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छोटे बच्चों के माता-पिता ऐसे पहचानें उनकी शारीरिक और मानसिक समस्याओं को - Children health problems

Children health problems : वयस्क लोग अपने शरीर में हो रही असहजता, रोग, समस्या या परेशानी को समझ कर दूसरों को उसके बारे में बता सकते हैं लेकिन आमतौर पर बच्चे ऐसा नहीं कर पाते हैं. बहुत जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर जागरूक व सचेत रहें. जिससे वे किसी समस्या के होने की अवस्था में समय रहते बच्चे में समस्या के संकेतों को समझ सकें और समय से उसके इलाज के लिए प्रयास कर सकें.

CHILDREN HEALTH PROBLEMS SYMPTOMS GUIDELINE FOR PARENTS AND PARENTING TIPS
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By ETV Bharat Health Team

Published : Aug 23, 2024, 1:25 PM IST

हैदराबाद : माता-पिता के लिए अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहना बहुत जरूरी होता है. बुखार या सर्दी जुखाम जैसे आम संक्रमणों में आमतौर पर बच्चें में लक्षण शुरुआत में ही दिखने लगते हैं तो चिकित्सक को दिखाकर या दवा देकर समस्या का तत्काल इलाज हो जाता है. लेकिन कई बार कुछ शारीरिक व मानसिक विकास से जुड़ी, आंतरिक स्वास्थ्य से जुड़ी या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में संकेत बेहद कम या देरी से नजर आते हैं. ऐसे में कई मामलों में जानकारी के अभाव में माता-पिता समझ ही नहीं पाते हैं कि उनका बच्चा किसी समस्या के प्रभाव में हो सकता है. जिससे रोग की जांच व इलाज दोनों में देरी हो जाती है.

चिकित्सकों का कहना है कि बहुत जरूरी हैं कि माता-पिता अपने बच्चे के स्वास्थ्य तथा उसके शरीर व व्यवहार में होने वाले परिवर्तनों को लेकर जागरूक व सचेत रहें जिससे वे बच्चे के स्वास्थ्य में समस्या से जुड़े संकेतों को समझ सकें और किसी समस्या के होने पर समय से बच्चे के जांच व इलाज के लिए प्रयास कर सकें.

माता-पिता समझे संकेतों को : लखनऊ उत्तरप्रदेश की बाल रोग विशेषज्ञ डा सृष्टि चतुर्वेदी बताती हैं कि बहुत सी शारीरिक व मानसिक समस्याएं ऐसी होती हैं जिनके लक्षण पीड़ित में बहुत ज्यादा तीव्रता में नजर नहीं आते हैं. ये लक्षण उनके व्यवहार में आलस या थकान, दर्द, चिड़चिड़ापन या गुस्सा तथा भूख ना लगने या वजन कम या ज्यादा होने जैसे आम हो सकते हैं. जिन्हें जानकारी के अभाव में कई बार माता-पिता किसी रोग से जोड़ कर नहीं देख पाते हैं या उन्हे नजरंदाज कर देते हैं. वहीं बच्चे विशेषकर छोटे बच्चे आमतौर पर खेलकूद में इतने व्यस्त रहते हैं कि जब तक रोग या समस्या का प्रभाव उन्हे तीव्र रूप से प्रभावित नहीं करता है तब तक वे अपने दैनिक कार्यों में लगे रहते हैं.

वह बताती हैं कि माता पिता विशेषकर छोटे बच्चों के माता पिता के लिए बहुत जरूरी है कि वे अपने बच्चे के स्वास्थ्य व व्यवहार की नियमित निगरानी रखें तथा उन लक्षणों के बारे में जाने जो बच्चे में किसी शारीरिक या मानसिक समस्या के होने का संकेत देते हैं. वह बताती हैं कि कुछ बाते या संकेत हैं जिनके बारे में जानना हर माता पिता के लिए जरूरी होता है. उनमें से कुछ शारीरिक समस्याओं के संकेत इस प्रकार हैं.

  • बच्चों में शारीरिक समस्याओं को पहचानने के लिए कुछ महत्वपूर्ण संकेत हो सकते हैं, जैसे.
  • यदि बच्चा लगातार सिरदर्द, पेट दर्द या किसी और प्रकार का दर्द महसूस करता है, तो यह किसी शारीरिक समस्या का संकेत हो सकता है.
  • अगर बच्चा हमेशा थका हुआ या कमजोर महसूस करता है, तो यह एनीमिया या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का लक्षण हो सकता है.
  • अचानक भूख में कमी या खाने में रुचि का कम हो जाना भी किसी समस्या का संकेत हो सकता है.
  • बच्चे का वजन अचानक कम होना या बढ़ना भी किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकता है.
  • यदि बच्चा पहले की तुलना में कम सक्रिय है या खेलकूद में रुचि नहीं दिखाता, तो यह भी चिंता का कारण हो सकता है.

