पटना: इंसान बिना पानी के तीन दिन से अधिक जीवित नहीं रह सकता है और स्वच्छ पानी पीने के लिए लोग विभिन्न प्रकार के प्रयास करते हैं. कोई अपने घर में वाटर प्यूरीफायर लगता है तो कोई उबालकर पानी पीता है. पानी शुद्ध नहीं मिलने पर शरीर का पाचन तंत्र गड़बड़ हो जाता और पेट संबंधी कई विकार शरीर में घर बना लेते हैं. अब प्यूरीफाइड वॉटर पीने का प्रचलन बढ़ गया है और बाजार में बोतल बंद पानी धरल्ले से बिक रहा है. पानी के इन्हीं रूपों में से एक है एल्कलाइन वाटर जो महंगा बिकता है.
एल्काइन वाटर का पीएच होता है ज्यादा: एल्काइन वाटर सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ ऋषभ बताते हैं कि सामान्य पानी और एल्कलाइन वाटर का फर्क यही है कि एल्कलाइन वाटर का पीएच लेवल अधिक होता है. यह 7 से अधिक 8 और 9 के स्केल पर रहता है. एल्कलाइन वाटर शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को कम करके शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है.
"यह मधुमेह को नियंत्रित करने में काफी मदद करता है, इसके साथ ही एल्कलाइन वाटर का सेवन हड्डियों के लिए भी बेहद फायदेमंद है. आमतौर पर जो स्पोर्ट्स पर्सन होते हैं वह एल्काइन वाटर ही पीते हैं क्योंकि यह शरीर में हड्डियों को कमजोर करने वाले तत्वों को कम करने का काम करता है."-डॉ. ऋषभ, वरिष्ठ चिकित्सक
एल्कलाइन वाटर के हैं कई फायदे: एल्कलाइन वाटर हमारे बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने के साथ-साथ हेयर रूट्स को मजबूत करता है. इससे हेयर लॉस की समस्या कम होती है और इसके सेवन से स्किन में ग्लो भी आता है. हालांकि जिसका फिजिकल वर्क अधिक नहीं है, जिसे मधुमेह ब्लड प्रेशर जैसी समस्या नहीं है उसके लिए अत्यधिक एल्कलाइन वाटर पीना हानिकारक भी हो सकता है. इससे हाथ कांपना, मांसपेशियों में खिंचाव हाथ पैर में झुनझुनी इत्यादि की समस्या हो सकती है.
कैसे बनाए एल्काइन वाटर: घर में भी एल्काइन वाटर बना सकते हैं. इसके लिए एक गिलास पानी में दो बूंद नींबू डालकर अथवा निर्धारित मात्रा में बेकिंग सोडा डालकर पानी को एल्कलाइन बनाया जा सकता है. सामान्य तौर पर पहाड़ों से जो शुद्ध पेयजल के झरने बहते हैं, वह एल्कलाइन होता है. पहाड़ों से बहने के क्रम में कई मेटल और मिनरल से पानी रिएक्ट करके एल्कलाइन बन जाता है.