नई दिल्ली: भारत में यात्रा करने के लिए धर्म सबसे पुराने कारणों में से एक रहा है. जबकि टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर दक्षिण एशियाई देश के जीडीपी के लिए महत्वपूर्ण हैं. घरेलू पर्यटन बाजार के भीतर एक प्रमुख चालक है. हिंदू धर्म के अलावा भारत में बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म सहित कई अन्य धर्मों का जन्मस्थान भी है. दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश अन्य धर्मों के अलावा मुसलमानों और ईसाइयों की भी एक बड़ी संख्या का घर है.
धार्मिक पर्यटन में हो रही बढ़ोतरी
इस धार्मिक पर्यटन को देखते हुए एक रिपोर्ट आई है जिसका अनुमान है कि 2028 तक 5,900 करोड़ का राजस्व मिलने की उम्मीद है, जिससे 2030 तक 140 मिलियन अस्थायी और स्थायी नौकरियां पैदा होंगी.
रिपोर्ट में बताया गया है कि अयोध्या और भगवान राम के जीवन और समय से जुड़े अन्य स्थानों की तीर्थ यात्राओं के लिए साल-दर-साल 5 गुना मांग में वृद्धि देखी है. क्षेत्रीय भारत के टियर 2 और 3 शहरों को मजबूती से उभरते हुए देखा जा रहा है. ये रामायण ट्रेल्स पोर्टफोलियो की मांग को बढ़ा रहे हैं.
काशी विश्वनाथ मंदिर में रिकॉर्ड तोड़ दान
उत्तर प्रदेश के पर्यटन निदेशक ने बताया कि अयोध्या, जहां अब प्रतिदिन 24 उड़ानें हैं, में पर्यटकों की भारी आमद देखी गई है. इसी तरह वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में, मार्च में दान ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए, जिसमें 11.14 करोड़ रुपये का योगदान हुआ है. इस साल मार्च में वाराणसी में रिकॉर्ड तोड़ 9.56 मिलियन तीर्थयात्री आए.
दर्शनों के बारे में जानकारी देने वाले प्लेटफॉर्म टेंपल कनेक्ट के संस्थापक ने बताया कि किसी भी तीर्थस्थल पर प्रति व्यक्ति औसत खर्च लगभग 2,500 रुपये रहा है, जिसके और भी बढ़ने की संभावना है.
धार्मिक स्थलों की बढ़ी मांग
मेकमायट्रिप द्वारा इंडिया ट्रैवल ट्रेंड्स रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले दो वर्षों (2023 बनाम 2021) में धार्मिक स्थलों के साथ या उसके आसपास के डेस्टिनेशन की खोज 97 फीसदी बढ़ी है.
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 की तुलना में अयोध्या के लिए खोज में 585 फीसदी, उज्जैन के लिए 359 फीसदी, बद्रीनाथ के लिए 343 फीसदी, अमरनाथ के लिए 329 फीसदी, केदारनाथ के लिए 322 फीसदी, मथुरा के लिए 223 फीसदी, द्वारकाधीश के लिए 193 फीसदी, शिरडी के लिए 181 फीसदी, हरिद्वार के लिए 117 फीसदी और बोधगया के लिए 114 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
रिपोर्ट के अनुसार हरिद्वार और ऋषिकेश में चार धाम यात्रा में पहले ही 1.4 मिलियन यात्राएं हो चुकी हैं, जिसमें प्रति सप्ताह औसत पंजीकरण 25,000 को पार कर गया है.