ETV Bharat / business

IDBI बैंक के डिसइनवेस्टमेंट पर RBI का बड़ा फैसला, बजट में हो सकता है ऐलान - Divestment of IDBI Bank

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 18, 2024, 12:13 PM IST

Divestment of IDBI Bank- भारतीय रिजर्व बैंक ने आईडीबीआई बैंक के डिसइनवेस्टमेंट के लिए हरी झंडी दे दी है. मोदी सरकार को इस बैंक के डिसइनवेस्टमेंट से 29,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

RBI
आरबीआई बैंक (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्रीय बजट 2024 से पहले आईडीबीआई बैंक के लिए बोली लगाने वालों को अपनी फीट और प्रॉपर मंजूरी दे दी है. अब सभी की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं. नरेंद्र मोदी सरकार ने मई 2021 में विकास वित्तीय संस्थान से बैंक बने इस संस्थान में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रॉसेस शुरू की थी. तब से, केंद्र RBI से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहा है. क्योंकि केंद्रीय बैंक यह आकलन कर रहा है कि बोली लगाने वाले उचित और उचित नॉर्म को पूरा करते हैं या नहीं. और वे अन्य नियामकों की निगरानी में तो नहीं हैं.

रिजर्व बैंक से मिली हरी झंडी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने एक बोलीदाता को छोड़कर बाकी सभी पर अपनी रिपोर्ट दे दी है, जो एक विदेशी भागीदार है. इसने जानकारी साझा नहीं की और विदेशी नियामक ने भी डेटा उपलब्ध नहीं कराया. मौजूदा बाजार पूंजीकरण 95,000 करोड़ रुपये के करीब होने के साथ, केंद्र संभावित रूप से विनिवेश से लगभग 29,000 करोड़ रुपये प्राप्त कर सकता है.

सरकार बेचेगी इतना हिस्सा
सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास सामूहिक रूप से आईडीबीआई बैंक की 94.72 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसमें एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी और सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है. बचे 5.28 फीसदी हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों की है.

केंद्र सरकार बैंक में 60.7 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है, जिसमें 30.5 फीसदी हिस्सेदारी उसकी अपनी और 30.2 फीसदी हिस्सेदारी एलआईसी की है.

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्रीय बजट 2024 से पहले आईडीबीआई बैंक के लिए बोली लगाने वालों को अपनी फीट और प्रॉपर मंजूरी दे दी है. अब सभी की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं. नरेंद्र मोदी सरकार ने मई 2021 में विकास वित्तीय संस्थान से बैंक बने इस संस्थान में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रॉसेस शुरू की थी. तब से, केंद्र RBI से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहा है. क्योंकि केंद्रीय बैंक यह आकलन कर रहा है कि बोली लगाने वाले उचित और उचित नॉर्म को पूरा करते हैं या नहीं. और वे अन्य नियामकों की निगरानी में तो नहीं हैं.

रिजर्व बैंक से मिली हरी झंडी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने एक बोलीदाता को छोड़कर बाकी सभी पर अपनी रिपोर्ट दे दी है, जो एक विदेशी भागीदार है. इसने जानकारी साझा नहीं की और विदेशी नियामक ने भी डेटा उपलब्ध नहीं कराया. मौजूदा बाजार पूंजीकरण 95,000 करोड़ रुपये के करीब होने के साथ, केंद्र संभावित रूप से विनिवेश से लगभग 29,000 करोड़ रुपये प्राप्त कर सकता है.

सरकार बेचेगी इतना हिस्सा
सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास सामूहिक रूप से आईडीबीआई बैंक की 94.72 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसमें एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी और सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है. बचे 5.28 फीसदी हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों की है.

केंद्र सरकार बैंक में 60.7 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है, जिसमें 30.5 फीसदी हिस्सेदारी उसकी अपनी और 30.2 फीसदी हिस्सेदारी एलआईसी की है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.