ETV Bharat / health

दुनिया में औसतन हर दिन हेपेटाइटिस से 3500 लोगों की जा रही है जान, चीन के बाद संक्रमण के मामले में भारत दूसरे पैदान पर - Global Hepatitis Report 2024

Global Hepatitis Report 2024 : ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार वायरल हेपेटाइटिस के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है. 2022 में 2.98 करोड़ हेपेटाइटिस बी के मामले दर्ज किए, जबकि हेपेटाइटिस सी संक्रमण की संख्या 55 लाख थी. पढ़ें पूरी खबर..

2024 Global Hepatitis Report
2024 Global Hepatitis Report
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 10, 2024, 8:05 PM IST

हैदराबाद : हेपेटाइटिस के कारण जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वैश्विक स्तर पर संक्रमण से मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है. इससे सालाना 13 मिलियन यानि 13 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा रहे हैं. औसतन हर दिन हेपेटाइटिस से 3500 लोगों की जान चली जा रही है. रोगों से होने वाले मौतों के आंकड़ों के मामलों में टीबी के बराबार हेपेटाइटिस से मौतें हो रही है. 7-11 अप्रैल 2024 तक लिस्बन, पुर्तगाल में विश्व हेपेटाइटिस शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 2024 ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट में हेपेटाइटिस के डेटा का खुलासा किया गया है.

निदान और उपचार में वैश्विक प्रगति और अंतराल
सभी क्षेत्रों में, क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण से पीड़ित केवल 13 फीसदी लोगों का इलाज किया गया था और लगभग 3 फीसदी (7 मिलियन) ने 2022 के अंत में एंटीवायरल थेरेपी प्राप्त की थी. हेपेटाइटिस सी के संबंध में, 36 फीसदी का निदान किया गया था और 20 फीसदी (12.5 मिलियन) को उपचारात्मक उपचार प्राप्त हुआ था.

रिपोर्ट के अनुसार 2022 में 3.5 करोड़ संक्रमणों के साथ चीन के बाद भारत में हेपेटाइटिस बी और सी के मामलों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या थी. हेपेटाइटिस में लीवर में सूजन जो जाता है, जिस कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती है. 2022 में वैश्विक स्तर पर 2540 लाख (254 मिलियन) लोग हेपेटाइटिस बी से और 500 लाख (50 मिलियन) लोग हेपेटाइटिस सी से पीड़ित थे.

वायरल हेपेटाइटिस के मामले में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर था. 2022 में 2.98 करोड़ हेपेटाइटिस बी के मामले दर्ज किए, जबकि हेपेटाइटिस सी संक्रमण की संख्या 55 लाख थी. वहीं चीन में हेपेटाइटिस बी और सी के 8.3 करोड़ मामले दर्ज किए गए, जो कुल बीमारी का 27.5 फीसदी है. रिपोर्ट के अनुसार कुल 3.5 करोड़ मामलों के साथ, भारत उस साल वैश्विक स्तर पर कुल बीमारी के बोझ का 11.6 फीसदी रहा.

रिपोर्ट के अनुसार वायरल हेपेटाइटिस उन्मूलन के लिए 38 देशों पर फोकस किया गया है, जहां वायरल हेपेटाइटिस बी और सी के वैश्विक रोग बोझ का लगभग 80 फीसदी हिस्सा है. वहीं इनमें से 10 देश ऐसे हैं इन रोगों का दो-तिहाई बोझ इन देशों से आता है. इनमें चीन, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, इथियोपिया, बांग्लादेश, वियतनाम, फिलीपींस और रूस शामिल है.

विश्व हेपेटाइटिस शिखर सम्मेलन में जारी रिपोर्ट में कहा गया है, 'हर दिन, हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण के कारण वैश्विक स्तर पर 3,500 लोग मर रहे हैं.' रिपोर्ट के अनुसार 187 देशों के नए डेटा से पता चलता है कि वायरल हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों की अनुमानित संख्या 2019 में 1.1 मिलियन से बढ़कर 2022 में 1.3 मिलियन हो गई. इनमें से 83% हेपेटाइटिस बी के कारण और 17 फीसदी हेपेटाइटिस सी के कारण हुईं.

यह रिपोर्ट एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करती है: हेपेटाइटिस संक्रमण को रोकने में विश्व स्तर पर प्रगति के बावजूद, मौतें बढ़ रही हैं क्योंकि हेपेटाइटिस से पीड़ित बहुत कम लोगों का निदान और इलाज किया जा रहा है. डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्येयियस, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक

डब्ल्यूएचओ जीवन बचाने और इस प्रवृत्ति को बदलने के लिए देशों को उनके पास उपलब्ध सभी उपकरणों का उपयोग कीमतों पर करने में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है. रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण का आधा बोझ 30-54 साल के लोगों में है, जबकि 12 फीसदी 18 साल से कम उम्र के बच्चों में है. सभी मामलों में 58 फीसदी मामले पुरुषों के हैं.

