हैदराबाद: खानपान और बदलती जीवनशैली के कारण लोगों में हाई ब्लड शुगर या डायबिटीज की समस्या बढ़ती जा रही है. डायबिटीज मरीज के लिए सबसे बड़ी चुनौती इसे कंट्रोल करना है, क्योंकि शुगर लेवल बढ़ने से मरीज के पैरों और पंजों पर इसके साइड इफेक्ट दिखने लगते हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक, ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से नर्व डैमेज हो जाती हैं, जिससे पैरों में सुन्नपन और झनझनाहट रहती है. इसके अलावा पैरों में ऐंठन होती है, इस कारण शुगर मरीज को थकान भी ज्यादा महसूस होती है. शुगर लेवल बढ़ने से शरीर की नसों को भी नुकसान पहुंचता है, जिस कारण पैरों या पंजों तक रक्त प्रवाह अच्छी तरह से नहीं हो पाता है.
तलवों में अल्सर
शुगर लेवल ज्यादा बढ़ने से पैर के तलवों में अल्सर हो जाते हैं जो लंबे से समय तक रहते हैं. शुगर लेवल बढ़ने से पैरों की त्वचा पर रूखापन होता है, जिसकी वजह से पैरों में फंगल इन्फेक्शन होता है. ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से पैरों में सूजन भी हो सकती है.
ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के लक्षण
- लगातार सिर दर्द होना
- बार-बार यूरिन आना
- बहुत अधिक थकान रहना
- अचानक धुंधला दिखना
- स्किन पर खुजली होना
- अधिक समय तक कोई घाव न भरना
ब्लड शुगर लेवल कैसे नियंत्रित करें
मोटापा, हाइपरटेंशन, व्यायाम न करने से डायबिटीज समस्या होती है. इसलिए ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए नियमित जीवनशैली जरूरी है. इसके लिए खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि ब्लड शुगर पर डाइट का सीधा प्रभाव पड़ता है.
डायबिटीज मरीज को अधिक प्रोसेस्ड फूड, मीठा और खाने में ज्यादा नमक के सेवन से परहेज करना चाहिए. इसके बजाय फल, हदी, हरी सब्जी और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए. इन सबके अलावा नियमित एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी से भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से रोका जा सकता है. जानकारों का कहना है कि डायबिटीज पेशेंट को भरपूर नींद लेना भी जरूरी है, क्योंकि पर्याप्त नींद नहीं होने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है.
(डिस्कलेमर: इस वेबसाइट पर दी गई सभी स्वास्थ्य जानकारी, चिकित्सा युक्तियां और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)
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