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किसी भी शेयर की खरीदारी से पहले जान लें ये 6 बातें, हो जाएंगे मालामाल - How to Choose Stocks for Investment

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2024, 7:01 AM IST

How to Choose Stocks for Investment- स्टॉक में निवेश करने वाले व्यक्ति अपने पोर्टफोलियो रिटर्न को अधिकतम करना चाहते हैं, तो निवेश करने के पहले शेयरों का विश्लेषण करना जरुरी हो जाता है. ज्यादातर लोग शेयरों में निवेश करने से पहले दूसरों से टिप्स मांगते हैं कि कौन से शेयर खरीदें या कहां पैसा निवेश करें. लेकिन आज इस खबर के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि बिना टिप्स मांगे कैसे आप किसी भी कंपनी को समझ सकते हैं.

Stock Market
शेयर बाजार (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)

नई दिल्ली: शेयर बाजार में तो आज के समय में बहुत सारे लोग निवेश कर रहे हैं, लेकिन सभी लोग मुनाफा नहीं कमा पाते. ज्यादातर लोग नुकसान होने पर शेयर बाजार छोड़ देते हैं. सिर्फ कुछ लोग होते हैं जो अमीरों में शुमार हो जाते हैं. कई लोग तो ऐसे है जिन्होंने शेयर बाजार से सिर्फ पैसा ही नहीं बनाया बल्कि करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी है और अरबों रुपये की प्रॉपर्टी बना डाली.

कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है और काम से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है. शेयर बाजार में निवेश करने से पहले सिर्फ अच्छे स्टॉक की पहचाने की जरुरत है. क्या पता आपका सिक्का चल जाए और रातों-रात करोड़पति बनने का मौका मिल जाए. निवेश की प्लानिंग और तरीका ठीक होगा तो कोई रईस बनने से रोक नहीं पाएगा. निवेश की बारीकियों को समझना होगा.

शेयर बाजार को लोग अक्सर जुआ कहते है. लेकिन ये टेक्निकली करेक्ट नहीं है. ये भी एक कारोबार है जो आपकी समझ और विवेक पर काम करता है. यहां सतर्कता के साथ सही प्लानिंग की जरुरत पड़ती है. लेकिन अमीर बनने के लिए सिर्फ निवेश ही काफी मनबीं है. निवेश कहां करना है और कितना करना है ये जानकारी भी जरुरी है.

पिछले दशक में भारत की अर्थव्यवस्था और जीडीपी में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, वर्तमान जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर है. महामारी और आर्थिक संकट के बावजूद, भारत ने खुद को बचाए रखा है और शेयर मूल्यों में भी बढ़ोतरी देखी है. हाल ही में, भारतीय शेयर बाजार में कई नए निवेशक आए हैं. व्यवसायी और वेतनभोगी कर्मचारी अपने पैसे को बढ़ाने और भविष्य के लिए बचत करने के लिए शेयरों की ओर देख रहे हैं. यकीनन, शेयरों में निवेश करने से आपका पैसा सबसे तेजी से बढ़ता है, भले ही इसमें जोखिम और आशंकाएं हों. लेकिन अगर आप शेयर बाजार में नए है तो आपको शेयरों में निवेश करने से पहले कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. ऑनलाइन शेयर बाजार में निवेश करने के तरीके की अच्छी समझ के साथ, अगला कदम अपनी पसंद के ब्रोकर के साथ डीमैट खाता खोलना है. डीमैट खोलने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि कौन से शेयर में निवेश करें?

कंपनी की बैलेंस शीट को समझना
अगर आप भी शेयर खरीदने का सोच रहे तो ये खबर आपके लिए हैं. इस खबर में आप सीखेंगे कि शेयरों का विश्लेषण कैसे करें, कीमत बढ़ेगी या घटेगी, कंपनी के फाइनेंशियल डिटेल्स की चेक करें, जिसमें रेवेन्यू, नेट प्रॉफिट, कुल संपत्ति, लायबिलिटी और कैश फ्लो शामिल हैं. ज्यादातर लोग शेयरों में निवेश करने से पहले दूसरों से टिप्स मांगते है कि कौन से शेयर खरीदे या कहां पैसा निवेश करें. लेकिन आज इस खबर के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि बिना टिप्स मांगे कैसे शेयर को खरीदे. किसी कंपनी की बैलेंस शीट किसी खास समय और तारीख पर कंपनी की परिसंपत्तियों, देनदारियों और शेयरधारकों की इक्विटी का जानकारी देती है.

