निजामाबाद: निजामाबाद की महती महज 15 साल की उम्र में अपने कौशल और समर्पण से कुचिपुड़ी नृत्य की दुनिया में धूम मचा रही हैं. अपनी छोटी उम्र के बावजूद, महती ने पहले ही 200 से ज्यादा शो किए हैं और नाट्य तपस्वी और नाट्य मयूरी जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किए हैं. हाल ही में उन्हें मलेशिया में प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया है और केंद्र सरकार के सी.सी.आर.टी. पुरस्कार से मान्यता भी दिलाई है.
महती की यात्रा 2019 में उनके माता-पिता माधवी और मुरलीधर के इंस्पिरेशन से शुरू हुई. वे फिलहाल कक्षा 10वीं की छात्रा है और मशहूर डांस आर्टिस्ट सैरावली से ट्रेनिंग ले रही हैं, जिन्होंने उन्हें उनके शुरुआती परफॉर्मेंस से लेकर इंटरनेशनल मंचों तक मार्गदर्शन दिया है. एक नर्तक के रूप में उनके विकास में उनके माता-पिता का अटूट समर्थन और उनके शिक्षक का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा है.
महती ने कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर परफॉर्मेंस दी है और अपने वृंदावनम डांस के लिए खूब तारीफें बटोरीं हैं. फाइनेंशियल चैलेंजेस सामने आने के बावजूद महती के माता पिता ने उनके टीचर के साथ मिलकर उनका हर कदम पर सपोर्ट किया है. महती अपनी सफलता का श्रेय डिसीप्लीन को देती हैं. महती की टीचर सैरावली उनके अनुशासन और डेडिकेशन के लिए उनकी तारीफ भी करती हैं. महती अपने स्कूल के साथ ही अपनी डांस प्रेक्टिस को भी पूरा टाइम देती है. सैरावली को पूरा भरोसा है कि महती की मेहनत और डेडिकेशन उसके फ्यूचर के लक्ष्यों को पाने में मदद करेगी. महती कुचिपुड़ी में महारत हासिल करने के साथ ही डॉक्टर बनने की इच्छा रखती हैं. उन्हें नए डांसर्स के लिए एक एकेडमी खोलने की भी इच्छा है.