नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने नेशनल ऐजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए नया ‘करिकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क’ जारी किया है. इसमें सिलेबस से जुड़े कई बड़े बदलावों की पेशकश की गई है.
सेलेबस में बदलाव करने का उद्देश्य हायर ऐजुकेशन को आधुनिक बनाना है. जिससे स्टूडेंट्स को लर्निंग के मॉर्डन और विविधतापूर्ण मैके मिल सकेंगे. नए फ्रेमवर्क के अंतर्गत जो छात्र एसोसिएट डिग्री प्रोग्राम ( ADP ) के तहत तीन साल की ग्रेजुएशन पूरा करेंगे, वे छात्र दो साल के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
वहीं, चार साल में ग्रेजुएशन पूरा करने वाले छात्र एक साल के पीजी कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. नए फ्रेमवर्क के अन्तर्गत छात्रों को पांच साल का इंटीग्रेटेड प्रोग्राम ऑप्शन मिलेगा. इसके अलावा स्टूडेंट्स को क्रेडिट सिस्टम और एंट्री एग्जिट जैसे विकल्प भी मिल सकते हैं.
ऑनलाइन कोर्सेज को दिया जाएगा बढ़ावा
नए फ्रेमवर्क के तहत यूजीसी ऑनलाइन कोर्सेज को बढ़ावा देगी. साथ ही छात्रों को एक साथ कई डिग्री कोर्सेज में पढ़ाई करने की सुविधा भी दी जाएगी. नए बदलाव की मदद से क्रॉस-डिसप्लिनरी लर्निंग को बढ़ावा मिलेगा.
पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन की योग्यता
अगर किसी स्टूडेंट को एक साल के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन लेना है तो उसे राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता ढांचा (NHEQF) के लेवल 6.5 पर कम से कम 160 क्रेडिट के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री या रिसर्च के साथ ऑनर्स की जरूरत होगी.
वहीं, अगर कोई छात्र को दो साल का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स करना चाहता है तो उसे कम से कम 120 क्रेडिट के साथ तीन साल की ग्रेजुएशन डिग्री या फिर राष्ट्रीय NHEQF के लेवल 7 पर कम से कम 160 क्रेडिट के साथ चार साल की ग्रेजुएशन की डिग्री की जरूरत होगी.
बता दें कि नई शिक्षा नीति के तह तछात्रों के पास अब अपने मैन सब्जेक्ट में 50 प्रतिशत क्रेडिट अर्जित करने का विकल्प होगा, जबकि बाकी क्रेडिट कौशल विकास, ट्रेनिंग या बहु-विषयक विषयों से आवंटित किए जा सकते हैं, साथ ही ग्रेजुशन की डिग्री की अवधि तीन या चार साल होगी और पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री सामान्य रूप से एक या दो साल की होगी.
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