  1. रेवेन्यू- राजस्व वह कुल पैसे है जो कंपनी किसी निश्चित अवधि में गुड्स या सर्विस को बेचकर कमाती है. इसे सेल या इनकम भी कहा जाता है.
  2. एसेट- एसेट वह चीज है जिसका स्वामित्व या नियंत्रण किसी बिजनेस या आर्थिक इकाई के पास होता है और जिसका यूज आर्थिक मूल्य उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है. परिसंपत्तियों को नकदी में बदला जा सकता है.
  3. नेट इनकम- नेट इनकम वह पैसे है जो कंपनी के पास सभी खर्चों का भुगतान करने के बाद बचती है, जिसमें बेचे गए गुड्स की लागत, ब्याज, टैक्स और बहुत कुछ शामिल है. इसकी गणना कुल राजस्व से सभी खर्चों को घटाकर की जाती है. नेट इनकम किसी कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी का एक प्रमुख संकेतक है और इसकी इनकम डिटेल्स में दिखाई देती है.
  4. नेट प्रॉफिट- नेट प्रॉफिट, जिसे नेट इनकम या नेट कमाई के रूप में भी जाना जाता है, वह पैसे है जो किसी व्यवसाय के पास किसी निश्चित अवधि में उसके कुल राजस्व से सभी व्ययों को घटाने के बाद बचती है. यह किसी कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी का एक प्रमुख संकेतक है.
  5. लायबिलिटी- देनदारियां वे लोन या दायित्व हैं जो किसी व्यक्ति या कंपनी को किसी और के प्रति देने होते हैं. किसी कंपनी के ऊपर कितना कर्ज है.
  6. कैश फ्लो- सामान्य तौर पर, कैश फ्लो किसी व्यवसाय, परियोजना या वित्तीय उत्पाद में किए गए या उससे बाहर किए गए भुगतान को संदर्भित करता है. परिचालन कैश फ्लो के उदाहरणों में वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री, वेतन भुगतान, किराया भुगतान और आयकर भुगतान शामिल हैं.

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नई दिल्ली: शेयर बाजार में तो आज के समय में बहुत सारे लोग निवेश कर रहे हैं, लेकिन सभी लोग मुनाफा नहीं कमा पाते. ज्यादातर लोग नुकसान होने पर शेयर बाजार छोड़ देते हैं. सिर्फ कुछ लोग होते हैं जो अमीरों में शुमार हो जाते हैं. कई लोग तो ऐसे है जिन्होंने शेयर बाजार से सिर्फ पैसा ही नहीं बनाया बल्कि करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी है और अरबों रुपये की प्रॉपर्टी बना डाली.

कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है और काम से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है. शेयर बाजार में निवेश करने से पहले सिर्फ अच्छे स्टॉक की पहचाने की जरुरत है. क्या पता आपका सिक्का चल जाए और रातों-रात करोड़पति बनने का मौका मिल जाए. निवेश की प्लानिंग और तरीका ठीक होगा तो कोई रईस बनने से रोक नहीं पाएगा. निवेश की बारीकियों को समझना होगा.

शेयर बाजार को लोग अक्सर जुआ कहते है. लेकिन ये टेक्निकली करेक्ट नहीं है. ये भी एक कारोबार है जो आपकी समझ और विवेक पर काम करता है. यहां सतर्कता के साथ सही प्लानिंग की जरुरत पड़ती है. लेकिन अमीर बनने के लिए सिर्फ निवेश ही काफी मनबीं है. निवेश कहां करना है और कितना करना है ये जानकारी भी जरुरी है.

