो सीधे उन्होंने सिंगापुर उस कंपनी से संपर्क किया. जो एपीड्रम डिवाइस का निर्माण करती है. कंपनी ने डाॅ सर्वेश जैन को डिवाइस मुहैया कराने के लिए कहा कि साउथ एशिया में हमारे डिवाइस की बिक्री की फ्रेंचाइजी पाकिस्तान में करांची के एक बिजनैसमेन के पास है और उन्होंने इसकी जानकारी Dr. Sarvesh Jain, BMC Sagar को दी. जब डाॅ सर्वेश जैन ने करांची के बिजनैसमेन से डिवाइस खरीदने के लिए संपर्क किया तो कंपनी ने ये कहते हुए असमर्थता जता दी कि भारतृपाक संबंधों में चल रहे तनाव के कारण वो फिलहाल भारत में डिवाइस मुहैया कराने में असमर्थ हैं.
जहां चाह, वहां राह : जब डाॅ सर्वेश जैन को एक डिवाइस के लिए इन परेशानियों का सामना करना पड़ा. तो सबसे पहले उन्होंने जुगाड़ के तौर पर इसे खुद बनाने की कोशिश की है और महज 10 रूपए की लगात से उन्होंने डिवाइस को तैयार कर दिया. सबसे पहले उन्होंने खुद इसका प्रयोग करके देखा. फिर मेडिकल काॅलेज में अपने विभाग के स्टूडेंट्स को इसके प्रयोग के लिए कहा. इसके अलावा कई डाॅक्टर जो Dr Sarvesh Jain से ट्रेनिंग लेते हैं, उनके लिए प्रयोग के लिए दिया गया. हजारों लोगों पर सफल प्रयोग के बाद उन्होंने कई लोगों को खुद डिवाइस तैयार करने की ट्रेनिंग दी. लेकिन लोग इसे बनाने में नाकाम रहे. ऐसे में डाॅ सर्वेश जैन ने खुद इस डिवाइस को व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन करने का सोचा और अब वो इसका व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर चुके हैं.
सिंगापुर की कंपनी के मुकाबले कई गुना सस्ती : Dr. Sarvesh Jain बताते हैं कि जब मैनें इस डिवाइस को बनाने वाली सिंगापुर की कंपनी से संपर्क किया. तो उन्होंने इसकी कीमत 100 यूएस डाॅलर बतायी थी. जब मैनें जुगाड़ के तौर पर इसे खुद तैयार किया. तो महज 10 रूपए के खर्च पर ये तैयार हो गयी. अब मैनें इसका व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर दिया है. इस डिवाइस की खास बात ये है कि इसको महज 31 रूपए और कोरियर चार्ज के आधार पर कहीं भी मंगवाया जा सकता है. इसकी एक और खासियत है कि एक बार उपयोग करने के 6 घंटे बाद इसका उपयोग फिर किया जा सकता है. जबकि सिंगापुर की डिवाइस का उपयोग एक ही बार कर सकते हैं.
![Dr. Sarvesh Jain, BMC Sagar Innovate NEW EPIDRUM and low cost epidrum invented by indian doctor in sagar bmc](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17-10-2024/mp-sgr-02-apidrum-device-network-7208095_16102024190516_1610f_1729085716_583.jpg)
क्या है एपीड्रम डिवाइस : एपीड्रम डिवाइस एक ऐसी डिवाइस है. जिसका उपयोग रीढ़ की हड्डी में इंजेक्शन देने के लिए किया जाता है. ज्यादातर कमर दर्द और एनेस्थीसिया देने के लिए इस डिवाइस की जरूरत होती है. क्योंकि रीढ़ की हड्डी में कोई भी दवाई इजेंक्ट करते वक्त यह ध्यान रखना होता है कि वो रीढ़ की हड्डी में कहीं दूसरे स्थान पर ना पहुंच पाए. इसके लिए डाॅक्टर्स को रीढ़ की हड्डी में एपीड्यूरल स्पेस की तलाश करना होता है और वहीं दवाई दी जाती है. एपीड्रम डिवाइस में एक बलून लगा होता है और जैसे ही एपीड्रम में लगी सुई एपिड्यूरल स्पेस में पहुंचती है. तो डिवाइस में लगा बलून पिचक जाता है और दवा देने वाले डाॅक्टर को पता चल जाता है कि सुई सही जगह पहुंच गयी है और अब मरीज को दवा दी जा सकती है. इस डिवाइस का उपयोग इसीलिए होता है.
![EPIDRUM DEVICE BY DR SARVESH JAIN AND LOW COST EPIDRUM INVENTED BY INDIAN DOCTOR IN SAGAR BMC](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17-10-2024/mp-sgr-02-apidrum-device-network-7208095_16102024190516_1610f_1729085716_904.jpg)
क्या कहते हैं जानकार और निर्माता : बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज के प्रोफेसर डाॅ सर्वेश जैन कहते हैं कि बाॅडी में एक जगह 'एपीड्यूरल स्पेस' होती है, जिसमें कमर दर्द के इलाज और एनेस्थीसिया देने के लिए कुछ दवाएं डालनी होती है. दोनों मामलों में अलग-अलग दवाई डाली जाती है. वो एपीड्यूरल स्पेस की पहचान करने के लिए सिंगापुर की एक कंपनी एपीड्रम डिवाइस बनाती है. इस डिवाइस की कीमत 100 यूएस डाॅलर होती है. उन्होने दक्षिण एशिया के लिए अपनी फ्रेंचाइजी पाकिस्तान के एक बिजनेसमैन को देकर रखी है. इस वजह से हिंदुस्तानियों को मंगाने में परेशानी होती है.
![EPIDRUM DEVICE BY DR SARVESH JAIN AND LOW COST EPIDRUM INVENTED BY INDIAN DOCTOR IN SAGAR BMC](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17-10-2024/mp-sgr-02-apidrum-device-network-7208095_16102024190516_1610f_1729085716_679.jpg)
समाजसेवा का उद्देश्य : Dr. Sarvesh Jain कहते हैं कि इस परेशानी के मैनें इस डिवाइस का अविष्कार किया था. यह बहुत अच्छी डिवाइस है. मैनें खुद इस्तेमाल किया और मेरे से ट्रेनिंग लेने वाले स्टूडेंट्स और डाॅक्टर इसका उपयोग कर चुके हैं. हजारों मरीजों पर इसका इस्तेमाल किया जा चुका है. बहुत सुरक्षित एपीड्रम डिवाइस है,इसमें 100 प्रतिशत परिणाम मिलते हैं. एकदम एपीड्यूरल स्पेस में पहुंचते ही डिवाइस का बलून पिचक जाता है. जो ये पहचान करने के लिए जरूरी है कि दवाई रीढ़ की हड्डी में गलत जगह ना पहुंच जाए. उसका मैनें कमर्शियल उत्पादन शुरू कर दिया. पहले प्रयोग के तौर पर मैनें खुद उपयोग किया. फिर लोगों को बताया कि इसको कैसे बना सकते हैं. लेकिन लोगों की शिकायत थी कि वो इतने अच्छे से नहीं बना पा रहे हैं, तो खुद इसका व्यावसायिक उत्पादन करने लगा. Dr. Sarvesh Jain बताते हैं कि इसको मैं समाजसेवा के उद्देश्य से सिर्फ बनाने में आई लागत के आधार पर बेंच रहा हूं. मात्र 31 रूपए और कोरियर चार्ज के जरिए कोई भी इस डिवाइस को मुझसे मंगा सकता है.
डिस्कलेमर :- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह लें.