नई दिल्ली: दो नए सेमीकंडक्टर प्लांट के उद्घाटन पर (एक गुजरात में और एक असम) में टाटा संस के अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा संस के नेतृत्व वाली परियोजनाओं का देश पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन सेमीकंडक्टर प्लांट- टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स फैब और आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (ओएसएटी), और सीजी पावर के ओएसएटी की आधारशिला रखी हैं. तीनों यूनिट का वर्चुअल उद्घाटन किया गया है. इस दौरान एन चंद्रशेखरन ने गुजरात के धोलेरा में 91,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर ताइवान स्थित पावरचिप (पीएसएमसी) के साथ संयुक्त रूप से चलने वाली सेमीकंडक्टर सुविधा की एक झलक दिखाई.
चंद्रशेखरन ने कहा कि ये सेमीकॉन प्लांट देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे. पीएसएमसी ने हमें प्रौद्योगिकी के व्यापक पोर्टफोलियो तक पहुंच दी है. सेमीकॉन हर डिजिटल चीज के लिए मूलभूत उद्योग है. हम 50,000 से अधिक नौकरियां पैदा करेंगे और यह सिर्फ शुरुआत है.
टेकाडे में, जहां पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखी.
बता दें कि महामारी के दौरान चिप की कमी ने हमें अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला पर हमारी निर्भरता का एहसास कराया. घरेलू सेमीकॉन उद्योग स्वदेशी उद्योग का इंट्रीगल है. चंद्रा ने कहा कि सेमीकॉन चिप्स की हर उद्योग- ऑटो, एआई, रक्षा, हरित तकनीक, स्वास्थ्य और हर दूसरे उद्योग में निर्णायक भूमिका है. धोलेरा संयंत्र में हर साल 300 करोड़ चिप्स का उत्पादन करने की क्षमता होगी, जो अन्य चीजों के अलावा उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रिक वाहन, रक्षा और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों को पूरा करेगा.