चेन्नई: इको और एजीआई (ए.जी.आई.) संगीत कंपनियों ने संगीतकार इलैयाराजा के 4,500 गानों का उपयोग करने के लिए एक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं. कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद संगीतकार इलैयाराजा ने एक मुकदमा दायर किया, जिसमें दावा किया गया था कि उनकी परमिशन के बिना गाने का इस्तेमाल किया जा रहा था.
मद्रास हाईकोर्ट की एकल पीठ की न्यायाधीश अनीता सुमंत ने 2019 में मामले में एक आदेश जारी किया कि म्यूजिक कंपनियों को संबंधित मेकर्स से राइट्स लेने के बाद इलैयाराजा के गानों को यूज करने का अधिकार है. लेकिन इलैयाराजा का भी इन गीतों पर स्पेशल राइट रहेगा. संगीत कंपनियों को भी अधिकार देने के फैसले के खिलाफ इलैयाराजा द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही हाईकोर्ट की खंडपीठ ने संगीत कंपनियों के इलैयाराजा के गीतों का उपयोग करने पर अंतरिम प्रतिबंध लगा दिया.
इस बीच, इको की ओर से एक अपील दायर की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि फिल्म का कॉपीराइट निर्माता के पास है और उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर गाने का उपयोग करने का अधिकार उनके पास है. जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस मोहम्मद शफीक की खंडपीठ में आज (24 अप्रैल) मामले में दोबारा सुनवाई हुई. उस समय, इको कंपनी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विजय नारायण ने कहा कि चूंकि मेकर्स ने म्यूजि के लिए इलैयाराजा को भुगतान किया था, इसलिए अधिकार निर्माता के पास जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि निर्माता से अधिकार मिलने के कारण गाने उनके हो गए.
इस पर इलैयाराजा के वरिष्ठ वकील सतीश परासरन ने कहा कि चूंकि म्यूजिक बनाना एक आर्टिस्टिक काम है इसीलिए कॉपीराइट कानून लागू नहीं होता है. तब कोर्ट ने पूछा, 'गाने को लिरिक्स, सिंगर और बाकी सब मिलकर बनाते हैं. अगर लिरिक्स नहीं तो गाना नहीं. तो क्या गाना लिखने वाला यानी संगीतकार भी गाने के कॉपीराइट के लिए दावा कर सकता है?
इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई जून के दूसरे सप्ताह के लिए स्थगित कर दी और कहा कि अंतिम फैसला इस पर निर्भर करेगा कि गानों की बिक्री से इलैयाराजा को मिले पैसे का मालिक कौन है.