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यस बैंक ने इस मामले में दी सफाई, कहा- यह महज अफवाह है... - Yes Bank clarification

Yes Bank clarification- हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें दावा किया गया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यस बैंक के 51 फीसदी शेयर सेल की मंजूरी दे दी है. अब यस बैंक ने इस पर सफाई स्पष्टीकरण दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

Yes Bank
यस बैंक (प्रतीकात्मक फोटो) (IANS Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 9, 2024, 12:14 PM IST

नई दिल्ली: यस बैंक ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 51 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री को मंजूरी देने की रिपोर्ट पूरी तरह से अफवाह है. इसके बाद आज यस बैंक के शेयर एक फीसदी ऊपर खुले है. बैंक ने एक विनियामक फाइलिंग में कहा कि RBI ने लेख में बताए अनुसार कोई थियोरिटिकल मंजूरी नहीं दी है. यह स्पष्टीकरण कंपनी ने मीडिया रिपोर्ट के अफवाह को खत्म करने के लिए जारी किया है.

यह बैंकिंग नियमों के तहत व्यवसाय के सामान्य क्रम में 26 फीसदी प्रमोटर-होल्डिंग सीमा से अधिक है.

रिपोर्ट में क्या किया गया था दावा?
रिपोर्ट में यह कहा गया है कि संभावित बिक्री से देश के छठे सबसे बड़े निजी बैंक की संपत्ति का मूल्य लगभग 10 बिलियन डॉलर हो सकता है जो इसे भारत के बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़ा अधिग्रहण बना सकता है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि RBI ने हाल ही में यस बैंक और उसके प्रमुख शेयरधारकों को प्रारंभिक मंजूरी दी है. अभी भी बोलीदाताओं की उपयुक्त स्थिति का पता लगा रहा है. इसमें कहा गया है कि यस बैंक ने उपयुक्त प्रमोटरों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए सिटीग्रुप को नियुक्त किया है.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और LIC के पास यस बैंक में लगभग एक-तिहाई हिस्सेदारी है.

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नई दिल्ली: यस बैंक ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 51 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री को मंजूरी देने की रिपोर्ट पूरी तरह से अफवाह है. इसके बाद आज यस बैंक के शेयर एक फीसदी ऊपर खुले है. बैंक ने एक विनियामक फाइलिंग में कहा कि RBI ने लेख में बताए अनुसार कोई थियोरिटिकल मंजूरी नहीं दी है. यह स्पष्टीकरण कंपनी ने मीडिया रिपोर्ट के अफवाह को खत्म करने के लिए जारी किया है.

यह बैंकिंग नियमों के तहत व्यवसाय के सामान्य क्रम में 26 फीसदी प्रमोटर-होल्डिंग सीमा से अधिक है.

रिपोर्ट में क्या किया गया था दावा?
रिपोर्ट में यह कहा गया है कि संभावित बिक्री से देश के छठे सबसे बड़े निजी बैंक की संपत्ति का मूल्य लगभग 10 बिलियन डॉलर हो सकता है जो इसे भारत के बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़ा अधिग्रहण बना सकता है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि RBI ने हाल ही में यस बैंक और उसके प्रमुख शेयरधारकों को प्रारंभिक मंजूरी दी है. अभी भी बोलीदाताओं की उपयुक्त स्थिति का पता लगा रहा है. इसमें कहा गया है कि यस बैंक ने उपयुक्त प्रमोटरों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए सिटीग्रुप को नियुक्त किया है.

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