नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब से थोड़ी देर में अपना लगातार सातवां बजट पेश करने जा रही हैं. इस बजट 2024 में 2047 तक भारत के विकास की योजना की रूपरेखा पेश की जाएगी और पिछले एक दशक में सरकार के प्रदर्शन को दिखाया जाएगा. बाजार को उम्मीद है कि मध्यम वर्ग को संभावित कर राहत मिलेगी. इससे मौजूदा टैक्स उछाल को देखते हुए उनके हाथ में अधिक खर्च करने लायक आय होगी. इसके अलावा सरकार से राजकोषीय घाटा पर ध्यान देने की उम्मीद है. इसका लक्ष्य 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 फीसदी तक कम करना है.
मोदी 3.0 के पहले पूर्ण बजट में प्रमुख आंकड़े देखने को मिलेंगे
- नॉमिनल जीडीपी- अंतरिम बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में भारत की नाममात्र जीडीपी वृद्धि (वास्तविक जीडीपी प्लस मुद्रास्फीति) 10.5 फीसदी होकर 327.7 ट्रिलियन रुपये होने का अनुमान है. अपेक्षित सामान्य मानसून, राजस्व संग्रह में सुधार और ग्रामीण खपत में तेजी को देखते हुए, यह उम्मीद की जाती है कि विकास अनुमान में ऊपर की ओर संशोधन हो सकता है. आरबीआई के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.2 फीसदी अनुमानित है.
- टैक्स रेवेन्यू- अंतरिम बजट में 2024-25 के लिए सकल कर राजस्व 38.31 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11.46 फीसदी अधिक है. इसमें डायरेक्ट टैक्स (व्यक्तिगत आयकर + कॉर्पोरेट कर) से आने वाले 21.99 लाख करोड़ रुपये और इनडायरेक्ट टैक्स (सीमा शुल्क + उत्पाद शुल्क + जीएसटी) से 16.22 लाख करोड़ रुपये आने का अनुमान है.
- राजकोषीय घाटा- बजट में शामिल राजकोषीय घाटा, जो सरकारी खर्च और आय के बीच का अंतर है, चालू वित्त वर्ष के लिए 5.1 फीसदी है. जैसा कि फरवरी में अंतरिम बजट में अनुमान लगाया गया था, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 5.8 फीसदी था. पूर्ण बजट में पहले से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है, क्योंकि कर में उछाल आया है. सरकार ने वित्त वर्ष 264 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 फीसदी पर अनुमानित किया है.
- पूंजीगत खर्च- इस वित्तीय वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत खर्च 11.1 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 9.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. सरकार बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दे रही है और राज्यों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है.
- जीएसटी- 2024-25 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 11.6 फीसदी की वृद्धि के साथ 10.68 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. 2024-25 वित्तीय वर्ष के अंतिम बजट में कर राजस्व के आंकड़ों पर नजर रखनी होगी.
- उधार- अंतरिम बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार का सकल उधार बजट 14.13 लाख करोड़ रुपये था. सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए बाजार से उधार लेती है. उधारी के आंकड़ों पर बाजार की नजर रहेगी, खासकर आरबीआई और वित्तीय संस्थानों से उम्मीद से ज्यादा लाभांश मिलने के बाद.