ये भी पढ़ें- इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स ने भारत की पहली स्वदेशी 'हेपेटाइटिस ए वैक्सीन' लॉन्च की

हैदराबाद : हेपेटाइटिस के कारण जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वैश्विक स्तर पर संक्रमण से मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है. इससे सालाना 13 मिलियन यानि 13 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा रहे हैं. औसतन हर दिन हेपेटाइटिस से 3500 लोगों की जान चली जा रही है. रोगों से होने वाले मौतों के आंकड़ों के मामलों में टीबी के बराबार हेपेटाइटिस से मौतें हो रही है. 7-11 अप्रैल 2024 तक लिस्बन, पुर्तगाल में विश्व हेपेटाइटिस शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 2024 ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट में हेपेटाइटिस के डेटा का खुलासा किया गया है.

निदान और उपचार में वैश्विक प्रगति और अंतराल
सभी क्षेत्रों में, क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण से पीड़ित केवल 13 फीसदी लोगों का इलाज किया गया था और लगभग 3 फीसदी (7 मिलियन) ने 2022 के अंत में एंटीवायरल थेरेपी प्राप्त की थी. हेपेटाइटिस सी के संबंध में, 36 फीसदी का निदान किया गया था और 20 फीसदी (12.5 मिलियन) को उपचारात्मक उपचार प्राप्त हुआ था.

रिपोर्ट के अनुसार 2022 में 3.5 करोड़ संक्रमणों के साथ चीन के बाद भारत में हेपेटाइटिस बी और सी के मामलों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या थी. हेपेटाइटिस में लीवर में सूजन जो जाता है, जिस कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती है. 2022 में वैश्विक स्तर पर 2540 लाख (254 मिलियन) लोग हेपेटाइटिस बी से और 500 लाख (50 मिलियन) लोग हेपेटाइटिस सी से पीड़ित थे.

वायरल हेपेटाइटिस के मामले में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर था. 2022 में 2.98 करोड़ हेपेटाइटिस बी के मामले दर्ज किए, जबकि हेपेटाइटिस सी संक्रमण की संख्या 55 लाख थी. वहीं चीन में हेपेटाइटिस बी और सी के 8.3 करोड़ मामले दर्ज किए गए, जो कुल बीमारी का 27.5 फीसदी है. रिपोर्ट के अनुसार कुल 3.5 करोड़ मामलों के साथ, भारत उस साल वैश्विक स्तर पर कुल बीमारी के बोझ का 11.6 फीसदी रहा.

रिपोर्ट के अनुसार वायरल हेपेटाइटिस उन्मूलन के लिए 38 देशों पर फोकस किया गया है, जहां वायरल हेपेटाइटिस बी और सी के वैश्विक रोग बोझ का लगभग 80 फीसदी हिस्सा है. वहीं इनमें से 10 देश ऐसे हैं इन रोगों का दो-तिहाई बोझ इन देशों से आता है. इनमें चीन, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, इथियोपिया, बांग्लादेश, वियतनाम, फिलीपींस और रूस शामिल है.

विश्व हेपेटाइटिस शिखर सम्मेलन में जारी रिपोर्ट में कहा गया है, 'हर दिन, हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण के कारण वैश्विक स्तर पर 3,500 लोग मर रहे हैं.' रिपोर्ट के अनुसार 187 देशों के नए डेटा से पता चलता है कि वायरल हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों की अनुमानित संख्या 2019 में 1.1 मिलियन से बढ़कर 2022 में 1.3 मिलियन हो गई. इनमें से 83% हेपेटाइटिस बी के कारण और 17 फीसदी हेपेटाइटिस सी के कारण हुईं.

यह रिपोर्ट एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करती है: हेपेटाइटिस संक्रमण को रोकने में विश्व स्तर पर प्रगति के बावजूद, मौतें बढ़ रही हैं क्योंकि हेपेटाइटिस से पीड़ित बहुत कम लोगों का निदान और इलाज किया जा रहा है. डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्येयियस, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक

डब्ल्यूएचओ जीवन बचाने और इस प्रवृत्ति को बदलने के लिए देशों को उनके पास उपलब्ध सभी उपकरणों का उपयोग कीमतों पर करने में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है. रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण का आधा बोझ 30-54 साल के लोगों में है, जबकि 12 फीसदी 18 साल से कम उम्र के बच्चों में है. सभी मामलों में 58 फीसदी मामले पुरुषों के हैं.

ये भी पढ़ें- इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स ने भारत की पहली स्वदेशी 'हेपेटाइटिस ए वैक्सीन' लॉन्च की
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.