नई दिल्ली: योग गुरू स्वामी रामदेव की नेतृत्व वाली पतंजलि ग्रुप की मिश्कलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब जीएसटी इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट जनरल ने पतंजलि ग्रुप की कंपनियों पतंजलि आयुर्वेद और पतंजलि फूड्स को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. कंपनी ने कहा कि उसे एक कारण बताओ नोटिस मिला है, जिसमें कंपनी और उसके अधिकारियों को से कारण बताने को कहा है क्यों न उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट वयूला जाए और जुर्माना क्यों न लगाया जाए.
कंपनी द्वारा की गई एक नियामक फाइलिंग के अनुसार, योग गुरु रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी, जो मुख्य रूप से खाद्य तेल बिजनेस में है, को जीएसटी इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट जनरल, चंडीगढ़ जोनल यूनिट से नोटिस मिला है. कंपनी ने कहा कि कंपनी को एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है. कंपनी, उसके अधिकारियों और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं को कारण बताने के लिए कहा गया है कि 27,46,14,343 रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट राशि (ब्याज सहित) क्यों नहीं वसूली जानी चाहिए, और क्यों जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए.
पतंजलि के 14 प्रोडक्ट के लाइसेंस रद्द
उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव की दवा कंपनी पतंजलि के 14 प्रोडक्ट के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं. ऐसा कंपनी की ओर से अपने प्रोडक्ट के बारे में बार-बार भ्रामक एड पब्लिस करने के लिए किया गया है. जिन प्रोडक्ट के लाइसेंस रद्द किए गए हैं उनमें स्वासारि गोल्ड, स्वासारि वटी, ब्रोंकोम, स्वासारि प्रवाही, स्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई शामिल हैं.