मानसिक समस्याओं के संकेत

  • बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन कुछ संकेत हैं जो मददगार हो सकते हैं.
  • बच्चे के मूड में बदलाव होने लगे जैसे बच्चा अगर अचानक से चिड़चिड़ा हो जाता है, उदास रहता है या उसका व्यवहार अचानक बदल जाता है, तो यह मानसिक स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है.
  • यदि बच्चा रात में ठीक से नहीं सो पाता या उसे नींद नहीं आती, तो यह चिंता या किसी अन्य मानसिक समस्या का लक्षण हो सकता है.
  • अगर बच्चे का स्कूल में प्रदर्शन अचानक गिर जाता है या वह पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पा रहा है, तो यह भी किसी मानसिक समस्या का संकेत हो सकता है.
  • बच्चा अगर अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों से दूर रहने की कोशिश करता है, तो यह भी चिंता का कारण हो सकता है.
  • यदि बच्चा हमेशा किसी न किसी चीज को लेकर चिंता करता रहता है या उसे डर लगता है, तो यह भी मानसिक स्वास्थ्य समस्या का लक्षण हो सकता है.

क्या करें? : डॉ सृष्टि चतुर्वेदी बताती हैं कि यदि बच्चे में स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या के लक्षण नजर आ रहे हैं तो चिकित्सक द्वारा तत्काल जांच व इलाज करवानी चाहिए. इसके अलावा उसके आहार व दैनिक दिनचर्या का ध्यान रखकर भी शारीरिक समस्याओं में राहत मिल जाती है. लेकिन यदि किसी बच्चे में किसी प्रकार के मानसिक दबाव या समस्या के लक्षण या संकेत दिखते हैं तो उन्हे नजरअंदाज ना करे और ना ही उन्हे हल्के में लें. बहुत जरूरी है कि माता-पिता सबसे पहले बच्चे से बात करें, उसकी बात सुने और उसकी भावनाओं और समस्याओं को समझने का प्रयास करें. उसे सुरक्षित और सहज महसूस कराने का प्रयास करें और उसे दिखाएं कि आप उनके साथ हैं और उनकी समस्याओं को समझते हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर बच्चे के स्कूल और शिक्षकों से भी उसकी स्थिति के बारे में बात करें. वे भी बच्चे की समस्याओं को पहचानने और सहायता करने में मदद कर सकते हैं.

इन सब के बाद भी यदि बच्चे में समस्या के लक्षण बढ़ते हैं, या उसकी दैनिक दिनचर्या, पढ़ाई, दूसरों के साथ उसके व्यवहार तथा उसके खुद के व्यवहार पर समस्या का असर नजर आने लगता है तो किसी काउन्सलर ,मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से परामर्श लें. जिससे बच्चे की समस्या को समझ कर उसके इलाज के लिए प्रयास किया जा सके.

डिस्कलेमर: यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.

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हैदराबाद : माता-पिता के लिए अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहना बहुत जरूरी होता है. बुखार या सर्दी जुखाम जैसे आम संक्रमणों में आमतौर पर बच्चें में लक्षण शुरुआत में ही दिखने लगते हैं तो चिकित्सक को दिखाकर या दवा देकर समस्या का तत्काल इलाज हो जाता है. लेकिन कई बार कुछ शारीरिक व मानसिक विकास से जुड़ी, आंतरिक स्वास्थ्य से जुड़ी या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में संकेत बेहद कम या देरी से नजर आते हैं. ऐसे में कई मामलों में जानकारी के अभाव में माता-पिता समझ ही नहीं पाते हैं कि उनका बच्चा किसी समस्या के प्रभाव में हो सकता है. जिससे रोग की जांच व इलाज दोनों में देरी हो जाती है.

चिकित्सकों का कहना है कि बहुत जरूरी हैं कि माता-पिता अपने बच्चे के स्वास्थ्य तथा उसके शरीर व व्यवहार में होने वाले परिवर्तनों को लेकर जागरूक व सचेत रहें जिससे वे बच्चे के स्वास्थ्य में समस्या से जुड़े संकेतों को समझ सकें और किसी समस्या के होने पर समय से बच्चे के जांच व इलाज के लिए प्रयास कर सकें.

माता-पिता समझे संकेतों को : लखनऊ उत्तरप्रदेश की बाल रोग विशेषज्ञ डा सृष्टि चतुर्वेदी बताती हैं कि बहुत सी शारीरिक व मानसिक समस्याएं ऐसी होती हैं जिनके लक्षण पीड़ित में बहुत ज्यादा तीव्रता में नजर नहीं आते हैं. ये लक्षण उनके व्यवहार में आलस या थकान, दर्द, चिड़चिड़ापन या गुस्सा तथा भूख ना लगने या वजन कम या ज्यादा होने जैसे आम हो सकते हैं. जिन्हें जानकारी के अभाव में कई बार माता-पिता किसी रोग से जोड़ कर नहीं देख पाते हैं या उन्हे नजरंदाज कर देते हैं. वहीं बच्चे विशेषकर छोटे बच्चे आमतौर पर खेलकूद में इतने व्यस्त रहते हैं कि जब तक रोग या समस्या का प्रभाव उन्हे तीव्र रूप से प्रभावित नहीं करता है तब तक वे अपने दैनिक कार्यों में लगे रहते हैं.

