हैदराबाद : फूड एलर्जी एक बहुत आम समस्या है. खाने पीने की चीजों से होने वाली एलर्जी बहुत से लोगों में देखी जाती हैं. जो ध्यान ना देने पर या आहार में लापरवाही बरतने पर कई बार बेहद गंभीर अवस्था का कारण भी बन सकती हैं. खाने पीने के ऐसे प्रचलित पदार्थ जिनके कारण आमतौर पर लोगों में Allergy देखी जाती है उनमें लैक्टोज युक्त आहार जैसे दूध व कुछ अन्य डेयरी उत्पाद, पोल्ट्री उत्पाद जैसे अंडे, कुछ विशेष प्रकार के मीट, कुछ सब्जियां, मूंगफली तथा कुछ अन्य नट्स, तेल, और यहां तक की कुछ फल और एल्कोहल युक्त पदार्थ भी शामिल हैं. ग्लूटेन से एलर्जी ( Gluten Allergy )भी फूड एलर्जी का ही एक प्रकार है.
क्या है ग्लूटेन : नई दिल्ली की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डा दिव्या शर्मा बताती हैं कि ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है जो गेहूं, जौ, राई व कुछ अन्य अनाजों में पाया जाता है. यह प्रोटीन आटे को गूंथने पर उसे लचीला और चिपचिपा बनाता है, जिससे रोटियां और बेकरी उत्पाद मुलायम और फूले हुए बनते हैं.
दो प्रोटीन से मिलकर बनाता है
ग्लूटेन दो प्रमुख प्रोटीन से मिलकर बना होता है: ग्लियाडिन और ग्लूटेनिन. ये प्रोटीन आटे में पानी मिलाने पर एक नेटवर्क बनाते हैं, जो आटे को लचीला और खींचने योग्य बनाता है. यही गुण रोटियों, ब्रेड और अन्य बेकरी उत्पादों को उनकी बनावट देता है. वह बताती हैं कि Gluten एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है और सामान्यतः नुकसानदायक नहीं होता है, लेकिन यह कुछ लोगों के लिए यह समस्याओं के पैदा होने का कारण बन सकता है. है, विशेषकर सीलिएक रोग, नॉन-सीलिएक ग्लूटेन संवेदनशीलता और गेहूं एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए.
वह बताती हैं कि यदि किसी व्यक्ति को आटे या जौ से बनी रोटी, ब्रेड, पास्ता या किसी अन्य भोजन के खाने के बाद कुछ लक्षण महसूस होते हैं जैसे पेट में दर्द ,ऐंठन, अपच, दस्त, मतली, उल्टी, नाक बंद होना या बहना, छींक आना, सिर में दर्द, सामान्य तरीके से सांस लेने में असहजता या पित्ती व दाने होना आदि, तो उन्हे एक बार अपना Food Allergy टेस्ट जरूर करवाना चाहिए.
डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि ग्लूटेन से एलर्जी क्यों होती है?
सीलिएक रोग
सीलिएक रोग एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम Gluten को हानिकारक मानकर आंतों की दीवार पर हमला करता है. इससे आंतों में सूजन और नुकसान होता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालता है. सीलिएक रोग के लक्षणों में डायरिया, पेट दर्द, थकान, वजन घटना और त्वचा पर रैशेज शामिल हो सकते हैं.
नॉन-सीलिएक ग्लूटेन संवेदनशीलता
कुछ लोगों को सीलिएक रोग नहीं होता है, लेकिन Gluten खाने पर उन्हें समस्याएं होती हैं. इसे नॉन-सीलिएक ग्लूटेन संवेदनशीलता कहते हैं. इसके लक्षण सीलिएक रोग जैसे हो सकते हैं, लेकिन यह आंतों को नुकसान नहीं पहुंचाता. इसके लक्षणों में पेट दर्द, थकान, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल हो सकते हैं.
गेहूं एलर्जी
गेहूं एलर्जी एक इम्यून प्रतिक्रिया है जिसमें शरीर गेहूं में पाए जाने वाले प्रोटीन, जिसमें ग्लूटेन भी शामिल है, को हानिकारक मानता है. इसके लक्षणों में त्वचा पर खुजली, सांस लेने में कठिनाई, पेट दर्द और कभी-कभी एनाफिलेक्सिस शामिल हो सकते हैं.
ग्लूटेन अटैक्सिया
एक स्वप्रतिरक्षा विकार है, जो कुछ तंत्रिकाओं व ऊतकों को प्रभावित करके मांसपेशियों के नियंत्रण और उनके स्वास्थ्य में समस्याएं पैदा करता है,आदि.
डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि ग्लूटेन व उसके कारण होने वाली समस्याओं के निदान के लिए कुछ चिकित्सक कुछ विशेष टेस्ट करवाते हैं. जैसे
- ब्लड टेस्ट: सीलिएक रोग का पता लगाने के लिए ब्लड में एंटीबॉडी की जांच की जाती है.
- आंतों की बायोप्सी: सीलिएक रोग की पुष्टि के लिए आंतों की बायोप्सी की जाती है.
- एलर्जी टेस्ट: गेहूं एलर्जी का पता लगाने के लिए स्किन प्रिक टेस्ट या ब्लड टेस्ट, आदि.
जरूरी है सावधानी व प्रबंधन
डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि खाने से जुड़ी एलर्जी कई बार स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव दिखा सकती है, यहां तक की कुछ एलर्जी जान पर जोखिम का कारण भी बन सकती हैं. . इसलिए बहुत जरूरी है कि लोग अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहें और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज करने की बजाय उसकी पूरी जांच करवाए.
वह बताती हैं कि ग्लूटेन से एलर्जी होने की अवस्था में चिकित्सक से परामर्श और दवा व आहार को लेकर उनकी सलाह का पालन करना बहुत जरूरी है. चिकित्सक इसके लिए पीड़ित को ग्लूटेन-फ्री डाइट अपनाने की सलाह देते हैं. जिसमें ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थों को आहार से पूरी तरह से हटा दिया जाता है.
वह बताती हैं कि बहुत जरूरी हैं कि सिर्फ ग्लूटेन से एलर्जी वाले लोग ही नहीं बल्कि किसी भी प्रकार की आहार से जुड़ी एलर्जी का सामना कर रहे लोग घर या बाहर अपने खाने- पीने विशेषकर उनमें पड़ने वाली सामग्री का विशेष ध्यान रखें. उनके लिए क्या खाना सुरक्षित है इस बात की जानकारी होना तथा उस सूची का जिम्मेदारी से पालन करना उनके लिए बहुत जरूरी होता है. इसके अलावा चिकित्सक कई बार गंभीर एलर्जी की अवस्था में कुछ दवाएं भी प्रिस्क्राइब करते हैं जिससे गलती से एलर्जी का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ के सेवन तथा एलर्जी के ट्रिगर होने पर अवस्था को नियंत्रित किया जा सके. गंभीर एलर्जी वाले लोगों को इस दवाओं को हमेशा अपने पास रखना चाहिए.
ग्लूटेन फ्री आहार
वह बताती हैं कि ग्लूटेन फ्री आहार की बात करें तो उनमें फल, सब्जियां, अंडे, गैर-प्रसंस्कृत मांस, मछली, चिकन, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, मक्का-- मकई का आटा, अरारोट, पोलेंटा, चावल, सोया, बीन आटा,बाजरा तथा किनोआ आदि शामिल हैं. लेकिन इन सभी को भी डाइट में शामिल करने से पहले एक बार चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी रहता है.