नई दिल्ली: सरकारी स्वामित्व वाली दिग्गज बैंकिंग कंपनी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों को चौंकाने वाली खबर दी है. ये बुरी खबर खासकर उन लोगों के लिए है जो एसबीआई से लोन लेना चाहते हैं या जिन्होंने पहले ही लोन ले लिया है. वो ये है कि एसबीआई ने चुनिंदा अवधि के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंडिंग लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट तक की बढ़ोतरी की है.
बैंक की वेबसाइट के मुताबिक ओवरनाइट MCLR अब 8 फीसदी से बढ़कर 8.10 फीसदी, एक महीने, 3 महीने 8.20 फीसदी से 8.30 फीसदी और 6 महीने 8.45 फीसदी से 8.55 फीसदी हो गई है. वही, एक साल की MCLR 8.65 फीसदी से बढ़कर 8.75 फीसदी हो गई. एसबीआई ने कहा कि ये बढ़ी हुई MCLR दरें 15 जून 2024 से लागू हो गई है. इससे ये कहा जा सकता है कि जो लोग लोन लेना चाहते हैं उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
बता दें कि एसबीआई के इस फैसले से एमसीएलआर से जुड़े लोन लेने वालों के लिए समान मासिक किस्त (ईएमआई) अधिक हो जाएगी.
टेन्योर | संशोधित एमसीएलआर (फीसदी में) |
रात भर | 8.1 फीसदी |
रात भर में | 8.3 फीसदी |
तीन महीने | 8.3 फीसदी |
छह महीने | 8.65 फीसदी |
एक साल | 8.75 फीसदी |
दो साल | 8.85 फीसदी |
तीन साल | 8.95 फीसदी |
घर और ऑटो लोन सहित अधिकांश खुदरा लोन MCLR दर से बंधे होते हैं, जिसका अर्थ है कि इन दरों के समायोजित होने पर उधारकर्ताओं को अपनी EMI में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. MCLR से जुड़े लोन वाले उधारकर्ताओं को उनके लोन रीसेट अवधि के आधार पर ये परिवर्तन देखने को मिलेंगे, जिसके बाद संशोधित दरें लागू होंगी.
यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लगातार आठवीं बार रेपो दर को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने के निर्णय के बाद हुआ है. जैसा कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा घोषित किया गया है.