नई दिल्ली: पब्लिक प्रोविडेंट फंड बेहतर भविष्य के लिए निवेश का एक अच्छा जरिया माना जाता है. इसमें पैसा निवेश कर लोग अपने रिटायरमेंट की तैयारी करते है. पीपीएफ अकाउंट को लेकर हाल में कुछ नियमों में बदलाव किया गया है. नई गाइडलाइन्स में नाबालिगों के नाम पर खोले जाने वाले कई पीपीएफ अकाउंच और नेशनल स्मॉल सेविंग्स स्कीम के तहत डाकघरों के माध्यम से एनआरआई के लिए पीपीएफ अकाउंट के विस्तार से जुड़े नियम बदले गए हैं.
इन नियमों में किया गया बदलाव
आर्थिक मामलों के विभाग ने सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) खाते रखने वाले अनिवासी भारतीयों (NRI) को प्रभावित करने वाले नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की है. 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी, ये बदलाव उन PPF खातों पर ब्याज अर्जित करने के तरीके को प्रभावित करेंगे, जो रेसिडेंशियल डिटेल्स के बिना खोले गए थे.
NRI के लिए वर्तमान नियम
वर्तमान में, PPF खाते रखने वाले NRI, जिनके लिए निवास विवरण की आवश्यकता नहीं थी, वे डाकघर बचत खाते (POSA) दर पर ब्याज अर्जित करना जारी रखते हैं. यह ब्याज दर 30 सितंबर, 2024 तक लागू रहेगी. हालांकि, इस डेट के बाद, इन खातों पर ब्याज 0 फीसदी हो जाएगा.
नया नियम क्या है?
आर्थिक मामलों के विभाग ने डाकघरों के माध्यम से राष्ट्रीय लघु बचत योजनाओं (NSS) के तहत बचत खाते खोलने में अनियमितताओं को दूर करने के लिए ये नए नियम पेश किए हैं. इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य इन खातों को शुरू में कैसे स्थापित किया गया था, उसमें विसंगतियों को नियमित और सही करना है.
30 सितंबर के बाद नहीं मिलेगा ब्याज
पीपीएफ खातों वाले एक्टिव एनआरआई के लिए, इस बदलाव का मतलब है कि पीपीएफ खातों पर ब्याज दर जो निवास आवश्यकताओं का पालन नहीं करते थे, 1 अक्टूबर, 2024 से 0 फीसदी तक गिर जाएगी. एक से अधिक पीपीएफ अकाउंट होने पर प्राइमरी अकाउंट में स्कीम की ब्याज दर के हिसाब से पैसा आता रहेगा. दूसरे अकाउंट में पड़ा पैसा प्राइमरी अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इसके अलावा प्राइमरी औऱ सेकंड अकाउंट के अलावा कितने भी अकाउंट होने पर उनमें ब्याज नहीं दिया जाएगा. एनआरआई पीपीएफ अकाउंट में भी पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के बराबर ब्याज 30 सितंबर तक दिया जाएगा. उसके बाद ब्याज नहीं मिलेगा.
नाबालिग को पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के बराबार मिलेगा ब्याज
ऐसे अनियमित अकाउंट के लिए पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के बराबर ब्याज का भुगतान तब तक किया जाएगा, जब तक कि नाबालिग 18 साल का नहीं हो जाता है. इसके बाद उसे ब्याज दर का भुगतान किया जाएगा. ऐसे अकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड उस डेट से माना जाएगा जिस दिन नाबालिग 18 साल का हो जाएगा.