पिछले दशक में भारत की अर्थव्यवस्था और जीडीपी में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, वर्तमान जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर है. महामारी और आर्थिक संकट के बावजूद, भारत ने खुद को बचाए रखा है और शेयर मूल्यों में भी बढ़ोतरी देखी है. हाल ही में, भारतीय शेयर बाजार में कई नए निवेशक आए हैं. व्यवसायी और वेतनभोगी कर्मचारी अपने पैसे को बढ़ाने और भविष्य के लिए बचत करने के लिए शेयरों की ओर देख रहे हैं. यकीनन, शेयरों में निवेश करने से आपका पैसा सबसे तेजी से बढ़ता है, भले ही इसमें जोखिम और आशंकाएं हों. लेकिन अगर आप शेयर बाजार में नए है तो आपको शेयरों में निवेश करने से पहले कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. ऑनलाइन शेयर बाजार में निवेश करने के तरीके की अच्छी समझ के साथ, अगला कदम अपनी पसंद के ब्रोकर के साथ डीमैट खाता खोलना है. डीमैट खोलने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि कौन से शेयर में निवेश करें?

कंपनी की बैलेंस शीट को समझना
अगर आप भी शेयर खरीदने का सोच रहे तो ये खबर आपके लिए हैं. इस खबर में आप सीखेंगे कि शेयरों का विश्लेषण कैसे करें, कीमत बढ़ेगी या घटेगी, कंपनी के फाइनेंशियल डिटेल्स की चेक करें, जिसमें रेवेन्यू, नेट प्रॉफिट, कुल संपत्ति, लायबिलिटी और कैश फ्लो शामिल हैं. ज्यादातर लोग शेयरों में निवेश करने से पहले दूसरों से टिप्स मांगते है कि कौन से शेयर खरीदे या कहां पैसा निवेश करें. लेकिन आज इस खबर के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि बिना टिप्स मांगे कैसे शेयर को खरीदे. किसी कंपनी की बैलेंस शीट किसी खास समय और तारीख पर कंपनी की परिसंपत्तियों, देनदारियों और शेयरधारकों की इक्विटी का जानकारी देती है.

  1. रेवेन्यू- राजस्व वह कुल पैसे है जो कंपनी किसी निश्चित अवधि में गुड्स या सर्विस को बेचकर कमाती है. इसे सेल या इनकम भी कहा जाता है.
  2. एसेट- एसेट वह चीज है जिसका स्वामित्व या नियंत्रण किसी बिजनेस या आर्थिक इकाई के पास होता है और जिसका यूज आर्थिक मूल्य उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है. परिसंपत्तियों को नकदी में बदला जा सकता है.
  3. नेट इनकम- नेट इनकम वह पैसे है जो कंपनी के पास सभी खर्चों का भुगतान करने के बाद बचती है, जिसमें बेचे गए गुड्स की लागत, ब्याज, टैक्स और बहुत कुछ शामिल है. इसकी गणना कुल राजस्व से सभी खर्चों को घटाकर की जाती है. नेट इनकम किसी कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी का एक प्रमुख संकेतक है और इसकी इनकम डिटेल्स में दिखाई देती है.
  4. नेट प्रॉफिट- नेट प्रॉफिट, जिसे नेट इनकम या नेट कमाई के रूप में भी जाना जाता है, वह पैसे है जो किसी व्यवसाय के पास किसी निश्चित अवधि में उसके कुल राजस्व से सभी व्ययों को घटाने के बाद बचती है. यह किसी कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी का एक प्रमुख संकेतक है.
  5. लायबिलिटी- देनदारियां वे लोन या दायित्व हैं जो किसी व्यक्ति या कंपनी को किसी और के प्रति देने होते हैं. किसी कंपनी के ऊपर कितना कर्ज है.
  6. कैश फ्लो- सामान्य तौर पर, कैश फ्लो किसी व्यवसाय, परियोजना या वित्तीय उत्पाद में किए गए या उससे बाहर किए गए भुगतान को संदर्भित करता है. परिचालन कैश फ्लो के उदाहरणों में वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री, वेतन भुगतान, किराया भुगतान और आयकर भुगतान शामिल हैं.

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