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महिलाओं के लिए रेलवे में गजब के फायदे, टिकट नहीं ली तो भी ट्रेन से नहीं उतारेगा TTE - Women Travelers In Train - WOMEN TRAVELERS IN TRAIN

Benefits Of Women Travelers In Train- यह कहा जा सकता है कि भारत में सार्वजनिक परिवहन के मामले में ट्रेन की अहम भूमिका है. बहुत से लोग हमेशा ट्रेन से यात्रा करते हैं. खास तौर पर दूर-दराज के इलाकों में जाने वाले लोग ज्यादातर ट्रेन का ही सहारा लेते हैं. हालांकि, महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कुछ खास सुविधाएं दी जाती हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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ट्रेन (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 26, 2024, 2:38 PM IST

नई दिल्ली: भारत में सार्वजनिक परिवहन के सबसे सस्ते साधनों में से एक रेलवे है. इसलिए कई लोग दूर-दराज के इलाकों में यात्रा करने के लिए ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं. इसी के अनुरूप भारतीय रेलवे भी समय-समय पर यात्रियों के लिए नई-नई योजनाएं और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. इसी तरह महिलाओं को आरामदायक यात्रा के लिए कुछ खास सुविधाएं दी जा रही हैं. आज हम इस कभर के माध्यम से जानते है कि भारतीय रेलवे महिलाओं के लिए क्या-क्या सुविधाएं देता है?

ट्रेनों में आमतौर पर सीनियर सिटीजन कोटा होता है. 60 साल से ऊपर के लोग इस कोटे के तहत टिकट बुक कर सकते हैं. वहीं, महिलाओं के लिए यह आयु सीमा 45 साल है. साथ ही उन्हें लोअर बर्थ भी अलॉट की जाएगी. इसके अलावा रेलवे विभाग सीनियर सिटीजन सेक्शन के अलावा सभी महिलाओं के लिए कुछ सीटें भी अलॉट कर रहा है.

महिलाओं के लिए अलग से कोच की सुविधा
आजकल कई महिलाएं अकेले ही दूर-दराज के इलाकों में यात्रा करती हैं. ऐसे में उन्हें बिना किसी परेशानी के कुछ खास सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. अगर महिलाओं को अकेले यात्रा करनी है और परिवार के साथ नहीं, तो वे महिलाओं के लिए निर्धारित कोटे में टिकट बुक करा सकती हैं. ट्रेनों में महिलाओं के लिए अलग से कोच होते हैं. पुरुषों को उसमें प्रवेश की अनुमति नहीं होती.

केवल 12 वर्ष से कम आयु के लड़कों को ही अनुमति दी जाती है. इसके अलावा अगर कोई नियम तोड़ता है और पुरुष महिला डिब्बे में प्रवेश करते हैं, तो भारतीय रेलवे महिलाओं की शिकायत के आधार पर कानूनी कार्रवाई करेगा. भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 के अनुसार.. केवल सैन्य कर्मियों को ही महिलाओं के डिब्बे में प्रवेश की अनुमति है.

बिना टिकट के ट्रेन में चढ़ते हैं तो क्या होगा?
भारतीय रेलवे अधिनियम के अनुसार, यात्रा टिकट परीक्षक (टीटीई) को बिना टिकट के ट्रेन में यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को बाहर निकालने का अधिकार नहीं है. जुर्माना भरने के बाद महिला अपनी यात्रा जारी रख सकती है. अगर वह जुर्माना भरने में असमर्थ है, तो टीटीई के पास उसके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है. अगर आप महिलाओं को ट्रेन से उतरना चाहते हैं, अगर आप उनसे बात करना चाहते हैं, तो यह केवल एक महिला कांस्टेबल ही कर सकती है

इसके अलावा, भारतीय रेलवे विभाग ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाए हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर ये कैमरे रेलवे स्टेशन परिसर में नहीं हैं तो महिलाओं को इसकी शिकायत करने का भी अधिकार है.

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नई दिल्ली: भारत में सार्वजनिक परिवहन के सबसे सस्ते साधनों में से एक रेलवे है. इसलिए कई लोग दूर-दराज के इलाकों में यात्रा करने के लिए ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं. इसी के अनुरूप भारतीय रेलवे भी समय-समय पर यात्रियों के लिए नई-नई योजनाएं और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. इसी तरह महिलाओं को आरामदायक यात्रा के लिए कुछ खास सुविधाएं दी जा रही हैं. आज हम इस कभर के माध्यम से जानते है कि भारतीय रेलवे महिलाओं के लिए क्या-क्या सुविधाएं देता है?

ट्रेनों में आमतौर पर सीनियर सिटीजन कोटा होता है. 60 साल से ऊपर के लोग इस कोटे के तहत टिकट बुक कर सकते हैं. वहीं, महिलाओं के लिए यह आयु सीमा 45 साल है. साथ ही उन्हें लोअर बर्थ भी अलॉट की जाएगी. इसके अलावा रेलवे विभाग सीनियर सिटीजन सेक्शन के अलावा सभी महिलाओं के लिए कुछ सीटें भी अलॉट कर रहा है.

महिलाओं के लिए अलग से कोच की सुविधा
आजकल कई महिलाएं अकेले ही दूर-दराज के इलाकों में यात्रा करती हैं. ऐसे में उन्हें बिना किसी परेशानी के कुछ खास सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. अगर महिलाओं को अकेले यात्रा करनी है और परिवार के साथ नहीं, तो वे महिलाओं के लिए निर्धारित कोटे में टिकट बुक करा सकती हैं. ट्रेनों में महिलाओं के लिए अलग से कोच होते हैं. पुरुषों को उसमें प्रवेश की अनुमति नहीं होती.

केवल 12 वर्ष से कम आयु के लड़कों को ही अनुमति दी जाती है. इसके अलावा अगर कोई नियम तोड़ता है और पुरुष महिला डिब्बे में प्रवेश करते हैं, तो भारतीय रेलवे महिलाओं की शिकायत के आधार पर कानूनी कार्रवाई करेगा. भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 के अनुसार.. केवल सैन्य कर्मियों को ही महिलाओं के डिब्बे में प्रवेश की अनुमति है.

बिना टिकट के ट्रेन में चढ़ते हैं तो क्या होगा?
भारतीय रेलवे अधिनियम के अनुसार, यात्रा टिकट परीक्षक (टीटीई) को बिना टिकट के ट्रेन में यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को बाहर निकालने का अधिकार नहीं है. जुर्माना भरने के बाद महिला अपनी यात्रा जारी रख सकती है. अगर वह जुर्माना भरने में असमर्थ है, तो टीटीई के पास उसके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है. अगर आप महिलाओं को ट्रेन से उतरना चाहते हैं, अगर आप उनसे बात करना चाहते हैं, तो यह केवल एक महिला कांस्टेबल ही कर सकती है

इसके अलावा, भारतीय रेलवे विभाग ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाए हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर ये कैमरे रेलवे स्टेशन परिसर में नहीं हैं तो महिलाओं को इसकी शिकायत करने का भी अधिकार है.

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