पटना: बिहार के बुल्लू कुमार ने वेब सीरीज "पंचायत 3" में माधव के रूप में अपने अभिनय से पहचान बनाई है. किसान का बेटा से पंचायत का माधव बनना किसी सपने से कम नहीं है. बुल्लू कुमार ने कहा कि मेहनत करने से एक ना एक दिन सफलता आपके कदम जरूर चूमती है. इंसान को कभी हार नहीं मानना चाहिए.
बुल्लू कैसे बने पंचायत के माधव?: नवादा जिला के रहने वाले बुल्लू कुमार की परवरिश एक छोटे से गांव में हुई. उनका बचपन साधारण परिवार में बीता, जहां आर्थिक चुनौतियां रोजमर्रा की बात थी. बचपन से ही उन्हें अभिनय का शौक था. लेकिन सीमित संसाधनों के कारण सपना साकार करना आसान नहीं था. बुल्लू ने कई लोकल थिएटर ग्रुप्स में काम किया और अपने अभिनय को निखारा.
"पटना के कालिदास रंगालय के रंग कर्मी होने के बावजूद जीवन में काफी संघर्ष किया हूं. बिहार से माया नगरी मुंबई जाकर फिल्म में अपना करियर बनाना चाहा, कई बार पैसों के तंगी के कारण मुझे घर लौटना पड़ा. गांव के लोग मेरे ऊपर कमेंट करते थे, मजाक उड़ाते थे, लेकिन आज गांव के लोगों के कमेंट्स और मजाक का नतीजा है कि मैं इस मुकाम तक पहुंचा हूं."- बुल्लू कुमार, एक्टर
'लोगों के ताने ने बना दिया मजबूत': बुल्लू कुमार ने कहा कि संघर्ष के दौर में लोग मुझे कहते थे कि हीरो बनने जाता है, मुंह नाक सुंदर है ही नहीं, हीरो क्या बनेगा खाक. कुछ करना चाहिए बेरोजगार बैठा हुआ है. गांव में रह करके यहीं पर कुछ करता फालतू में इधर-उधर घूमता है. इस तरह की बातों को सुनकर हम मजबूत होते चले गए.
फिल्म ग्रहण से की करियर की शुरुआत: बुल्लू कुमार ने कहा कि मुंबई में हम 2011 से रहने और इंडस्ट्री में काम करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन फाइनली अब लगता है कि काम मिलना शुरू हुआ है. मेरे करियर की शुरुआत फिल्म ग्रहण से हुई, उसके बाद खाकी, फिर पंचायत वेब सीरीज 3 ने मुझे पहचान दी है. पंचायत वेब सीरीज के पार्ट 2 में भी काम किया हूं, लेकिन उसमें मेरा स्क्रीन टाइम कम था. पंचायत वेब सीरीज 3 में स्क्रीन टाइम ज्यादा मिला.
क्या है बुल्लू कुमार का सपना?: बुल्लू ने कहा कि जो सपना हम सजाए थे वो अभी तो पूरा नहीं हुआ है.मेरा सपना पूरा होता दिख रहा है. हर कलाकार की ख्वाहिश होती है कि आप फेमस हों और लोग आपको बाई फेस पहचाने. फेस वैल्यू बढ़ने से मुंबई में काम अच्छा मिलता है. जब आप फ्रेशर होते हैं, नए-नए होते हैं तो काम काम मिलता है.
ट्रेन का ये सफर रहा यादगार: बुल्लू कुमार ने कहा कि पंचायत वेब सीरीज 3 के बाद जब मैं लोगों के बीच जाता हूं तो कई लोग मुझे नहीं पहचानते हैं. हाल ही में मैं जब मुंबई से गांव लौट आ रहा था तो उस बोगी में बैठे सभी रेल यात्री में एक लड़का काराकाट लोकसभा सीट से पवन सिंह हार गए को लेकर चर्चा कर रहा था. मैंने पूछा कि "क्या आप सिनेमा देखते हैं, तो लड़का का रिएक्शन था कि मैं भोजपुरी सिनेमा नहीं देखता हूं. फिर हमने पूछा कि हिंदी सिनेमा देखते हैं, वेब सीरीज देखते हैं ,तो उस लड़का ने कहा हां. मैंने पूछा पंचायत देखे हैं. इसके बाद लड़का तुरंत बोला मुझे लगा था कि आप पंचायत के माधव हैं. आप चढ़े थे तभी से आपका चेहरा को गौर कर रहे थे.
बुल्लू को कॉमेडी है पसंद : बुल्लू कुमार ने कहा कि मुझे फिल्मों में सबसे ज्यादा कॉमेडी का कैरेक्टर अच्छा लगता है. लोगों को हंसाना और फिल्म में जान डालना है तो कॉमेडी चाहिए. कॉमेडी में मैं बहुत समय दिया हूं .पटना के थिएटर में मैं कॉमेडी किया करता था. यहां पर जब कॉमेडी करते थे तो कई दोस्तों ने कहा कि अरे यार सिर्फ तुम कॉमेडी करते हो, सीरियस कैरेक्टर भी करो तब जाकर के मैंने अपने कैरेक्टर में बदलाव किया. इसी का नतीजा है कि आज यहां तक फिल्मी दुनिया में पहुंच पाया हूं.
बुल्लू की अपकमिंग फिल्म: बुल्लू ने कहा कि मेरी तीन-चार फिल्में आने वाली है. लगभग सभी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. जाइए आप कहां जाएंगे, वृंदावन, स्वाहा,तारेगण, सरपंच साहब वेब सीरीज है. इन सभी फिल्मों में मेरा अलग-अलग कैरेक्टर है.सभी कैरेक्टर मजेदार हैं. वृंदावन में फनी कैरेक्टर है.
बुल्लू का सपना: बुल्लू कुमार का सपना है कि वे आगे चलकर बड़े-बड़े फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाएं और अपने अभिनय से लोगों के दिलों में जगह बनाएं.वे चाहते हैं कि उनके काम के माध्यम से बिहार की कला और संस्कृति को भी एक नई पहचान मिले. पंचायत के माधव फिलहाल सीजन 4 में भी नजर आने वाले हैं. उन्होंने कहा कि अभी कहानी पूरी नहीं हुई है. पंचायत बेव सीरीज 4 के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग चल रही है.
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