वह बताती हैं कि माता पिता विशेषकर छोटे बच्चों के माता पिता के लिए बहुत जरूरी है कि वे अपने बच्चे के स्वास्थ्य व व्यवहार की नियमित निगरानी रखें तथा उन लक्षणों के बारे में जाने जो बच्चे में किसी शारीरिक या मानसिक समस्या के होने का संकेत देते हैं. वह बताती हैं कि कुछ बाते या संकेत हैं जिनके बारे में जानना हर माता पिता के लिए जरूरी होता है. उनमें से कुछ शारीरिक समस्याओं के संकेत इस प्रकार हैं.

  • बच्चों में शारीरिक समस्याओं को पहचानने के लिए कुछ महत्वपूर्ण संकेत हो सकते हैं, जैसे.
  • यदि बच्चा लगातार सिरदर्द, पेट दर्द या किसी और प्रकार का दर्द महसूस करता है, तो यह किसी शारीरिक समस्या का संकेत हो सकता है.
  • अगर बच्चा हमेशा थका हुआ या कमजोर महसूस करता है, तो यह एनीमिया या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का लक्षण हो सकता है.
  • अचानक भूख में कमी या खाने में रुचि का कम हो जाना भी किसी समस्या का संकेत हो सकता है.
  • बच्चे का वजन अचानक कम होना या बढ़ना भी किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकता है.
  • यदि बच्चा पहले की तुलना में कम सक्रिय है या खेलकूद में रुचि नहीं दिखाता, तो यह भी चिंता का कारण हो सकता है.

मानसिक समस्याओं के संकेत

  • बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन कुछ संकेत हैं जो मददगार हो सकते हैं.
  • बच्चे के मूड में बदलाव होने लगे जैसे बच्चा अगर अचानक से चिड़चिड़ा हो जाता है, उदास रहता है या उसका व्यवहार अचानक बदल जाता है, तो यह मानसिक स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है.
  • यदि बच्चा रात में ठीक से नहीं सो पाता या उसे नींद नहीं आती, तो यह चिंता या किसी अन्य मानसिक समस्या का लक्षण हो सकता है.
  • अगर बच्चे का स्कूल में प्रदर्शन अचानक गिर जाता है या वह पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पा रहा है, तो यह भी किसी मानसिक समस्या का संकेत हो सकता है.
  • बच्चा अगर अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों से दूर रहने की कोशिश करता है, तो यह भी चिंता का कारण हो सकता है.
  • यदि बच्चा हमेशा किसी न किसी चीज को लेकर चिंता करता रहता है या उसे डर लगता है, तो यह भी मानसिक स्वास्थ्य समस्या का लक्षण हो सकता है.

क्या करें? : डॉ सृष्टि चतुर्वेदी बताती हैं कि यदि बच्चे में स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या के लक्षण नजर आ रहे हैं तो चिकित्सक द्वारा तत्काल जांच व इलाज करवानी चाहिए. इसके अलावा उसके आहार व दैनिक दिनचर्या का ध्यान रखकर भी शारीरिक समस्याओं में राहत मिल जाती है. लेकिन यदि किसी बच्चे में किसी प्रकार के मानसिक दबाव या समस्या के लक्षण या संकेत दिखते हैं तो उन्हे नजरअंदाज ना करे और ना ही उन्हे हल्के में लें. बहुत जरूरी है कि माता-पिता सबसे पहले बच्चे से बात करें, उसकी बात सुने और उसकी भावनाओं और समस्याओं को समझने का प्रयास करें. उसे सुरक्षित और सहज महसूस कराने का प्रयास करें और उसे दिखाएं कि आप उनके साथ हैं और उनकी समस्याओं को समझते हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर बच्चे के स्कूल और शिक्षकों से भी उसकी स्थिति के बारे में बात करें. वे भी बच्चे की समस्याओं को पहचानने और सहायता करने में मदद कर सकते हैं.

इन सब के बाद भी यदि बच्चे में समस्या के लक्षण बढ़ते हैं, या उसकी दैनिक दिनचर्या, पढ़ाई, दूसरों के साथ उसके व्यवहार तथा उसके खुद के व्यवहार पर समस्या का असर नजर आने लगता है तो किसी काउन्सलर ,मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से परामर्श लें. जिससे बच्चे की समस्या को समझ कर उसके इलाज के लिए प्रयास किया जा सके.

डिस्कलेमर: यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.

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