मुंबई: स्टॉक एक्सचेंजों के आंकड़ों के अनुसार, भारत के सबसे बड़े सॉफ्टवेयर सेवा निर्यातकों में से एक के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने अपने पोते तो इंफोसिस के शेयर दिए है. नारायण मूर्ति ने अपने 4 महीने के पोते को लगभग 243 करोड़ रुपये मूल्य के 15 लाख से अधिक शेयर गिफ्ट में दिए हैं. शेयरों की राशि इंफोसिस की शेयर पूंजी का 0.04 फीसदी है. भारत के सबसे कम उम्र के करोड़पति बन गया है.
एक्सचेंज फाइलिंग से मिली जानकारी
एक्सचेंज फाइलिंग से पता चला कि एकाग्रह ने भारत की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी में 15,00,000 शेयर या 0.04 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की. इस अधिग्रहण के बाद, इंफोसिस में मूर्ति की हिस्सेदारी 0.40 फीसदी से घटकर 0.36 फीसदीया 1.51 करोड़ से अधिक शेयर हो गई. लेन-देन का तरीका ऑफ-मार्केट था.
पोते का नाम रखा एकाग्र
नवंबर में, मूर्ति और लेखक-परोपकारी सुधा मूर्ति दादा-दादी बन गए, जब उनके बेटे रोहन मूर्ति और पत्नी अपर्णा कृष्णन ने एक बच्चे का स्वागत किया था. बता दें कि बच्चे का नाम एकाग्र रखा गया, जो एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है अटूट ध्यान और दृढ़ संकल्प है. इस नाम को कथित तौर पर महाभारत में अर्जुन के एकाग्र से प्रेरित होकर रखा गया है.
इन्फोसिस की यात्रा 1981 में 250 डॉलर से शुरू हुई और आज यह भारत की सबसे सम्मानित कंपनियों में से एक है, क्योंकि इसने कॉर्पोरेट प्रशासन और धन सृजन को डेमोक्रेटिक बनाने के लिए एक नया प्रतिमान बनाया है. सुधा मूर्ति ने 250 डॉलर के साथ इंफोसिस को आगे बढ़ाया.
25 वर्षों से अधिक समय तक इंफोसिस फाउंडेशन का नेतृत्व करने के बाद, मूर्ति दिसंबर 2021 में अपनी भूमिका से सेवानिवृत्त हो गईं और अपने परिवार के फाउंडेशन के माध्यम से धर्मार्थ प्रयासों पर काम करना जारी रखा.बता दें कि सुधा मुर्ति ने हाल ही में भारत के उच्च सदन राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में शपथ ली.