पटना: बिहार में नीतीश सरकार एक बार फिर से बड़े पैमानी पर नौकरी देने की तैयारी में जुट गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त को 7 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का ऐलान किया था. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले सरकार अपना वादा पूरा कर लेना चाहती है. शिक्षा विभाग भी शिक्षकों के तीसरे चरण की बहाली की तैयारी में है. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने डेढ़ लाख पदों पर बहाली के लिए आयोग को प्रस्ताव भेजा है.
शिक्षा विभाग में 1.5 लाख वैकेंसी : आपको बता दें कि बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, शिक्षा विभाग में करीब 2 लाख 17 हजार 591 पद खाली हैं. इन पदों पर जल्द ही बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार की मानें तो सबसे पहले डेढ़ लाख पदों के लिए बहाली निकाली जाएगी.
''प्रधान शिक्षक, प्रधान अध्यापक और कंप्यूटर शिक्षक के डेढ़ लाख से अधिक पदों पर बहाली के लिए हम लोगों ने अपनी डिमांड आयोग को भेज दिया है. ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही वैकेंसी आएंगी."- सुनील कुमार, शिक्षा मंत्री, बिहार
शिक्षकों की बंपर बहाली : बीपीएससी द्वारा पहले चरण की शिक्षक बहाली परीक्षा का आयोजन 19 से 22 जुलाई 2023 के बीच चार दिनों में आयोजित किया गया. पहले चरण में 1,70,461 पदों पर वैकेंसी निकली थी. बीपीएससी के दूसरे चरण के शिक्षक बहाली की परीक्षा दिसंबर में 7, 14 और 15 दिसंबर 2023 को 3 दिन में आयोजित की गई. दूसरे चरण में 1,22,286 पदों पर वैकेंसी निकली थी.
TRE 3 के रिजल्ट का इंतजार : बीएससी तीसरे चरण में 87774 पदों पर वैकेंसी निकली है, पहले 15 मार्च 2024 को परीक्षा का आयोजन हुआ लेकिन पेपर लीक के कारण कैंसिल किया गया. दोबारा से परीक्षा का आयोजन 19 से 22 जुलाई तक चार दिनों में आयोजित की गई. परीक्षा का परिणाम अभी तक नहीं आया है. इस महीने के अंत तक रिजल्ट जारी होने की संभावना है. इसके बाद सितंबर माह के अंत तक चौथे चरण की शिक्षक बहाली परीक्षा आ सकती है. इसमें लगभग 50-55 हजार पदों पर वैकेंसी आने का अनुमान है, जिसमें 26000 कंप्यूटर शिक्षकों की संख्या है.
क्रेडिट लेने की होड़ : अगर मुद्दों की बात करें तो अक्सर ही तेजस्वी यादव बोरोजगारी का मुद्दा उठाते रहते हैं. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की थी. उनका साफ कहना था कि एनडीए 17 साल के एनडीए सरकार में जितना काम नहीं हुआ था, 17 महीने के महगठबंधन सरकार में काम हुआ है.
नौकरी सत्ता पर बैठने का जरिया ? : हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी की बातों को हमेशा नकारते रहते हैं. साथ ही लालू राज की याद दिलाते हुए कहते हैं कि 2005 से पहले की क्या स्थिति थी इससे हर कोई अवगत है. ऐसे में साफ है कि नीतीश सरकार नौकरी के मुद्दे पर विपक्ष को चुप करना चाहते हैं. तभी तो अन्य विभागों में जल्द से जल्द बहाली निकालने का आदेश दिया जा रहा है.
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