Betel Leaf Benefits: प्रकृति ने कई ऐसी चीजें हमें दी हैं,जिनके बारे में आज भी पूरी जानकारी सबके पास नहीं है. आज हम जिस हरे पत्ते की बात करने जा रहे हैं, ये पत्ता विष्णु भगवान का मुख्य प्रसाद माना जाता है. इस पत्ते का धार्मिक महत्व भी है, बिना इस पत्ते के किसी पूजा की शुरुआत नहीं होती है. आज भी ग्रामीण क्षेत्र में भोज आदि के बाद इसका सेवन कराना परंपरा में है. बिना इसके निमंत्रण पूरा नहीं माना जाता. इतना ही नहीं इसका औषधीय गुण इतना है कि इसके फायदे जान के आप भी दंग रह जाएंगे.
पान के पत्ते का कमाल जान रह जाएंगे दंग
पान ऐसी चीज है जिसकी हर जगह जरूरत पड़ती है. इसे ऑलराउंडर कहें तो गलत नहीं होगा. पान के बिना पूजा की शुरुआत नहीं होती है. खाना खाने के बाद पान खाने का भी चलन है. ये बात अलग है कि इस बदलते दौर में इसका उपयोग अब थोड़ा कम हुआ है. आज भी कुछ लोग मिलते हैं तो चाय पीने या खाना खाने के बाद पान जरूर खाते हैं. आज भी निमंत्रण या कोई कार्यक्रम होता है तो खाने के बाद पान का स्टॉल जरूर होता है क्योंकि बिना पान के निमंत्रण पूरा नहीं माना जाता है. हर शुभ कार्य में पान की जरूरत होती है.
धार्मिक के साथ आयुर्वेदिक महत्व
आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव कहते हैं कि "पान का जितना धार्मिक महत्व है उतना आयुर्वेदिक महत्व भी है. अगर सही तरीके से इसका सेवन किया जाए तो यह सेहत के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है. कई बीमारियों के लिए वरदान है. पान के बारे में जितने भी शास्त्र हैं, जितने भी वेद हैं, जितने उपनिषद हैं सभी जगह डिस्क्रिप्शन मिलता है. पान को संस्कृत में तांबूल बोला जाता है और तांबूल विष्णु भगवान का प्रसाद माना गया है. विष्णु जी का प्रसाद होने कारण इसका धार्मिक महत्व भी है. इसके अलावा औषधीय महत्व भी है, विशेष तौर पर तांबूल सेवन विधि का डिस्क्रिप्शन आयुर्वेद की कई संहिता में मिलता है."
'कफ को निकालने में है कारगर'
आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि "तांबूल या पान जो है ये कई प्रकार का होता है. इसमें जो नया पान का पत्ता होता है उसे मीठी पत्ती के नाम से संबोधित किया जाता है. जो मेच्योर पत्ता होता है उसे क्षेत्रीय भाषा में बांग्ला पत्ती बोला जाता है और इसके जो रस गुण यानि वीर विपाक जो होते हैं थोड़ा सा कसैला होता है, कुछ कड़वा भी होता है. इसका विशेष रूप में उपयोग खाना खाने के बाद कुछ और औषधीय महत्व की चीजों के साथ में किया जाता था. अभी जो लोग पान खाते हैं वो पान के सेवन का सही तरीका नहीं है. पान का सही उपयोग करने के लिए पान में थोड़ी मात्रा में सुधा मतलब चूना, थोड़ी मात्रा में खादिर मतलब कत्था, थोड़ी सी सौंफ, लौंग , काली मिर्च, जावित्री, जायफल और मिश्री के साथ इसे खाया जाए तो ये सारी कफ की समस्याओं को रूल आउट कर सकता है."
'पान खाने के अनगिनत हैं फायदे'
- खाना खाने के बाद में आयुर्वेद ये मानता है कि शरीर में कफ बढ़ता है इसलिए तांबूल यानि पान का सेवन खाना खाने के बाद में प्रतिदिन प्रयोग में लिया गया है.
- अगर सिर्फ पान की बात करें तो पान के रस का सेवन से गले की खराश और खांसी में काफी फायदा मिलता है.
- पान के पत्तों से कई तरह की दवाइयां भी बनाई जाती हैं. हेयर ऑयल में भी पान के पत्ते का उपयोग किया जाता है. एंटी डैंड्रफ प्रॉपर्टी भी इसमें होती है. इसका लोकल एप्लीकेशन करने में काफी फायदा मिलता है.
- जहां भी फंगल डिजीज होती है वहां पर पान के पत्ते का पेस्ट रगड़ने से फंगल इन्फेक्शन में भी काफी फायदा मिलता है.
खाना खाने के बाद जरूर खाएं पान
मोटे तौर पर ये बोल सकते हैं कि कफ के कारण होने वाले जितने भी डिजीज होते हैं, उसमें पान से काफी फायदा मिलता है. पान को अगर सुनियोजित तरीके से डेली बेसिस में खाना खाने के बाद में खाया जाए और आपकी जरूरत के हिसाब से इसमें अन्य औषधियों को डालकर खाया जाए तो यह पान अमृत से कम नहीं है.