नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा बढ़ाकर 5,000 रुपये और प्रति लेनदेन सीमा 1,000 रुपये कर दी. ऐसा मोबाइल फोन के माध्यम से लोकप्रिय इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम को व्यापक रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया जा रहा है.
वर्तमान में ऑफलाइन भुगतान लेनदेन की ऊपरी सीमा 500 रुपये है. और भुगतान साधन पर ऑफलाइन लेनदेन की कुल सीमा किसी भी समय 2,000 रुपये है.
रिजर्व बैंक ने जनवरी 2022 में जारी ऑफलाइन फ्रेमवर्क में संशोधन किया, जिसका उद्देश्य ऑफलाइन मोड में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतानों को सुविधाजनक बनाना है.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक के एक सर्कुलर में कहा गया है कि यूपीआई लाइट के लिए बढ़ी हुई सीमा 1,000 रुपये प्रति लेनदेन होगी, जिसमें किसी भी समय कुल सीमा 5,000 रुपये होगी.
इसका मतलब है कि ग्राहक किसी भी समय अपने UPI लाइट वॉलेट में 5000 रुपये रख सकते हैं. और अब वे अपने UPI पिन या सर्टिफिकेशन का यूज किए बिना उस वॉलेट से 1000 रुपये तक का भुगतान कर सकते हैं.
UPI लाइट क्या है?
ऑफलाइन भुगतान का मतलब है ऐसा लेनदेन जिसके लिए इंटरनेट या टेलीकॉम कनेक्टिविटी की आवश्यकता नहीं होती है.
क्या UPI लाइट ऑफलाइन है?
UPI लाइट लेनदेन ऑफलाइन होते हैं कि उपयोगकर्ता को अपने मोबाइल फोन के जरिए लेनदेन करने के लिए UPI पिन की आवश्यकता नहीं होती है. लेनदेन अलर्ट भी उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय में नहीं भेजे जाते हैं.