नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024 में केमिकल्स लेबोरेटरी पर सीमा शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 150 फीसदी कर दिया है. इसके कारण, विश्वविद्यालय रिसर्च सेंटर को कार्य आदेश रद्द होते हुए दिखाई दे रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसमें फिजिक्स और गणित को छोड़कर सभी रिसर्च लेबोरेटरी शामिल हैं. क्योंकि वे सर्टिफाइड सप्लायर से अंतरराष्ट्रीय मानक के रसायन खरीदते हैं
Please tell me this is a misprint So that I will delete this. Lab chemicals custom duty increased from 10% to 150%? How we do research and whether funding agencies will compensate by reducing expectations or providing more funds? @serb @DBTIndia @ICMRDELHI pic.twitter.com/jFOkCTzwip
— Santosh Chauhan (@Chauhanlab_ILS) July 29, 2024
वित्तपोषण एजेंसियों ने पहले ही वैज्ञानिकों को सूचित कर दिया है कि उनके बजट तय हैं और आवंटन बढ़ाने की कोई गुंजाइश नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक बायोलॉजी लेबोरेटरी के क्षेत्र में काम करती है, जो एक मध्यम आकार की है, रसायनों पर वार्षिक खर्च लगभग 45-50 लाख रुपये है. नए मानदंडों के अनुसार, इस खर्च पर कर का बोझ 1 करोड़ रुपये होगा.
केंद्रीय बजट 2024 में निर्मला सीतारमण ने क्या घोषणा की है?
बजट के अनुसार एचएस 9802 00 00 के अंतर्गत वर्गीकृत प्रयोगशाला रसायनों पर बीसीडी (मूल सीमा शुल्क) दर 10 फीसदी से बढ़ाकर 150 फीसदी कर दी गई है. इसके कारण, कर सहित 1.1 लाख रुपये का ऑर्डर अब 2.5 लाख रुपये तक पहुंच जाएगा, जिसका मतलब है 1.5 लाख का कर
इस घोषणा के बारे में विशेषज्ञों की क्या राय है?
रिपोर्ट के मुताबिक इस कोड के अंतर्गत आने वाले रसायन हमारे द्वारा उपयोग की जाने वाली चीजों का 90-95 फीसदी हिस्सा बनाते हैं. यहां तक कि अधिकांश बुनियादी प्रयोगों के लिए भी सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और बफर्स के लवण जैसे रसायनों की आवश्यकता होती है.