मुंबई: संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने देश में टॉप रेगुलेटरी ऑथॉरिटी के कामकाज की समीक्षा करने का फैसला किया है. PAC ने 24 अक्टूबर को सेबी और ट्राई के प्रमुखों को बयान के लिए बुलाया है. वित्त मंत्रालय (आर्थिक मामलों का विभाग) के टॉप अधिकारी और संचार मंत्रालय को भी प्रमुख संसदीय पैनल के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार पैनल के सामने पेश होने के लिए सेबी के अध्यक्ष बधाबी पुरी बुच और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी के प्रतिनिधियों के आने की संभावना है.
लोक लेखा समिति (PAC) क्या है?
PAC संसद के 22 से अधिक चयनित सदस्यों (जिन्हें सरकार में मंत्री बनने की अनुमति नहीं है) की एक समिति है जो भारत सरकार के राजस्व और खर्च का लेखा-परीक्षण करती है.
15 सदस्य लोकसभा द्वारा चुने जाते हैं जबकि सात राज्यसभा द्वारा चुने जाते हैं जो संसद में रखे जाने के बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (C&AG) की लेखा-परीक्षा रिपोर्ट की जांच करके सरकार के व्यय बिल पर नियंत्रण रखने का काम करते हैं.
पीएसी के अध्यक्ष वर्तमान में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल हैं. इसमें सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी भारतीय ब्लॉक दोनों के सदस्य हैं.