नई दिल्ली: क्या हमारे देश में 10 रुपए का सिक्का मान्य है? यह हर भारतीय की शंका है. अगर आप किराने की दुकान पर जाते हैं और 10 रुपए का सिक्का देते हैं, तो वे इसे अमान्य बताकर वापस कर देते हैं. पेट्रोल पंप हो या चाय की दुकान, वे 10 रुपए का सिक्का लेने में आनाकानी करते हैं. इससे बाजार में नकदी और खुदरा व्यापार की समस्या पैदा हो रही है. भारतीय रिजर्व बैंक ने 10 रुपए का सिक्का को कभी अमान्य नहीं किया है. लोगों के बीच ये अफवाहग फैल गई है कि 10 रुपए का सिक्का अमान्य है, जिसके बाद बाजार ने 10 रुपए के सिक्के से दूरी बना लिया. आज हम इस खबर के माध्यम से जानते 10 रुपये के सिक्के की कहानी को.
10 रुपए का सिक्का अब कह रहा- मुझे दूर मत करो
जब 10 रुपए का सिक्का पहली बार बाजार में आया था, तो लोगों ने उत्सुकता से इसे अपनाया था. बच्चे, बड़े और बूढ़े सभी ने छोटी-छोटी जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया करते थे. ऐसे ही एक पांच साल का लड़का अपनी मां के साथ सड़क पार कर रहा था और उसने 10 रुपए का सिक्का अपनी जेब से निकाला और सड़क पर एक भूखे भिखारी को दे दिया. लोगों ने चाय की दुकान से रोटी खरीदने के लिए मेरा इस्तेमाल किया. 10 रुपए का सिक्का देकर भूखा भिखारी रोटी खाता है. 10 रुपए का सिक्का लोगों के कई समस्याओं का समाधान करते है. लेकिन अफवाह फैलने के बाद से बाजार से 10 रुपए का सिक्का खत्म होने लगा. लोगों ने इसे नकली सिक्के के रुप में करार कर दिया.
इसके अलावा छोटे व्यापारियों और खरीदारों ने भी 10 रुपए के सिक्के को घेर लिया. इसके बाद ही सरकार ने हस्तक्षेप किया और घोषणा की कि 10 रुपए के सिक्के का मूल्य है. हालांकि लोग अभी भी इसे लेने-देन के लिए यूज नहीं कर रहे है.
लेकिन अगर देश में कोई भी कहता है कि 10 रुपए का सिक्का अमान्य है. तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी.
10 रुपए का सिक्का का उपयोग करने और इसे सभी के लिए उपयोगी बनाने में संकोच न करें.
आरबीआई के नियम
उन अफवाहों पर विश्वास न करें कि आरबीआई ने दस रुपये के सिक्कों पर प्रतिबंध लगा दिया है और नकली सिक्के बाजार में आ गए हैं. उनका व्यापार किया जा सकता है और बैंक खातों में जमा किया जा सकता है. कोई भी व्यक्ति जो सिक्के प्राप्त नहीं करता है, उसे 2011 की धारा 61 के तहत अपराध माना जाता है. भारतीय रिजर्व बैंक ने 2005 से 2019 के बीच दस रुपये के सिक्के पेश किए. ये अलग-अलग रूपों में लोगों तक पहुंचे हैं.