Creative Brain Booster : क्या भागदौड़ भरी दुनिया में दिमाग को आराम मिल सकता है? दिनभर काम करना और रात को घर पहुंचना, कुछ सोचते हुए बिस्तर पर जाना, सुबह उठना और फिर से दिनचर्या शुरू करना, ये सब तो करना ही पड़ता है. हम बेचैनी भरी जीवनशैली जीकर खुद को धोखा दे रहे हैं. खास तौर पर हम दिमाग पर भार डाल रहे हैं जो हमें चलाता है. अगर आप इसे थोड़ा आराम और ताजगी देंगे तो यह और भी ऊर्जावान तरीके से काम करेगा. क्या यह बहुत अच्छी बात नहीं है कि ये काम बिना किसी दवा के योगासनों के जरिए किया जा सके. आइए जानें इसे कैसे करें?
मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर असर : अमृतासन, शांति आसन या शवासन को चाहे किसी भी नाम से पुकारा जाए, दिमाग की कार्यप्रणाली पर इसका प्रभाव एक समान होता है. मस्तिष्क को ऊर्जावान बनाने के लिए इस आसन का उपयोग कई सदियों से किया जा रहा है. मैसूर कर्नाटक की योग गुरु मीनू वर्मा बताती हैं कि मुख्य रूप से यह मस्तिष्क को तनाव से राहत दिलाता है. मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार लाता है. आइए जानें शवासन कैसे करें?
जैसा कि नाम से पता चलता है, इस आसन को करने से पहले व्यक्ति को शव की तरह लेट जाना चाहिए. अपनी कोहनी और पैर सीधे रखें, आंखें बंद करें और आराम से सांस लें. 5 से 10 मिनट तक ऐसे ही रहें. ऐसा मत सोचिए कि ये इतना आसान है. दरअसल इसे सभी योग प्रक्रिया के अंत में करना चाहिए. योगासनों में इसका सर्वाधिक महत्व है.
सांस पर ध्यान : Yoga Guru Meenu Verma बताती हैं कि इस आसन का उद्देश्य शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करना और उसे एक शव की तरह स्थिर रखना है. नतीजतन, सांस पर ही ध्यान केंद्रित करना संभव हो जाता है, जिससे आपको शारीरिक और मानसिक आराम मिलता है. जब शरीर इस अवस्था में होता है तो कॉर्टिसोल का स्तर कम हो जाता है. हृदय गति और रक्तचाप कम हो जाता है. यह दिमाग को पुनः स्थापित (रीसेट) करने में मदद करता है.
क्रिएटिव, तनावमुक्त और याददाश्त पर असर : धीरे-धीरे आराम से सांस लेने पर मस्तिष्क की संरचना में बदलाव आता है. नई चीजें सीखने के लिए जरूरी एकाग्रता के साथ-साथ याददाश्त भी बढ़ती है. भावनात्मक विनियमन से जुड़े मस्तिष्क के क्षेत्रों में ग्रे मैटर (स्मृति, भावनाएं) को बढ़ाने में मदद करता है. शोध बताते हैं कि जो लोग हर दिन इस आसन का अभ्यास करते हैं, वे कुछ समय बाद अधिक क्रिएटिव और तनावमुक्त हो सकते हैं. इसके अलावा, इस आसन का एक और लाभ यह है कि हम बिना तनाव के काम करने के कारण अच्छी नींद ले सकते हैं.
डिस्कलेमर :- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर/योग गुरु की सलाह ले लें.