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क्या कर्नाटक सरकार के फैसले का असर आज SBI और PNB के शेयरों पर दिखेगा? - Today SBI And PNB share on Focus - TODAY SBI AND PNB SHARE ON FOCUS

Today SBI And PNB share on Focus- कर्नाटक सरकार ने पैसे के गबन के दावों के चलते एसबीआई और पीएनबी बैंक में लेनदेन पर रोक लगा दिया है, जिसके बाद बैंक के शेयर आज फोकस में रहेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

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शेयर बाजार (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 16, 2024, 10:19 AM IST

Updated : Aug 16, 2024, 10:42 AM IST

मुंबई: कर्नाटक सरकार ने पीएसयू लेंडर के साथ सभी लेन-देन को निलंबित करने के एक बड़े फैसले के बाद आज इनके शेयर फोकस में रहेंगे. इस बड़े फैसले के बाद 16 अगस्त को एसबीआई और पीएनबी के 805 रुपये और 113 रुपये पर स्थिर रहे. यह कदम सरकारी पैसे से जुड़े गबन के आरोपों के जवाब में उठाया गया है. दोनों बैंकों ने मामले को सुलझाने की उम्मीद में राज्य सरकार से संपर्क किया है.

अलग-अलग बयानों में, लेंडर ने कहा कि यह मुद्दा वर्तमान में 'न्यायालय में विचाराधीन' है, और इसलिए, आगे कोई टिप्पणी करने से परहेज किया. सरकार ने सभी राज्य संस्थानों को इन बैंकों के साथ अपने खाते बंद करने और जमा और निवेश के विवरण के साथ प्रमाणित समापन रिपोर्ट 20 सितंबर तक वित्त विभाग को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

क्या है मामला?
यह विवाद एसबीआई और पीएनबी द्वारा राज्य सरकार को जमा पैसे लौटाने में विफलता से जुड़ा है. पहली घटना नवंबर 2012 में हुई थी, जब कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड ने पीएनबी की राजाजीनगर शाखा में 25 करोड़ रुपये जमा किए थे. हालांकि, मैच्योरिटी पर, बैंक ने केवल 13 करोड़ रुपये लौटाए, यह दावा करते हुए कि शेष 12 करोड़ रुपये बैंक अधिकारियों द्वारा गबन कर लिए गए थे.

इसी तरह, 2013 में कर्नाटक राज्य प्रदूषण बोर्ड ने स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (अब एसबीआई में विलय हो चुका है) की एवेन्यू रोड शाखा में 10 करोड़ रुपये जमा किए. हालांकि, बैंक ने फर्जी प्रमाणपत्रों का उपयोग करके एक निजी कंपनी के लोन के खिलाफ जमा राशि को समायोजित किया और बाद में पैसे वापस करने से इनकार कर दिया.

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मुंबई: कर्नाटक सरकार ने पीएसयू लेंडर के साथ सभी लेन-देन को निलंबित करने के एक बड़े फैसले के बाद आज इनके शेयर फोकस में रहेंगे. इस बड़े फैसले के बाद 16 अगस्त को एसबीआई और पीएनबी के 805 रुपये और 113 रुपये पर स्थिर रहे. यह कदम सरकारी पैसे से जुड़े गबन के आरोपों के जवाब में उठाया गया है. दोनों बैंकों ने मामले को सुलझाने की उम्मीद में राज्य सरकार से संपर्क किया है.

अलग-अलग बयानों में, लेंडर ने कहा कि यह मुद्दा वर्तमान में 'न्यायालय में विचाराधीन' है, और इसलिए, आगे कोई टिप्पणी करने से परहेज किया. सरकार ने सभी राज्य संस्थानों को इन बैंकों के साथ अपने खाते बंद करने और जमा और निवेश के विवरण के साथ प्रमाणित समापन रिपोर्ट 20 सितंबर तक वित्त विभाग को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

क्या है मामला?
यह विवाद एसबीआई और पीएनबी द्वारा राज्य सरकार को जमा पैसे लौटाने में विफलता से जुड़ा है. पहली घटना नवंबर 2012 में हुई थी, जब कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड ने पीएनबी की राजाजीनगर शाखा में 25 करोड़ रुपये जमा किए थे. हालांकि, मैच्योरिटी पर, बैंक ने केवल 13 करोड़ रुपये लौटाए, यह दावा करते हुए कि शेष 12 करोड़ रुपये बैंक अधिकारियों द्वारा गबन कर लिए गए थे.

इसी तरह, 2013 में कर्नाटक राज्य प्रदूषण बोर्ड ने स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (अब एसबीआई में विलय हो चुका है) की एवेन्यू रोड शाखा में 10 करोड़ रुपये जमा किए. हालांकि, बैंक ने फर्जी प्रमाणपत्रों का उपयोग करके एक निजी कंपनी के लोन के खिलाफ जमा राशि को समायोजित किया और बाद में पैसे वापस करने से इनकार कर दिया.

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Last Updated : Aug 16, 2024, 10:42 AM IST
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