नई दिल्ली: रेमंड समूह की तीन निजी कंपनियों, जेके इन्वेस्टर्स (जेकेआई) (बॉम्बे), रेमंड कंज्यूमर केयर (आरसीसीएल) और स्मार्ट एडवाइजरी और फिनसर्व ने ईजीएम के माध्यम से नवाज मोदी-सिंघानिया को अपने बोर्ड से बाहर कर दिया है. मोदी-सिंघानिया ने इनमें से दो कंपनियों को हटाने के खिलाफ उनके बोर्ड से संपर्क किया था. रेमंड समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) गौतम सिंघानिया और उनकी अलग पत्नी नवाज मोदी के बीच तलाक समझौता बात-चीत विफल होने के महीनों बाद, नवाज मोदी ने दावा किया कि गौतम सिंघानिया की ओर से उन्हें निदेशक मंडल से हटाने के लिए बोली लगाई गई थी.
नवाज मोदी-सिंघानिया और उनके अलग हो चुके. गौतम सिंघानिया ने तलाक की घोषणा की थी. इस जोड़े ने पहले नवंबर 2023 में अलग होने की घोषणा की थी.
बता दें कि जून, 2015 में जेकेआई में, दिसंबर 2020 में आरसीसीएल में और अक्टूबर, 2017 में स्मार्ट एडवाइजरी और फिनसर्व में निदेशक नियुक्त किया गया था. नवाज मोदी को जब पता चला कि उन्हें इन कंपनियों से हटा दिया गया है, वह स्मार्ट एडवाइजरी और फिनसर्व और रेमंड कंज्यूमर केयर के बोर्ड के सामने पेश हुईं. मोदी-सिंघानिया ने मुंबई में रेमंड कार्यालय में प्रवेश करने से पहले कहा, "जब से मैं सिंघानिया के कुकर्मों को उजागर कर रही हूं, तब से मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है.
मीडिया को नवाज मोदी ने कहा कि वे मुझे हटाने के लिए अमान्य आधार हैं. आगे कहा कि क्या प्रमुख शेयरधारक प्रमोटर ने अपना काम करने, अपना कर्तव्य निभाने के लिए मुझ पर अपना विश्वास खो दिया है? उन्होंने (गौतम) अपना विश्वास खो दिया है. मैं क्योंकि मैं उसे बुला रहा हूं, मैं इन बिंदुओं को विस्तार से बताने जा रहा हूं.
नवाज मोदी का पति पर गंभीर आरोप
मीडिया से बात करते हुए नवाज मोदी ने कहा कि डॉ विजयपक सिंधानिया ने कहा कि मुझे संपत्ति का कुल 50 फीसदी मिलना चाहिए, लेकिन नवाज मोदी का कहना हा कि 25 फीसदी हिस्सा ही चाहिए. बाकी 25 फीसदी बेटी निहारिका और 25 फीसदी बेटी निसा के लिए चाहिए. नवाज मोदी ने एक गंभीर आरोप लगाया कि कंपनी फंड का यूज सिंघानिया के निजी फायदे के लिए कर रही है.