रांची: 15 फरवरी से 13 मार्च तक सीबीएसई के द्वारा आयोजित की गई 10वीं और 12वीं परीक्षा का परिणाम 13 मई को जारी किया गया था. सीबीएसई का परिणाम जारी होने के बाद सफल छात्रों में खासा उत्साह नजर आया. इस बार झारखंड के भी छात्रों ने सीबीएसई की परीक्षा में अपना परचम लहराया है. सीबीएसई 10वीं की परीक्षा में रांची के डीपीएस स्कूल के छात्र दिव्यांश अग्रवाल ने 99.4 प्रतिशत अंक हासिल कर स्टेट टॉपर बना है. ईटीवी भारत ने सीबीएसई 10वीं का रांची टॉपर दिव्यांश अग्रवाल से विशेष बातचीत की.
मात-पिता और गुरुजनों को दिया सफलता का श्रेय
इस दौरान दिव्यांश अग्रवाल ने अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत के साथ-साथ अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया हैं. दिव्यांश अग्रवाल ने कहा कि परीक्षा में अंक प्राप्त करने के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. क्योंकि परीक्षा में 99 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने के लिए हुनर के साथ पढ़ाई करने की आवश्यकता होती है. दिव्यांश ने कहा कि कई बार छात्र ज्यादा किताबें पढ़ने के चक्कर में महत्वपूर्ण किताबें पढ़ना भूल जाते हैं. दिव्यांश ने बताया कि कई किताबें पढ़ने से अच्छा होता है कि एक ही किताब को कई बार पढ़ें.
परीक्षा में लिमिट शब्दों में दें सटीक उत्तर
दिव्यांश अग्रवाल ने अपने जूनियर के लिए संदेश देते हुए कहा कि परीक्षा में मिले आंसर शीट में लिमिट शब्दों में आंसर देना होता है. इसलिए छात्रों को इस महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान देने की आवश्यकता है. साथ ही निरंतर पढ़ाई भी बेहद जरूरी है.
आगे की पढ़ाई पूरी कर इंजीनियर बनना चाहता है दिव्यांश
10वीं की परीक्षा में 99.45 अंक हासिल करने वाले दिव्यांश अग्रवाल ने कहा कि वह आगे की पढ़ाई पूरी कर इंजीनियर बनना चाहता है और यदि उसके बाद भी भविष्य में कोई अच्छा ऑप्शन मिलता है तो वह उस क्षेत्र में जाकर देश को मजबूती प्रदान करने के लिए काम करना चाहता है.
बच्चों को तनाव मुक्त रखना जरूरीः तरुण अग्रवाल
दिव्यांश अग्रवाल के पिता तरुण अग्रवाल बताते हैं कि यदि बच्चा कम नंबर हासिल करे तो अभिभावकों को कभी भी अपने बच्चे को डिमोटिवेट नहीं करना चाहिए, क्योंकि अच्छे अंक या अच्छे पर्सेंटेज लाने के लिए सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन का भी सही होना जरूरी है. यदि बच्चा तनाव मुक्त रहेगा तो निश्चित रूप से वह अपने टैलेंट को निखार पाएगा.
कड़ी मेहनत से दिव्यांश ने पाई सफलताः कविता अग्रवाल
वहीं अपनी बेटे की उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए दिव्यांश की मां कविता अग्रवाल बताती हैं कि दिव्यांश ने आज जो भी नंबर हासिल किया है उसके पीछे उसकी कड़ी मेहनत है. क्योंकि जब दिव्यांश छोटा था तभी से वह और उनके पति काम करते थे. काम में रहने की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते थे. लेकिन दिव्यांश ने अपने माता-पिता की समस्या को समझते हुए खुद से कड़ी मेहनत की. जिस वजह से आज वो इस मुकाम पर पहुंचा है. वह उम्मीद करती हैं कि आने वाला समय में भी उनका बेटा देश, समाज और परिवार का नाम रोशन करता रहेगा.
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