नई दिल्ली: भारत में लोगों का शेयर बाजार में दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अनुसार, महाराष्ट्र 1.7 करोड़ निवेशकों के साथ देश में सबसे आगे है, जो कुल निवेशक आधार का 16.8 फीसदी है. उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है, जिसने अप्रैल में एक करोड़ निवेशकों को पार कर लिया और अगस्त तक 1.1 करोड़ तक पहुंच गया और कुल निवेशकों का 11.1 फीसदी हिस्सा रखता है.
गुजरात 88.5 लाख निवेशकों (8.7 फीसदी) के साथ तीसरे स्थान पर है, पश्चिम बंगाल 59 लाख (5.8 फीसदी) के साथ और राजस्थान 57.8 लाख (5.7 फीसदी) के साथ तीसरे स्थान पर है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल संयुक्त रूप से अब शेयर बाजारों में हर चार निवेशकों में से लगभग एक का प्रतिनिधित्व करते हैं.
एनएसई ने कहा कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के टॉप पांच राज्यों में अब देश के सभी निवेशकों का लगभग आधा (48 फीसदी) हिस्सा शामिल है.
रिपोर्ट में एक उभरती हुई नेचर का भी खुलासा किया गया है, उत्तर और पूर्वी भारत क्षेत्र नए निवेशक पंजीकरण में सबसे अधिक वृद्धि दिखा रहा है. पिछले एक साल में, इन क्षेत्रों ने बड़ी संख्या में नए निवेशकों को जोड़ा है, जिससे देश भर में निवेशक आधार और व्यापक हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शीर्ष दस से बाहर के राज्यों में अब 27 फीसदी की हिस्सेदारी है, जो वित्त वर्ष 2020 में 23 फीसदी थी.
पिछले महीने भारतीय शेयर बाजारों ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, क्योंकि देश में पंजीकृत निवेशकों की कुल संख्या अगस्त में दस करोड़ के आंकड़े को पार कर गई. भारतीय शेयर बाजार को अपने पहले एक करोड़ पंजीकृत निवेशकों तक पहुंचने में 25 साल से अधिक का समय लगा.