नई दिल्ली: डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' की निर्माता लीला मणिमेलकलाई को गुरुवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली. फिल्म के विवादित पोस्टर को लेकर दायर याचिका को तीस हजारी कोर्ट ने खारिज कर दिया. सिविल जज तानिया सिंह ने इस सुनवाई में याचिकाकर्ता के लगातार अनुपस्थित रहने की वजह से याचिका खारिज कर दिया.
कोर्ट ने 19 जनवरी को याचिकाकर्ता को गुरुवार को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन याचिकाकर्ता आज भी अनुपस्थित रहे. इसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. इससे पहले 19 जनवरी को भी सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और वकील राज गौरव न तो खुद पेश हुए और न ही उनकी ओर से कोई दूसरा पेश हुआ था. कोर्ट ने पाया था कि याचिकाकर्ता 4 अक्टूबर 2023 को भी सुनवाई के दौरान पेश नहीं हुए थे.
इस मामले में 3 दिसंबर 2022 को फिल्म निर्माता लीला मणिमेलकलाई ने अपने प्रतिनिधि के जरिये अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. 11 जुलाई 2022 को कोर्ट ने फिल्म निर्माता लीला मणिमेकलाई को समन जारी किया था. याचिका में कहा गया था कि फिल्म काली के पोस्टर और वीडियो में जिस तरह मां काली को सिगरेट पीते दिखाया गया है, वो न केवल हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है, बल्कि नैतिकता के बुनियादी उसूलों के भी खिलाफ है. उसे ऐसा करने से रोका जाए.
याचिका में कहा गया था कि फिल्म निर्माता ने अपने ट्विटर हैंडल से फिल्म का पोस्टर और वीडियो ट्वीट किया, जिसमें मां काली को सिगरेट पीते दिखाया गया है. ट्वीट के पोस्टर और वीडियो हटाने की मांग की गई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में कहा है कि एकतरफा रोक का आदेश असाधारण परिस्थितियों में ही लिया जा सकता है. इस मामले में प्रतिवादी का पक्ष सुनना जरूरी है. इसलिए प्रतिवादी को समन जारी किया जाए.